100 शहीदों की कुर्बानी का गवाह है यह इमली का पेड़ जानें यहां का इतिहास
100 शहीदों की कुर्बानी का गवाह है यह इमली का पेड़ जानें यहां का इतिहास
Independence Day 2024: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक इमली का पेड़ आजादी की लड़ाई के संघर्षों की कहानी की याद दिलाती है. इस पेड़ पर अंग्रेजों ने देश के 100 से अधिक क्रांतिकारियों को फांसी पर लटका दिया था. जहां आज भी इस जगह को भारत सरकार के द्वारा संरक्षित किया जा रहा है.
रजनीश यादव/प्रयागराज: आज हम जिस आजादी में रहते हैं,वहां खुली हवा में सांस लेते हैं और अपने अधिकारों के लिए लड़ लेते हैं. यह आजादी इतनी आसानी से देशवासियों को नहीं मिली. इसके लिए 100 से अधिक वर्षों तक चली स्वतंत्रता की लड़ाई में हजारों क्रांतिकारियों ने अपनी शहादत दी. तब जाकर हमारे देश को आजादी मिल पाई. इस आजादी की लड़ाई में प्रयागराज के घरवा मोड पर स्थित यह इमली का पेड़ इतिहास बन गया है.
100 से अधिक क्रांतिकारियों को दी गई थी फांसी
प्रयागराज के मुंडेरा रोड पर चौफटका के समीप गढ़वा मोड पर स्थित इमली का पेड़ आजादी की लड़ाई के संघर्षों को याद दिलाता है. इधर से गुजरने मात्र से ही इस पेड़ की डाली एवं पत्तियां तक इतिहास के उन पन्नों को खोल देती हैं, जब इस पेड़ में 1857 की प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में 100 से अधिक क्रांतिकारियों को फांसी के फंदे पर लटका दिया गया. अंग्रेजी अफसर क्रांतिकारियों को पकड़ कर लाते थे. इसके बाद इसी इमली के पेड़ पर लटका कर सजा ए मौत देते थे.
अब इमली का पेड़ नहीं रहा
वहीं, इस स्मारक समिति के संरक्षक अधिवक्ता राम जी बताते हैं कि आज इमली का पेड़ नहीं है, लेकिन हमने बहुत कोशिश करके यहां पर इमली का पेड़ लगा दिया है, जो अब फल भी देता है. इसके अलावा यहां पर चंद्रशेखर आजाद भगत सिंह एवं महारानी लक्ष्मीबाई की मूर्ति भी बनवा दी है.
अधिवक्ता राम जी लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि यहां पर कौशांबी फतेहपुर बांदा एवं प्रयागराज जिलों के क्रांतिकारियों को लाकर फांसी दी जाती थी. इस इमली के पेड़ के अलावा प्रयागराज में 6 और पेड़ थे. जहां पर क्रांतिकारियों को फांसी के फंदे पर लटकाया जाता था.
नशेड़ियों का अड्डा बना यह स्थान
इस स्मारक समिति के संरक्षक अधिवक्ता राम जी बताते हैं कि सरकार से यहां पर स्मारक बनाने को लेकर लगातार मांग चल रही है. आज तक यह पूरी नहीं हो सकी. इसके अलावा नगर निगम को साफ सफाई की जिम्मेदारी मिली है. वह भी ठीक से निभाई नहीं जा रही है. वहीं, यह जगह शाम को नशेड़ियों का अड्डा बन जाता है. ई-रिक्शा चालक एवं रिक्शा चालक यहां बनी मूर्तियों के पीछे स्मैक और गाज का नशा करते है. इस प्रकार शहादत स्थल की उपेक्षा किया जा रहा है.
Tags: Allahabad news, Independence day, Independence Day Alert, Local18, Prayagraj NewsFIRST PUBLISHED : August 14, 2024, 09:33 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed