UPA में 60 तो NDA में 95 फीसदी विपक्षी नेताओं पर CBI का शिकंजा रिपोर्ट में दावा
UPA में 60 तो NDA में 95 फीसदी विपक्षी नेताओं पर CBI का शिकंजा रिपोर्ट में दावा
बीते 18 सालों में कांग्रेस और भाजपा की सरकारों में करीब 200 प्रमुख राजनेताओं पर सीबीआई ने मामला दर्ज किया है, गिरफ्तार किया है, छापे मारे हैं या पूछताछ की है. सीबीआई ने जिन 200 नेताओं के खिलाफ एक्शन लिया है, उनमें से 80 प्रतिशत से अधिक विपक्ष के नेता हैं. इंडियन एक्सप्रेस द्वारा ऑफ कोर्ट रिकॉर्ड्स, आधिकारिक दस्तावेजों, एजेंसी के बयानों और रिपोर्टों की एक जांच से पता चलता है कि साल 2014 में जब से एनडीए की सरकार बनी है, यह प्रवृत्ति काफी तेज हो गई है.
नई दिल्ली: यूपीए सरकार लेकर एनडीए सरकार तक, किसके कार्यकाल में सीबीआई का किस पर कितना शिकंजा रहा है, इसे लेकर एक डेटा सामने आया है. डेटा में दावा किया गया है कि सीबीआई के निशाने पर विपक्षी नेताओं की संख्या अधिक है और यूपीए (60 फीसदी) की तुलना में एनडीए में 95 फीसदी विपक्षी नेता सीबीआई के निशाने पर हैं. ‘कांग्रेस ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन’, ‘पिंजरे में बंद तोता’ से लेकर ‘जमाई’ (दामाद) नाम पाने वाली केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई अक्सर विपक्षी नेताओं की आलोचना का शिकार होती रही है और इस पर आरोप लगते रहे हैं कि जिसकी सरकार होती है, उसके अनुसार ही वह काम करती है.
अंग्रेजी वेबसाइट ‘इंडियन एक्सप्रेस’ में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, बीते 18 सालों में कांग्रेस और भाजपा की सरकारों में करीब 200 प्रमुख राजनेताओं पर सीबीआई ने मामला दर्ज किया है, गिरफ्तार किया है, छापे मारे हैं या पूछताछ की है. सीबीआई ने जिन 200 नेताओं के खिलाफ एक्शन लिया है, उनमें से 80 प्रतिशत से अधिक विपक्ष के नेता हैं. इंडियन एक्सप्रेस द्वारा ऑफ कोर्ट रिकॉर्ड्स, आधिकारिक दस्तावेजों, एजेंसी के बयानों और रिपोर्टों की एक जांच से पता चलता है कि साल 2014 में जब से एनडीए की सरकार बनी है, यह प्रवृत्ति काफी तेज हो गई है.
रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए के 10 सालों (साल 2004 से लेकर 2014 तक) के कार्यकाल के दौरान कम से कम 72 राजनीतिक नेता सीबीआई जांच के दायरे में आए और उनमें से 43 (60 प्रतिशत) विपक्ष से जुड़े हुए थे. जबकि बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए के दूसरे कार्यकाल में अब तक के 8 सालों के शासन काल में कम से कम 124 प्रमुख नेताओं को सीबीआई जांच का सामना करना पड़ा है और उनमें से विपक्ष से 118 नेता शामिल हैं यानी 95 फीसदी नेता विपक्ष के हैं. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यूपीए की तरह ही जब कोई नेता पाला बदलता है तो उसके खिलाफ सीबीआई का मामला भी ठंडे बस्ते में चला जाता है.
इंडियन एक्सप्रेस ने सीबीआई के रडार पर आए यूपीए के 72 और एनडीए के 124 नेताओं की पूरी सूची प्रकाशित की है. जब सीबीआई ने उनके खिलाफ एक्शन शुरू किया था, तब नेताओं को उन राजनीतिक दलों के तहत सूचीबद्ध किया गया था, जिनसे वे उस वक्त पद पर रहते हुए जुड़े थे. आखिर इस प्रवृत्ति की क्या वजह है, उस सवाल पर सीबीआई के एक अधिकारी ने इसे ‘महज एक संयोग’ करार दिया और इस बात से इनकार किया कि विपक्षी नेताओं को निशाना बनाया गया था.
खबर में स्पष्ट किया गया है कि यूपीए शासन के दौरान कई कथित घोटालों 2-जी स्पेक्ट्रम मामले से लेकर राष्ट्रमंडल खेलों और कोयला ब्लॉक आवंटन मामलों में सीबीआई ने 2004 से 2014 तक जिन 72 प्रमुख नेताओं की जांच की, उनमें से 29 नेता कांग्रेस या डीएमके जैसे उसके सहयोगियों के थे. वहीं, एनडीए-2 के दौरान भाजपा के केवल 5 नेता सीबीआई जांच का सामना कर रहे हैं. यूपीए के दौरान सीबीआई की रडार पर 43 विपक्षी नेता थे, जिनमें से सबसे अधिक भाजपा से जुड़े नेता थे. यूपीए के दौरान भाजपा के 12 नेताओं से पूछताछ की गई, छापे मारे गए या गिरफ्तार किए गए थे.
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Tags: BJP Congress, CBI, India newsFIRST PUBLISHED : September 20, 2022, 07:43 IST