हत्यारों लुटेरों को जमानत देते है जब सिंघवी की जज ने कर दी बोलती बंद
हत्यारों लुटेरों को जमानत देते है जब सिंघवी की जज ने कर दी बोलती बंद
Swati Maliwal Assault Case:यह घटना 13 मई को हुई थी, जब दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद स्वाति मालीवाल उनसे मिलने के लिए सीएम आवास गई थीं. मालीवाल द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, कुमार ने उन्हें सीने और पेट में मारने का आरोप लगाया था. जमानत के लिए दबाव डालते हुए सिंघवी ने पीठ से कहा कि मालीवाल के बयानों में विरोधाभास है और कथित घटना के तीन दिन बाद एफआईआर दर्ज करने में भी देरी हुई.
नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर पर राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट की घटना पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उन्होंने ‘एक गुंडे की तरह काम किया’ और ‘अपने आचरण पर कोई शर्म नहीं है’. न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति उज्जल भुयान की पीठ ने कहा कि उन्होंने ऐसा व्यवहार किया जैसे कोई गुंडा मुख्यमंत्री के सरकारी आवास में घुस आया हो. हालांकि पीठ ने कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई करने पर सहमति जताई और उनकी याचिका पर नोटिस जारी किया, लेकिन उसने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा दर्ज घटना का विवरण बहुत गंभीर है.
केजरीवाल के पीए बिभव कुमार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि एफआईआर में लगाए गए आरोपों को सत्य नहीं माना जाना चाहिए और मुकदमे में इस पर फैसला किया जाएगा. इस बात पर जोर देते हुए कि गंभीर अपराधों में शामिल आरोपियों को भी जमानत दी गई है. उन्होंने कहा कि कुमार को राहत देने के लिए यह उपयुक्त मामला है, क्योंकि वह पहले ही 75 दिन हिरासत में बिता चुके हैं. पीठ ने कहा कि आप सही कह रहे हैं, हम हर दिन कॉन्ट्रैक्ट किलर, हत्यारों, लुटेरों को जमानत देते हैं, लेकिन सवाल यह है कि किस तरह की घटना… लेकिन यहां एफआईआर देखिए. वह शारीरिक स्थिति पर रो रही है. क्या आपके पास अधिकार था? अगर इस तरह का व्यक्ति गवाहों को प्रभावित नहीं कर सकता, तो कौन कर सकता है? क्या ड्राइंग रूम में कोई उसके खिलाफ बोलने के लिए मौजूद था? हमें लगता है कि उसे कोई शर्म नहीं है.
केजरीवाल से मिलने उनके घर गई थी मालीवाल
यह घटना 13 मई को हुई थी, जब दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद स्वाति मालीवाल उनसे मिलने के लिए सीएम आवास गई थीं. मालीवाल द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, कुमार ने उन्हें सीने और पेट में मारने का आरोप लगाया था. जमानत के लिए दबाव डालते हुए सिंघवी ने पीठ से कहा कि मालीवाल के बयानों में विरोधाभास है और कथित घटना के तीन दिन बाद एफआईआर दर्ज करने में भी देरी हुई. उन्होंने कहा कि कुमार ने भी शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की थी, लेकिन ‘उनकी मित्र पुलिस’ और दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा इसे दर्ज नहीं किया गया.
तीन दिन बाद मालीवाल ने दर्ज कराई FIR: सिंघवी की दलील
सिंघवी ने कहा कि घटना 13 मई को हुई थी. एफआईआर 16 मई को दर्ज की गई थी. एफआईआर की कहानी अजीब है, वह पहले दिन पुलिस स्टेशन गई थीं, लेकिन वापस आकर एफआईआर दर्ज नहीं कराई. तीन दिन बाद चोटों के साथ एफआईआर दर्ज कराई गई. हालांकि, अदालत ने बताया कि मालीवाल ने घटना के तुरंत बाद पुलिस हेल्पलाइन (112) पर कॉल किया था. पीठ ने पूछा कि अगर वह घटना के तुरंत बाद 112 पर कॉल कर रही हैं, तो यह क्या दर्शाता है? संक्षिप्त सुनवाई के बाद, अदालत ने कहा कि उसे निर्णय पर पहुंचने के लिए आरोपपत्र पर विचार करने के लिए समय चाहिए. इसने जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया और मामले की सुनवाई 7 अगस्त तक टाल दी.
आपको बता दें कि बिभव कुमार ने दिल्ली हाईकोर्ट के 12 जुलाई के आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उन्हें जमानत देने से इनकार किया गया था. उनकी याचिका को खारिज करते हुए, हाईकोर्ट ने कहा था कि आरोपी का “काफी प्रभाव” है और उसे राहत देने का कोई आधार नहीं बनता.
Tags: Abhishek Manu Singhvi, Arvind kejriwal, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : August 2, 2024, 13:50 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed