गोवा का लग्जरी होटल 100 करोड़ और केजरीवाल पर ED के कैसे-कैसे आरोप
गोवा का लग्जरी होटल 100 करोड़ और केजरीवाल पर ED के कैसे-कैसे आरोप
दिल्ली शराब घोटाले में ईडी ने मुख्यमंत्री अरविंंद केजरीवाल पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्हें किंंगपिन बताते हुए घोटाले से मिले पैसे कहां और कैसे खर्च हुए इसका एक-एक ब्योरा दिया है.
नई दिल्ली. शराब घोटाले में ईडी ने बुधवार को सप्लीमेंट्री चार्जशीट पेश की. इसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. ED के मुताबिक, गोवा चुनाव के दौरान केजरीवाल गोवा के एक लग्जरी होटल में रुके थे. घोटाले से मिले 100 करोड़ रुपये में कुछ पैसों का यहां उन्होंने इस्तेमाल किया. कस्टम पॉलिसी तय करने के लिए मंत्रियों का समूह बनाना सिर्फ एक दिखावा था. केजरीवाल ही सारे फैसले ले रहे थे. यहां तक कि उन्होंने पासवर्ड भी किसी से शेयर नहीं करने को कहा था. कोर्ट ने उनके खिलाफ 12 जुलाई के लिए प्रोडक्शन वारंट भी जारी कर दिया है.
209 पन्नों की चार्जशीट में ईडी ने कहा, अरविंंद केजरीवाल ही पूरे घोटाले के मास्टरमाइंड हैं. दिल्ली सरकार के मंत्रियों, आम आदमी पार्टी के नेताओं और कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर उन्होंने इस घोटाले को आंजाम दिया. ईडी ने दावा किया कि केजरीवाल गोवा के ग्रैंड हयात होटल में रुके थे. वहां चनप्रीत नाम के एक शख्स से मुलाकात हुई. वहीं पर घोटाले से मिले पैसे का इस्तेमाल किया. इतना ही नहीं, स्कैम से मिले इस पैसे को दिल्ली सरकार के खजाने में भी मिलाया. दक्षिण के कुछ नेताओं और शराब कारोबारियों ने 2021-22 की दिल्ली शराब नीति को अपने हिसाब से बनवाने के लिए ये 100 करोड़ की रिश्वत दी थी. इस फंड में 45 करोड़ रुपये आम आदमी पार्टी को भेज दिए गए, जिसे 2022 में गोवा विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान खर्च किया गया. आम आदमी पार्टी ने इस पैसे को अपने बही खाते में भी नहीं दिखाया. इतना ही नहीं, चुनाव आयोग को भी नहीं बताया.
पूरे 100 करोड़ पर केजरीवाल के हाथ में आए
ईडी ने दावा किया कि शराब कारोबारियों से मिले पूरे 100 करोड़ पर केजरीवाल के हाथ में आए. इस तरह से शराब के उत्पादन, उसे बेचने को लेकर गलत नीतियां बनाई गईं. पीएमएलए एक्ट की धारा 4 के तहत वे मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में दोषी हैं. साथ ही, आम आदमी पार्टी के मुखिया के तौर पर पीएमएलए की धारा 70 के तहत वे जिम्मेदार हैं. ईडी ने बताया कि 21 मार्च को गिरफ्तारी के बाद से अब तक 11 बार उनका बयान दर्ज किया गया. पूछताछ के दौरान उन्होंने गोलमोल जवाब दिया और जानकारी छिपाई. जांच एजेंसी ने कहा कि उसने केजरीवाल के कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जब्त किया है, लेकिन वे इन गैजेट्स को नहीं खोल रहे हैं. पूछताछ के दौरान उनके इनकार करने का वीडियो भी हमारे पास है.
कभी पासवर्ड शेयर नहीं किया
ईडी ने कहा, केजरीवाल से हमने जब भी गैजेट खोलने के लिए कहा, वे बार-बार यही कहते हैं कि उनके वकीलों ने सलाह दी है कि गैजेट्स के पासवर्ड कभी शेयर न करें. केजरीवाल आम आदमी पार्टी के मुखिया हैं. हर तरह के नीति निर्माण, पैसे कैसे लिए जाएं और उसे कहां खर्च किया जाए, इसपर केजरीवाल का नियंत्रण था. गोवा चुनाव में कहां से और कितने पैसे खर्च किए जाएं, ये भी उन्होंने ही तय किया. मामले में एक अन्य आरोपी विनोद चौहान दिल्ली जल बोर्ड में अधिकारियों की पोस्टिंंग का मैनेजमेंट कर रहा था. उसी ने 45 करोड़ रुपये की कथित रिश्वत में से 25.5 करोड़ रुपये दिल्ली से गोवा भिजवाने का इंतजाम किया.
मंत्री ने खुद कहा-उनसे राय नहीं ली गई
ईडी ने कहा कि दिल्ली सरकार ने जो ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स बनाया, उनसे कभी सलाह ही नहीं ली गई. दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने अपने बयान में साफ कहा है कि ‘वह केवल नीतिगत बदलावों से सहमत थे क्योंकि मनीष सिसोदिया एक वरिष्ठ नेता थे. सिसोदिया ने कहा था कि इससे लाभ मार्जिन में वृद्धि होगी. 5 प्रतिशत से 12 प्रतिशत करने का प्रस्ताव अच्छा था, इसलिए मैंने भी इस प्रस्ताव पर हामी भर दी थी.’ आप के कुछ नेताओं को व्यक्तिगत फायदा पहुंचाने के लिए यह शराब नीति लाई गई थी. आरोपी विजय नायर केजरीवाल का करीबी सहयोगी था. उसने ही बदलाव करवाए और रिश्वत लेने देने के लिए बिचौलिए के रूप में काम किया. केजरीवाल ने खुद साउथ ग्रुप के लोगों से रिश्वत मांगी. जब कुछ एल1 थोक विक्रेताओं ने दिल्ली में आप को रिश्वत देने से इनकार कर दिया, तो राज्य के अधिकारियों के माध्यम से पंजाब में उनके कारोबार को निशाना बनाया गया.
Tags: Arvind kejriwal, CM Arvind Kejriwal, Delhi CM Arvind Kejriwal, Delhi liquor scamFIRST PUBLISHED : July 10, 2024, 20:42 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed