जल जीवन मिशन घोटाला: नलों ने पानी की जगह उगले रुपये फर्जीवाड़े की पार हुई हद
जल जीवन मिशन घोटाला: नलों ने पानी की जगह उगले रुपये फर्जीवाड़े की पार हुई हद
Rajasthan News : जल जीवन मिशन में राजस्थान में हुए करोड़ों रुपये के घोटाले की जड़ें बेहद गहरी हैं. इस घोटाले की शुरुआत पूर्ववर्ती गहलोत राज के समय हुई थी. इस केस में अभी तक कई अधिकारियों पर गाज गिर चुकी है. जानें कहां से हुई इसकी शुरुआत.
जयपुर. हर घर को नल से जल पहुंचाने की केन्द्र सरकार के जल जीवन मिशन में राजस्थान में घोटाले का घुन्न लग गया. यह घुन्न ऐसा लगा कि बाद में इसकी जड़े खोदने के लिए ईडी ने जांच-पड़ताल शुरू की तो वह हैरान रह गई. पूर्व में जल जीवन मिशन को लेकर बीजेपी के तत्कालीन राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने 20 हजार करोड़ रुपये के घोटाले के आरोप लगाए थे. ईडी की जांच में इस मिशन में राजस्थान में भ्रष्टाचार को भयावह चेहरा सामने आया. राजस्थान में इस घोटाले की शुरुआत पूर्ववर्ती गहलोत राज के समय हुई थी.
जल जीवन मिशन घोटाले को लेकर पूर्व जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत गहलोत पर लगातार हमलावर रहे. वे बार-बार इस मामले में भ्रष्टाचार और धीमी प्रगति को लेकर गहलोत सरकार से नाराजगी जताते रहे. बाद में इसके तार पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के जलदाय मंत्री महेश जोशी से जुड़ने लगे. इससे यह मामला धीरे-धीरे गरमाने लगा. आरोप-प्रत्यारोपों के बाद में यह मामला पूरे राजस्थान में छा गया. विभागीय स्तर पर जांच पड़ताल और एसीबी से होता हुआ यह मामला मामला प्रवर्तन निदेशालय तक पहुंचा. प्रारंभिक जांच रिपोर्टों में मिले तथ्यों के आधार पर ईडी ने यह केस अपने हाथ में ले लिया.
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योजनाएं कागजों में बनी और उनमें ही क्रियान्वित कर दी गई
ईडी ने महेश जोशी के घर पर छापामारी की. इससे सूबे की सियासत गरमा गई. केन्द्र सरकार पर राजस्थान में बदले की भावना से काम करने आरोप लगे. कांग्रेस भी इस पर बिफर गई. ईडी ने अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए घोटाले के तार खोजकर घपलेबाजों और पूर्व मंत्री महेश जोशी के करीबियों पर शिकंजा कसना शुरू किया. इससे हड़कंप मच गया. आरोपों की बुनियाद पर इस मामले में आगे बढ़ी ईडी ने मिशन से जुड़ी टेंडर और वर्क ऑर्डर की अन्य फाइलें खंगाली तो वह सन्न रह गई. मिशन में जिस तरह से फर्जीवाड़ा किया गया उसकी परतें खुलने लगी. योजना को लेकर प्लान कागजों में ही बने और कागजों में उनका क्रियान्वयन कर दिया गया. पूर्व केन्द्रीय मंत्री शेखावत का आरोप यह भी रहा था कि योजना केन्द्र की होने के कारण गहलोत सरकार इसमें कोई सहयोग नहीं किया. राजनीतिक प्रतिद्वंदता के कारण प्रदेश के लोगों को योजना का लाभ नहीं मिल पाया.
फर्जीवाड़े के खेल के अहम बिन्दु भाजपा के वरिष्ठ नेता किरोड़ीलाल मीणा ने जल जीवन मिशन योजना में 20 हजार करोड़ रुपये के घोटाले के आरोपों की शिकायत ईडी को की थी. उन्होंने मैसर्स गणपति ट्यूबवैल कंपनी और मैसर्स श्री श्याम ट्यूबवैल कंपनी को इरकॉन के फर्जी सर्टिफिकेट के जरिए 900 करोड़ रुपये टेंडर आवंटित करने की शिकायत की थी. घोटाले की शुरुआत साल 2021 में उस समय हुई जब जलदाय विभाग के मुख्य अभियंता मनीष बेनीवाल ने श्री श्याम ट्यूबवैल और गणपति ट्यूबवैल कंपनी के मालिक पदमचंद जैन से सांठ-गांठ कर उनको फर्जी इरकॉन के सर्टिफिकेट से नियम विरुद्ध करोड़ों रुपये के टेंडर आवंटित किए. बेनीवाल ने मैसर्स गणपति ट्यूबवैल कंपनी को पहला टेंडर सितंबर 2021 को जारी किया था. बेनीवाल ने साल 2021 में एक साथ चार टेंडर आवंटित किए थे. जलदाय विभाग की ओर से भ्रष्टाचार की जांच करने के बाद भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो भी इस मामले को लेकर हरकत में आ गया. उसने जल जीवन मिशन घोटाले में लिप्त माने गए एक दर्जन से ज्यादा अधिकारियों की जांच के लिए विभाग से सहयोग मांगा. उसने भ्रष्टाचार करने वाले बड़े मगरमच्छों में शामिल वरिष्ठ इंजीनियर्स के खिलाफ शिकंजा कसने की तैयारी कर ली. करीब एक दर्जन अधिकारी उसके राडार पर रहे. सभी जांच एजेंसियों की जांच में मिशन में हुए भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी गहरी मिली कि उसे समझना मुश्किल हो गया. ईडी धीरे-धीरे भ्रष्टाचार की जड़ें खोदते हुए महेश जोशी की करीब संजय बड़ाया तक पहुंची. उसकी पूरी कुंडली खंगाली. तब सामने आया है कि संजय बड़ाया ने ठेकेदार पदम जैन से करीब साढे 5 करोड रुपए की रिश्वत ली है. संजय बड़ाया पूर्व मंत्री महेश जोशी के लिए दलाली का काम करता था. पहले विधानसभा और फिर लोकसभा चुनावों में इस महाघोटाले की जोरदार गूंज रही. लोकसभा चुनाव समाप्त होने के बाद आचार संहिता हटते ही भजनलाल सकरार ने भी बहुचर्चित महाघोटाले की जांच के लिए उच्च स्तरीय जांच समितियां बनाई. जलदाय शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने इसकी नए सिरे करने विभागीय जांच करने और उसे पारदर्शी और परिणामदायक बनाने के लिए नया फॉर्मूला अपनाया.
घपलेबाजों के हाथ पांव फूलने लगे हैं
अब इस मामले में ईडी महेश जोशी के करीबी संजय बड़ाया को दबोचा तो उसने राज खोलने शुरू किए. इससे जहां ईडी की जांच को मजबूती मिली है वहीं घपलेबाजों के हाथ पांव फूलने लगे हैं. बहरलाल ईडी पूरे मामले की जांच में जुटी है. उसे उम्मीद है इसमें अभी और बड़े नाम आने बाकी हैं.
(इनपुट- राकेश शर्मा)
Tags: Jaipur news, Jal Jeevan Mission scam, Rajasthan newsFIRST PUBLISHED : July 19, 2024, 10:55 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed