फूल पत्ती के हिंडोले में विराजमान होकर राजाधिराज ने दिए अपने भक्तों को दर्शन

श्रावण मास में मंदिर प्रांगण को विशेष रूप से सजाया जाता है. इस बार ठाकुर द्वारकाधीश मंदिर में फूल-पत्तियों की घटा का आयोजन किया गया, जिसमें मंदिर को हरे-भरे फूलों और पत्तियों से सजाया गया. रंग-बिरंगी लाइटें श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित कर रही थीं

फूल पत्ती के हिंडोले में विराजमान होकर राजाधिराज ने दिए अपने भक्तों को दर्शन
मथुरा: भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप को श्रावण मास अत्यंत प्रिय है. इस मास में मथुरा स्थित द्वारकाधीश मंदिर में विशेष उत्सवों का आयोजन होता है, जहां भगवान को विशेष रूप से लाड-प्यार दिया जाता है. इस पवित्र माह में ठाकुर द्वारकाधीश मंदिर में भगवान श्री कृष्ण फूल-पत्तियों की घटा में विराजमान होकर अपने भक्तों को दर्शन देते हैं, जिससे भक्तगण कृतार्थ महसूस करते हैं. फूल-पत्तियों की घटा में ठाकुर जी का दर्शन द्वारिका के राजा श्री कृष्ण ने मथुरा में अपनी बाल लीलाओं से भक्तों को आनंदित किया. यहां उन्होंने कई राक्षसों का वध किया, गोपियों के वस्त्र चुराए और गोचारण लीला भी की. श्रावण मास में द्वारकाधीश मंदिर में भगवान को शीतलता प्रदान करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन होता है. मंदिर में भगवान के बाल स्वरूप की सेवा विशेष रूप से की जाती है, और इस दौरान हजारों श्रद्धालु ठाकुर द्वारकाधीश के दर्शन के लिए आते हैं. फूल-पत्तियों की घटा का आयोजन श्रावण मास में मंदिर प्रांगण को विशेष रूप से सजाया जाता है. इस बार ठाकुर द्वारकाधीश मंदिर में फूल-पत्तियों की घटा का आयोजन किया गया, जिसमें मंदिर को हरे-भरे फूलों और पत्तियों से सजाया गया. रंग-बिरंगी लाइटें श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित कर रही थीं, और भगवान का यह अलौकिक स्वरूप भक्तों के मन में गहरी भक्ति की भावना उत्पन्न कर रहा था. भक्तों को मिलती है अनोखी सुख की अनुभूति मंदिर में दर्शन करने आए श्रद्धालुओं का कहना है कि द्वारकाधीश के दर्शन का सौभाग्य उन्हीं को मिलता है, जिन पर भगवान की विशेष कृपा होती है. मंदिर को हरी-भरी फूल-पत्तियों से सजाया गया है, और जो भी श्रद्धालु यहां आता है, वह भक्ति में डूब जाता है. रंग-बिरंगी लाइटें न केवल मंदिर की शोभा बढ़ा रही हैं, बल्कि भक्तों को एक अलग ही सुखद अनुभूति भी प्रदान कर रही हैं. दर्शन के बाद हर भक्त भगवान की कृपा से अपने मन को शांति और संतोष का अनुभव करता है. Tags: Local18, Religion 18FIRST PUBLISHED : August 15, 2024, 15:20 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed