जमीन के अंदर बना हैं यहां का मंदिर किसी को नहीं हैं इसके स्थापना की जानकारी

Padhiyatal Mata Mandir: उत्तर प्रदेश के महराजगंज में कई प्राचीन मंदिर हैं. इन सभी मंदिरों की अपनी अलग-अलग परंपराएं हैं. ऐसे में यहां के मंदिर जमीन के नीचे बनाया गया है. इस मंदिर का नान पढ़ियाताल माता का मंदिर है. इस मंदिर की मान्यताओं के अनुसार यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन-पूजन के लिए पहुंचते हैं.

जमीन के अंदर बना हैं यहां का मंदिर किसी को नहीं हैं इसके स्थापना की जानकारी
महाराजगंज: पड़ोसी देश नेपाल से लगे उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले में बहुत से प्राचीन मंदिर हैं. इन मंदिरों की अपनी अलग-अलग कहानी और मान्यताएं हैं. ऐसे में ठूठीबारी से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पढ़ियाताल माता मंदिर की कहानी भी कुछ ऐसी ही है. जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित इस मंदिर के बारे में अलग-अलग कहानी और मान्यताएं प्रचलित हैं. इस मंदिर परिसर में थोड़ी-थोड़ी दूरी पर कई मंदिर बने हुए हैं. इनमें से एक मंदिर ऐसा है जो जमीन के अंदर बना हुआ है. जानें इस मंदिर की कहानी मंदिर के पुजारी ने बताया कि एक समय में इस मंदिर में एक पुजारी रहते थे, उन्होंने जमीन के अंदर इस मंदिर का निर्माण कराया था. इस मंदिर में ही वह पूजा-पाठ करते थे और इसी में वह ध्यान भी करते थे. उन्होंने एक लंबे समय तक इस मंदिर में पुजारी के रूप में सेवा किया. उनको लेकर भी आसपास के लोगों में अलग-अलग कहानियां प्रचलित है. ऐसे में मंदिर जाने पर वर्तमान समय के पुजारी और सेवादारों ने भी उनके बारे में बताया. यह मंदिर जिस जगह पर स्थित है. पहले यहां सिर्फ जंगल हुआ करता था. हालांकि समय बदला और इसे मुख्य मार्ग से भी जोड़ दिया गया. दूर–दूर से दर्शन को आते हैं लोग रहस्यों से भरे इस मंदिर में दर्शन के लिए बड़ी संख्या में लोग आते रहते हैं. शायद ही कोई ऐसा दिन होगा जब यहां लोगों की भीड़ देखने को ना मिले. आसपास के लोगों के साथ ही पड़ोसी देश नेपाल से भी श्रद्धालु यहां आते हैं. मंदिर परिसर में धार्मिक अनुष्ठान होते रहते हैं. वहीं, इस पढ़ियाताल माता मंदिर तक पहुंचने के लिए जिला मुख्यालय से ठूठीबारी पहुंचना होगा. इसके बाद ठूठीबारी से पश्चिम की तरफ 3 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद इस मंदिर परिसर तक पहुंचा जा सकता है. Tags: Local18, Maharajganj NewsFIRST PUBLISHED : August 18, 2024, 09:28 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed