कोटा और अलवर लोकसभा सीट पर क्यों टिकी हैं सबकी नजरें जानें क्या खास है यहां

Jaipur News: राजस्थान की कोटा और अलवर लोकसभा सीट पर मुकाबला बड़ा और कड़ा है. राजस्थान की इन दोनों हॉट सीट पर बीजेपी से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र सिंह यादव चुनाव मैदान में हैं. इन दोनों सीटों पर राजनीतिक पंडितों के साथ आमजन की भी नजरें टिकी हुई हैं.

कोटा और अलवर लोकसभा सीट पर क्यों टिकी हैं सबकी नजरें जानें क्या खास है यहां
जयपुर. राजस्थान में इस बार लोकसभा चुनावों में कई सीटों पर मुकाबला कड़ा है. लोकसभा चुनाव 2024 के एग्जिट पोल राजस्थान में भले ही बीजेपी की पुरानी सफलता दोहराने का अनुमान नहीं जता रहे हैं लेकिन फिर भी भाजपा का पलड़ा भारी बताया जा रहा है. राजस्थान में पांच महीने पहले सत्ता में लौटी बीजेपी ने लोकसभा चुनाव से पहले यहां के युवा मतदाताओं पर फोकस किया और उसमें कुछ हद तक सफलता भी हासिल की. राजस्थान में अलवर और कोटा दो लोकसभा सीटें बेहद अहम हैं. इसकी वजह है कि कोटा सीट से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और अलवर में केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र सिंह यादव चुनाव मैदान में डटे होना. अलवर सीट पर बार मुकालबा यादव बनाम यादव के बीच है. यहां इस चुनाव में मुख्य मुद्दा स्थानीय बनाम बाहरी का रहा है. कांग्रेस ने बीजेपी प्रत्याशी भूपेन्द्र सिंह को यादव को बाहरी करार देते हुए स्थानीय युवा नेता ललित यादव को आगे किया. भूपेंद्र यादव राजस्थान के अजमेर से ताल्लुक रखते हैं. यहां मतदाता बेरोजगारी, पानी की कमी और खराब बुनियादी ढांचे जैसी अनसुलझे स्थानीय समस्याओं को लेकर नाराजगी जाहिर करते रहे हैं. मतदाताओं के इस असंतोष के बीच बीजेपी ने अपनी राष्ट्रीय उपलब्धियों को उनके आगे रखा है. जबकि कांग्रेस ने स्थानीय मुद्दों और जातिगत फैक्टर पर ध्यान केंद्रित किया है. अलवर में कांग्रेस को लग चुका है बड़ा झटका कांग्रेस में अलवर में बीजेपी के लिए फेवर इस बात का रहा कि यहां टिकट को लेकर कांग्रेस के कुनबे में अच्छा खासा बखेड़ा हो गया था. कांग्रेस ने यहां नए चेहरे मुंडावर विधायक ललित यादव को चुनाव मैदान में उतारा तो यहां पार्टी के दिग्गज एवं वरिष्ठ नेता डॉ. करण सिंह नाराज हो गए. इसके लिए उन्होंने राहुल गांधी के करीबी एवं अलवर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य भंवर जितेन्द्र सिंह को आड़े हाथों ले लिया. बाद में यह मामला इतना फैला कि डॉ. करण सिंह ने चुनाव से पहले कांग्रेस का टाटा, बाय-बाय कह दिया और उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया. इससे कांग्रेस को जहां बड़ा झटका लगा वहीं बीजेपी को खासी राहत मिली. बिरला और गुंजल में हो रहा है बड़ा मुकाबला राजस्थान की दूसरी अहम सीट कोटा है. कोचिंग सिटी के रूप में देशभर में प्रसिद्ध कोटा से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला तीसरी बार चुनाव मैदान में हैं. वे इससे पहले कोटा दक्षिण से तीन बार विधायक रह चुके हैं. यहां उनका मुकाबला टिकट नहीं मिलने की वजह से बीजेपी को छोड़कर कांग्रेस में गए उनके चिर परिचित प्रतिंद्वदी प्रहलाद गुंजल से है. प्रहलाद गुंजल कोटा उत्तर से विधायक रह चुके हैं. पार्टी में एक साथ रहते दोनों के बीच राजनीतिक तल्खियां गाहे-बगाहे सामने आती रही हैं. बीजेपी का गढ़ माना जाता है हड़ौती को अब दोनों एक दूसरे के खिलाफ चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे हैं. लिहाजा दोनों के बीच कड़ी टक्कर है. यूं तो हाड़ौती (कोटा, बारां, बूंदी और झालावाड़) को बीजेपी का गढ़ माना माना जाता है. लेकिन इतिहास पर नजर डालें तो कांग्रेस भी यहां लगातार अपनी उपस्थित दर्ज कराती रही है. कोटा के प्रमुख मुद्दों में यहां के कोचिंग स्टूडेंट्स के सुसाइड केस चर्चा का विषय बने हुए हैं. इस पर देशभर में चिंता जताई जा रही है. वहीं कोटा का एयरपोर्ट का मुद्दा लगातार गरमाता रहा है. बहरहाल दो दिन बाद परिणाम सामने आ जाएंगे और साफ हो जाएगा कि मतदाताओं ने किसको गले लगाया है और किसको दरकिनार किया है. Tags: Jaipur news, Loksabha Election 2024, Rajasthan newsFIRST PUBLISHED : June 2, 2024, 13:27 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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