न्यू क्लासिकल और मुगल आर्किटेक्चर का समावेश है UP की ये विरासतजानें हिस्ट्री
न्यू क्लासिकल और मुगल आर्किटेक्चर का समावेश है UP की ये विरासतजानें हिस्ट्री
इस गेट में बेहतरीन और बेहद खूबसूरत डेकोरेटिव फीचर्स मौजूद है. जो इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं. इस गेट में लगी खिड़कियां 12वीं सेंचुरी के आर्किटेक्चर से इंस्पायर है. इस गेट को कुछ इस प्रकार से बनाया गया है कि अगर इस पर लाइट पड़े तो उससे होने वाली शैडो बेहद खूबसूरत दिखाई पड़ती है.
अलीगढ़. विश्व विख्यात अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय दुनिया भर में अपनी तालीम के लिए जाना जाता है. 1 दिसंबर 1920 को इस विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी.जब कभी इस यूनिवर्सिटी का नाम कहीं लिया जाता है तो सबसे इसके विकटोरिया गेट का जिक्र होता है. यह गेट यूनिवर्सिटी की पहचान है. इसे देखते ही समझ में आता जाता है कि यह अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी है. इस गेट के बनने के पीछे भी एक कहानी है. जो यूनिवर्सिटी की स्थापना से भी पहले की है.
1894 में बना था यह गेट
दरअसल, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में विक्टोरिया गेट 1894 में बना था. जो विश्वविद्यालय के प्रवेश द्वार में शामिल हुआ करता था. आज भी कैनेडी हाल, विक्टोरिया गेट स्ट्रैची हॉल, मौलाना आजाद लाइब्रेरी और अन्य इमारतें एएमयू की पहचान हैं. लेकिन, विक्टोरिया गेट से इसकी खूबसूरती यूनिवर्सिटी की मुख्य पहचान बन गया है. जब कभी कोई बाहर से इस विश्वविद्यालय में आता है तो वह गेट के सामने फोटो क्लिक करना नहीं भूलता.
मदरसा, कॉलेज और फिर यूनिवर्सिटी
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी उमर पीर ज़ादा ने लोकल 18 को बताया कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की बुनियाद 1875 में मदरसा उलूम की शक्ल में आई थी. जिसकी नींव सर सैयद अहमद खान द्वारा रखी गई थी. 1877 में यह एमयू कॉलेज बना. इसके बाद 1920 में यह यूनिवर्सिटी में तब्दील हो गया. इस मुस्लिम यूनिवर्सिटी में खास बात यह है कि यहां जो हेरिटेज बिल्डिंग है. यह अपने आप में तारीखी की बिल्डिंग है.
खूबसूरत वास्तुकला का नमूना
जनसंपर्क अधिकारी उमर पीर ज़ादा ने लोकल 18 को बताया कि यूनिवर्सिटी की इमारतें न्यू आर्किटेक्चर और मुगल आर्किटेक्चर का समावेश हैं. यह जो विक्टोरिया गेट है इसका नाम पहले सदर दरवाजा हुआ करता था. यह 1894 में बना था. इसका रास्ता स्टैची हाल की तरफ जाता था. यह उसे समय मोमडन एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज मुख्य प्रवेश द्वार हुआ करता था.
इस गेट के फाउंडेशन पर अरबी में शायरी लिखी हैं. इनमें यूनिवर्सिटी के संगे बुनियाद का इतिहास दर्ज है. यह सदर दरवाजा जो है. वह 25 जुलाई 1914 में विक्टोरिया गेट के नाम से री—नेम किया गया है. इसमें एक क्लॉक टावर भी मौजूद है जो बाद में एड किया गया था.
12 सदीं जैसी हैं इसकी खिड़की
उमर पीर जादा ने लोकल 18 को बताया कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का यह विक्टोरिया गेट सिर्फ ईंट और गारे का बना गेट नहीं है. यह न्यू क्लासिकल और मुगल आर्किटेक्चर का समावेश है. इससे इस गेट की खूबसूरती और बढ़ जाती है. इस गेट में बेहतरीन और बेहद खूबसूरत डेकोरेटिव फीचर्स मौजूद है. जो इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं. इस गेट में लगी खिड़कियां 12वीं सेंचुरी के आर्किटेक्चर से इंस्पायर है. इस गेट को कुछ इस प्रकार से बनाया गया है कि अगर इस पर लाइट पड़े तो उससे होने वाली शैडो बेहद खूबसूरत दिखाई पड़ती है.
Tags: Aligarh Muslim University, Aligarh news, Hindi news, UP latest newsFIRST PUBLISHED : May 13, 2024, 17:01 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed