कई महीने से हवा में लटक रहा इस पुल का पिलर जमुई बरमसिया ब्रिज का बेसमेंट टूटा
कई महीने से हवा में लटक रहा इस पुल का पिलर जमुई बरमसिया ब्रिज का बेसमेंट टूटा
Jamui News: बिहार में टूटते पुलों की खबरों के बीच जर्जर हो चुके पुलों की अपनी कहानियां हैं. प्रशासनिक लापरवाही के कारण करोड़ों रुपये की लागत से बना जमुई के बरमसिया पुल का तीन पिलर और बेसमेंट क्षतिग्रस्त हो चुका है, वहीं हजारों की आबादी को शहर से जोड़ने वाले पुल का एक पिलर हवा में झूल रहा है.
हाइलाइट्स जमुई में बरमसिया पुल का तीन पिलर और बेसमेंट हुआ क्षतिग्रस्त. बड़ी आबादी को शहर से जोड़ने वाले पुल का पिलर हवा में झूल रहा. चार विधायकों के फंड से 2004 में पुल का कराया गया था निर्माण.
जमुई. जिले का झाझा शहर से दर्जनों गांवों को जोड़ने वाली उलाय नदी पर बनी बरमसिया काजवे पुल कभी भी धराशायी हो सकता है. इस बरसात में पुल का तीन पिलर क्षतिग्रस्त हो चुका है. पुल का बेसमेंट कई जगह बिल्कुल क्षतिग्रस्त हो चुका है. बीते कई महीनों से पुल का एक पिलर हवा में लटक रहा है. 3 साल से पुल के पिलर की दरार लगातार बढ़ रही है. पुल के धराशायी हो जाने के बाद झाझा और सोनो प्रखंड के लगभग 40 गांव के लोगों का आवागमन प्रभावित हो जाएगा. जिससे इलाके के लोगों को झाझा शहर आने -जाने में काफी परेशानी होगी.
झाझा प्रखंड के चार पंचायत के हजारों लोगों की लाइफ लाइन कहीं जाने वाली बरमसिया का काजवे पुल का निर्माण 2004 में पूर्व केंद्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह की पहल पर जिले के सभी चार विधायकों के फंड के 60 लाख रुपए से कराया गया था. पुल की लंबाई 350 मीटर और चौड़ाई 20 फीट है, जिसमें कुल 15 पिलर हैं. जानकारी के अनुसार ग्रामीण इलाके से झाझा शहर आने वाले लोगों को कोई परेशानी नहीं हो उन्हें नदी पार कर कर जान जोखिम में नहीं डालना पड़े इसलिए उलाय नदी पर बरमसिया पुल का निर्माण हुआ. पुल के एक छोर पर झाझा शहर है तो दूसरे छोर पर महापुर पंचायत का बरमसिया गांव में जब से इसका निर्माण हुआ तब से मरम्मती के अभाव में पुल का बुरा हाल हुआ है.
बताया जा रहा है कि बीते 3 सालों से स्कूल की स्थिति बिगड़ती जा रही है, बरसात के बाद नदी में पानी के बहन के दबाव के कारण फूलों के तीन पिलर का निचला हिस्सा खोखला हो चुका है, जिसका गार्ड वॉल टूट चुका है. अगर बारिश के बाद नदी में पानी का तेज बहाव होगा, तो उसके दबाव से पुल नदी में समा सकता है. स्कूल का एक पिलर दो फिट लगभग आधा हवा में झूल रहा है, निचला हिस्सा धंस जाने के कारण यह पिलर पूरी तरह से लटक जाएगा. अगर यह पल पूरी तरह धराशाई होता है तो लगभग 40 गांव के हजारों लोगों की मुश्किलें बढ़ जाएगी.
जर्जर हो चुके पुल के जगह पर दूसरे पुल के निर्माण की मांग जोर पकड़ रही है. बीते दिनों झाझा के विधायक दामोदर रावत ने भी बरमसिया पुल की स्थिति का जायजा लेकर पथ निर्माण विभाग से बात की थी. इस मामले में जब पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता अखिल कुमार से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि बरमसिया पुल उनके अधीन नहीं है, लेकिन विभाग के द्वारा इसका रिपोर्ट मांगा गया था, जिसे तैयार कर विभाग के बड़े अधिकारियों को भेज दिया गया है, विभागीय स्तर पर इस मामले में कार्यवाही होगी.
FIRST PUBLISHED : August 31, 2024, 15:43 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed