5 सीटों पर परिवारों का पहरा कोई नहीं छोड़ना चाहता विरासत बस एक ही चाहत

Rajasthan Upchunav : राजस्थान में विधानसभा की 7 सीटों के लिए हो रहे उपचुनावों में प्रमुख पार्टियों ने परिवारवाद की सियासत हावी हो रही है. बीजेपी और कांग्रेस समेत आएलपी में परिवारवाद की साफ छाया देखी जा सकती है.

5 सीटों पर परिवारों का पहरा कोई नहीं छोड़ना चाहता विरासत बस एक ही चाहत
जयपुर. राजस्थान में सात सीटों पर हो रहे उपचुनाव में पांच सीटों पर राजनीतिक परिवारों के सदस्य ही चुनाव मैदान में उतारे गए हैं. इन इलाकों के ये राजनीतिक परिवार अपनी राजनीतिक विरासत को किस भी हाल में छोड़ना नहीं चाहते हैं। लगातार एक ही परिवार के सदस्यों को टिकट मिलते रहने की टीका टिप्पणी के बीच पार्टियों का रट रटाया जवाब है कि टिकट सर्वें, जीत की संभावना और जनता की डिमांड के अनुसार दिए गए हैं. इन सात सीटों के उपचुनावों में केवल टोंक की देवली उनियारा और डूंगरपुर की चौरासी सीट ऐसी है जहां राजनीतिक परिवारों से इतर प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे गए हैं. झुंझुनूं सीट पर कांग्रेस ने यहां के दिग्गज नेता रहे पूर्व केन्द्रीय मंत्री शीशराम ओला की तीसरी पीढ़ी अमित ओला को चुनाव मैदान में उतारा है. शीशराम खुद आठ बार विधायक और पांच बार सांसद रहे थे. उनके बेटे बृजेन्द्र ओला चार विधायक रह चुके हैं. वे अब सांसद बन गए हैं. अब उनके बेटे अमित ओला चुनाव मैदान में हैं. बृजेन्द्र ओला की पत्नी राजबाला ओला जिला प्रमुख रह चुकी हैं. रामगढ़ में कांग्रेस ने दिवंगत विधायक के बेटे को दिया टिकट रामगढ़ सीट पर कांग्रेस ने दिवंगत विधायक जुबेर खान के बेटे आर्यन को टिकट थमाया है. जुबेर खान रामगढ़ से चार बार विधायक रहे थे. वहीं एक बार जुबेर खान की पत्नी सफिया खान विधायक रही हैं. अब कांग्रेस ने जुबेर खान के बेटे को चुनाव मैदान में उतार रखा है. हवाला वही जीत की गारंटी और सर्वे का दिया गया. पार्टी के तर्कों और सियासी समीकरणों के चलते झुंझुनूं की तरह इस सीट के दावेदार फिर देखते रह गए. बीजेपी ने सलूंबर में दिवंगत विधायक की पत्नी को दिया है टिकट कांग्रेस जैसे ही हाल बीजेपी के हैं. बीजेपी सलूंबर सीट पर अपने दिवंगत विधायक अमृतलाल मीणा की पत्नी शांता देवी को मैदान में उतार रखा है. अमृतलाल मीणा तीन बार सलूंबर से विधायक रहे थे. उनकी पत्नी नगरपालिका अध्यक्ष हैं. वे तीन बार सरपंच भी रह चुकी हैं. यहां बीजेपी ने जीत के फेर में सहानुभूति की लहर पर सवार होने की कोशिश कर दूसरे दावेदारों को दरकिनार कर दिया. इसके कारण बगावत के सुर भी उठे. दौसा में बीजेपी मंत्री के भाई को मैदान में उतारा दौसा में भी बीजेपी ने भजनलाल सरकार के कैबिनेट मंत्री किरोड़ीलाल मीणा के छोटे भाई जगमोहन मीणा को टिकट दिया है. किरोड़ीलाल मीणा छह बार विधायक रहने के साथ ही दो बार लोकसभा सांसद और एक बार राज्यसभा सांसद रह चुके हैं. किरोड़ीलाल मीणा का इस इलाके में खासा दबदबा है. यहां भी बीजेपी के दूसरे दावेदार मुंह ताकते रह गए और जगमोहन मीणा टिकट पाने में कामयाब हो गए. मीणा के भतीजे भी विधायक हैं। मीणा की पत्नी गोलमा देवी भी विधायक और मंत्री रह चुकी हैं. खींवसर सीट पर आरएलपी ने भी ऐसा ही किया कुछ ऐसे ही हाल नागौर की खींवसर विधानसभा सीट के हैं. वहां आरएलपी ने पार्टी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका बेनीवाल को चुनाव मैदान में उतारा है. हनुमान बेनीवाल खुद खींवसर से चार बार विधायक रह चुके हैं. अब वे लगातार दूसरी बार नागौर से सांसद चुने गए हैं. बेनीवाल ने पिछली बार सांसद बनने के बाद जब विधायकी छोड़ी थी तो अपने छोटे भाई नारायण बेनीवाल को विधायक बनाया था. इस बार सांसद बनने के बाद विधायक पद से इस्तीफा दिया तो पत्नी को विधायक बनाने के लिए मैदान में उतार दिया. Tags: Assembly by election, Jaipur news, Rajasthan news, Rajasthan PoliticsFIRST PUBLISHED : October 28, 2024, 11:39 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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