सलूंबर : बीजेपी को राहत कांग्रेस आहत क्या रंग लाएगी रघुवीर मीणा की नाराजगी

Salumber Assembly By-election : मेवाड़ अंचल की सलूंबर विधानसभा सीट पर बीजेपी में बगावत का झंडा झुक जाने से उसे राहत मिल गई है। लेकिन अब कांग्रेसी खेमे में तनाव बढ़ रहा है. यह तनाव कांग्रेस के वरिष्ठ आदिवासी नेता रघुवीर मीणा की नाराजगी को लेकर है. पढ़ें ताजा सियासी हालात.

सलूंबर : बीजेपी को राहत कांग्रेस आहत क्या रंग लाएगी रघुवीर मीणा की नाराजगी
उदयपुर. सलूंबर विधानसभा उपचुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया खत्म हो चुकी है. उपचुनाव में पहले बीजेपी में बगावत देखने को मिल रही थी. बीजेपी ने तो जैसे-तैसे करके नामांकन प्रक्रिया से पहले ही बगावत पर काबू पा लिया. लेकिन अब कांग्रेस सांसत में फंस गई है. कांग्रेस के कद्दावर और आदिवासी नेता रघुवीर सिंह मीणा टिकट वितरण के पार्टी के फैसले से बेहद नाराज हैं. वे कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी को नामांकन दाखिल कराने तक नहीं पहुंचे. इससे कांग्रेसी खेमा चिंता में है. सलूंबर विधानसभा सीट पर कांग्रेस से पिछले कई बरसों से रघुवीर सिंह मीणा या उनकी पत्नी बसंती देवी मीणा को टिकट मिलता रहा है. इस बार कांग्रेस आलाकमान ने लगातार हार रहे रघुवीर सिंह मीणा को दरकिनार करते हुए रेशमा मीणा पर दांव खेला है. रेशमा मीणा का नाम फाइनल होते ही रघुवीर सिंह मीणा पार्टी से खफा खफा से रहने लगे. रेशमा मीणा ने 2018 में बागी होकर लड़ा था चुनाव दरअसल रेशमा मीणा ने वर्ष 2018 में कांग्रेस से बगावत करते हुए रघुवीर सिंह मीणा के सामने निर्दलीय चुनाव लड़ा था. रघुवीर मीणा अपनी हार का ठीकरा रेशमा मीणा के निर्दलीय चुनाव लड़ने पर फोड़ते रहे हैं. ऐसे में उन्होंने पार्टी आलाकमान से फैसले पर पुर्नविचार करने की मांग भी की थी. उनका कहना था कि बगावत करने वालों पर दांव नहीं खेला जाना चाहिए. लेकिन पार्टी ने रघुवीर मीणा की बात का ज्यादा तवज्जो नहीं दी. रघुवीर मीणा की नाराजगी कांग्रेस के लिए सिरदर्द बनी हुई है इससे रघुवीर मीणा की नाराजगी और बढ़ गई. हालात यहां तक हो गए कि वे रेशमा मीणा के नामांकन रैली में भी नहीं पहुंचे. रघुवीर मीणा कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ आदिवासी नेताओं में शामिल हैं. वे सांसद और विधायक रहने के साथ-साथ CWC के मेंबर तथा संगठन में कई पदों पर रह चुके हैं. ऐसे रघुवीर मीणा की नाराजगी कांग्रेस के लिए सिरदर्द बनी हुई है. बीजेपी ने सलूंबर में सुहानभूति कार्ड खेल रखा है दूसरी तरफ यहां भारतीय जनता पार्टी के लिए राहत मिल चुकी है. टिकट वितरण के बाद बगावत पर उतर रहे नरेंद्र मीणा का गुस्सा ठंडा हो गया है. मुख्यमंत्री भजनलाल से मुलाकात करने के बाद उन्होंने अब क्षेत्र में पार्टी की अधिकृत प्रत्याशी शांता देवी मीणा के प्रचार प्रसार की कमान संभाल ली है. नरेंद्र मीणा भी टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे. लेकिन पार्टी ने दिवंगत विधायक अमृतलाल मीणा की पत्नी शांता देवी मीणा को टिकट देकर सुहानभूति कार्ड खेला है. BAP बीजेपी और कांग्रेस का दे रही है कड़ी चुनौती प्रदेश में सात सीटों पर हो रहे उपचुनावों में से केवल सलूंबर सीट बीजेपी के पास थी. लिहाजा वह इसे बरकरार रखने के लिए जी जान लगा रही है. लेकिन उसकी यह राह इतनी आसान भी नहीं है. क्योंकि आदिवासी बाहुल्य इलाकों में तेजी से पैर पसार रही भारत आदिवासी पार्टी उसके लिए चुनौती बनी हुई है. बीएपी ने यहां से जितेश कटारा को चुनाव मैदान में उतार रखा है. वे आदिवासी युवाओं को अपने साथ मिलाकर पूरे दमखम के साथ चुनावी मैदान में डटे हुए हैं और जीत का दावा कर रहे हैं. जितेश ने पिछले चुनावों में भी करीब 51 हजार वोट लिए थे. Tags: Assembly by election, Rajasthan news, Rajasthan Politics, Udaipur newsFIRST PUBLISHED : October 26, 2024, 11:28 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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