साथ पढ़े-साथ बढ़े अब दुश्मन को एक साथ दिखा रहे आंख गजब है 2 दोस्तों की कहानी
साथ पढ़े-साथ बढ़े अब दुश्मन को एक साथ दिखा रहे आंख गजब है 2 दोस्तों की कहानी
Army Chief Upendra Dwivedi News: नेवी चीफ दिनेश कुमार त्रिपाठी और आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी दोनों एक ही स्कूल से पढ़े हुए हैं. स्कूल के दिनों से ही दोनों के बीच दोस्ती भी पक्की है. अब दोनों एक साथ मिलकर दुश्मन देशों को आंखें दिखा रहे हैं. जी हां, जनरल द्विवेदी और एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी साल 1973 से 1981 तक मध्य प्रदेश के सैनिक स्कूल रीवा में छात्र थे.
नई दिल्ली: कभी एक ही स्कूल में साथ पढ़ते थे. आज रक्षा मंत्रालय के दो अहम पदों पर काबिज हैं. यह कहानी है दो दोस्तों की… दो क्लासमेट की और भारतीय सेना के दो जाबाजों की. चार दशक पहले तक दोनों क्लासमेट थे और पक्के वाले दोस्त भी. मगर आज उनमें से एक आर्मी का चीफ है तो दूसरा नेवी चीफ. जी हां, जनरल उपेंद्र द्विवेदी भारत के आर्मी चीफ बन गए हैं. जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने रविवार को थल सेनाध्यक्ष का पदभार संभाला. वह अब साउथ ब्लॉक की पहली मंजिल पर आर्मी चीफ की कुर्सी पर बैठने लगे हैं. यहां से कुछ कमरों की दूरी पर ही उनके बचपन का दोस्त और क्लासमेट भी बैठता है. नाम है एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी. एडमिनरल दिनेश कुमार त्रिपाठी कुछ महीने पहले ही नेवी चीफ बने हैं.
नेवी चीफ दिनेश कुमार त्रिपाठी और आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी दोनों एक ही स्कूल से पढ़े हुए हैं. स्कूल के दिनों से ही दोनों के बीच दोस्ती भी पक्की है. अब दोनों एक साथ मिलकर दुश्मन देशों को आंखें दिखा रहे हैं. जी हां, जनरल द्विवेदी और एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी साल 1973 से 1981 तक मध्य प्रदेश के सैनिक स्कूल रीवा में छात्र थे. एक ही स्कूल के दो क्लासमेट का भारतीय सेना के दो अहम अंगों में शीर्ष पद पर पहुंचना, संभवत: यह देश का पहला मामला है. रीवा सैनिक स्कूल के छात्र रह चुके नेवी चीफ दिनेश कुमार त्रिपाठी और आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी की यह कहानी किसी मिसाल से कम नहीं है. इस दोस्ती के किस्से तो दशकों तक सुनाए जाएंगे. इन दो दोस्तों से तो अब चीन-पाकिस्तान भी थर-थर कांपेगा.
अब एक ही बिल्डिंग में बैठेंगे दो दोस्त
वैसे तो नेवी चीफ दिनेश त्रिपाठी अपने दोस्त आर्मी उपेंद्र द्विवेदी का वेलकम करने के लिए साउथ ब्लॉक में तैयार थे. मगर देश की जिम्मेदारियों ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया. एडमिरल त्रिपाठी अपने दोस्त का साउथ ब्लॉक में स्वागत नहीं कर सके. क्योंकि वे आधिकारिक दौरे पर बांग्लादेश गए हुए थे. हालांकि, अब अगले दो सालों तक दोनों एक ही बिल्डिंग में अक्सर एक साथ ही उठते-बैठते रहेंगे. दोनों क्लासमेट को भारत की सीमा को अधिक सुरक्षित बनाने और तीनों सेनाओं के बीच एकजुटता लाने के लिए भी नियमित रूप से साथ-साथ बैठना होगा.
पाक-चीन के सामने दो दोस्त
जनरल उपेंद्र द्विवेदी जम्मू और कश्मीर राइफल्स की रेजिमेंट के पहले सेना प्रमुख भी हैं. यह जम्मू और कश्मीर के डोगरा शासकों के पूर्व शाही घराने से जुड़ा एक यूनिट है. यह रेजिमेंट एक स्टेट फोर्स था, जिसे 1957 में भारतीय सेना में शामिल कर लिया गया था. वह ऐसे वक्त में आर्मी चीफ बने हैं, जब सीमा पर चीन के साथ-साथ पाकिस्तान से भी तनाव बरकरार है. अब चीन और पाकिस्तान के सामने दो दोस्त सीना तानकर खड़े दिखेंगे. यहां दिलचस्प बात है कि आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी रीवा जिले के गढ़ उड़िया गांव के निवासी हैं. जबकि नेवी चीफ दिनेश त्रिपाठी सतना के रहने वाले हैं. यानी ये दोनों न केवल ही स्कूल, बल्कि एक ही राज्य से आते हैं. आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी का तो अब रीवा शहर में भी घर है.
एक ही स्कूल से पढ़ाई
अब एक नजर उन दोनों की पढ़ाई-लिखाई पर डालते हैं. आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी की शुरूआती पढ़ाई-लिखाई रायपुर छत्तीसगढ़ से हुई है. मगर 5वीं क्लास के बाद उनका एडमिशन रीवा सैनिक स्कूल में हो गया. रीवा सैनिक स्कूल में उन्होंने साल 1973 से 1981 तक 12वीं तक की पढ़ाई की. इसी क्लास में उनके साथ नेवी चीफ दिनेश कुमार त्रिपाठी भी थे. दोनों ने एक साथ सैनिक स्कूल में पांचवी से बारहवीं तक की पढ़ाई की. इस दौरान दोनों में दोस्ती भी अच्छी रही. बाद में दिनेश त्रिपाठी का चयन नौसेना में तो उपेंद्र द्विवेदी का थल सेना में हो गया. जनरल द्विवेदी 15 दिसंबर 1984 को भारतीय सेना की जम्मू कश्मीर राइफल्स में शामिल हुए थे.
कौन हैं उपेंद्र द्विवेदी?
उपेंद्र द्विवेदी का जन्म 1 जुलाई 1964 को हुआ है. जनरल उपेंद्र द्विवेदी देश के 30वें सेना प्रमुख का बन गए हैं. उन्होंने जनरल मनोज पांडे की जगह ली है. जनरल उपेंद्र द्विवेदी को चीन और पाकिस्तान से सटी सीमाओं पर कार्य करने का व्यापक अनुभव है. वह उप सेना प्रमुख के रूप में भी काम कर चुके हैं. 19 फरवरी को सेना के उप प्रमुख का कार्यभार संभालने से पहले जनरल द्विवेदी 2022-2024 तक उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ रहे थे. उन्होंने 13 लाख जवानों वाली सेना की कमान ऐसे समय में संभाली है, जब भारत चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चुनौतियों समेत कई सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है.
नेवी चीफ राकेश त्रिपाठी कौन हैं?
राकेश त्रिपाठी इंडियन नेवी के चीफ हैं और वो भी रीवा सैनिक स्कूल से पढ़े हैं. उन्होंने एक जुलाई 1985 को भारतीय नौसेना ज्वाइन की थी. दिनेश त्रिपाठी ने रीवा सैनिक स्कूल में 1973 से 1981 तक पढ़ाई की थी. वह 1981 बैच के पासआउट हैं. 1981 में सैनिक स्कूल से पासआउट होकर राष्ट्रीय रक्षा अकादमी खडकवासला में पढ़ाई कर नौसेना का प्रशिक्षण लिया था. वह 1 जुलाई 1985 को नौसेना शामिल हुए थे. वह 30 अप्रैल को नेवी चीफ बने थे.
Tags: Indian army, Indian navyFIRST PUBLISHED : July 1, 2024, 10:45 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed