70 सालों बाद सच होगा हजारों लोगों का सपना भारत-पाक सीमा से सटे गावों में अब पहुंचेंगी गाड़ियां
70 सालों बाद सच होगा हजारों लोगों का सपना भारत-पाक सीमा से सटे गावों में अब पहुंचेंगी गाड़ियां
Jammu-Kashmir News: आजादी के बाद यह पहला मौका है कि जब गाड़ियां सीधे गांव तक पहुंचेगी. दरअसल पुंछ की बेतार नदी पर पक्का पुल बन गया है. इस पुल का उद्घाटन उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने किया. बता दें, पहले इस नदी पर एक झूला पुल होता था जिससे सिर्फ लोग पैदल ही सफर कर अपने गांव पहुंचते थे, यहां गाड़ी नहीं पहुंच पाती थी.
हाइलाइट्सआजादी के बाद यह पहला मौका है कि जब गाड़ियां सीधे 10 गावों तक पहुंचेगी. जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले की बेतार नदी पर अब पक्का पुल बन गया है.गांव के सरपंच ने बताया कि आज उपराज्यपाल ने हमारी सदियों पुरानी मांग को पूरा कर दिया है.
पुंछ. भारत-पाकिस्तान के बीच लाइन आफ कट्रोंल ( नियंत्रण रेखा) से सटे लगभग 10 गांव आपस में अब फिर से जुड़ गए हैं. आजादी के बाद यह पहला मौका है कि जब गाड़ियां सीधे गांव तक पहुंचेगी. दरअसल पुंछ की बेतार नदी पर पक्का पुल बन गया है. इस पुल का उद्घाटन उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने किया. बता दें, पहले इस नदी पर एक झूला पुल होता था जिससे सिर्फ लोग पैदल ही सफर कर अपने गांव पहुंचते थे, यहां गाड़ी नहीं पहुंच पाती थी. लेकिन, अब लोगों का 7 दशक बाद सपना सच हो गया है और आज गाड़ी गांव में पहुंच गई है.
बता दें, 2014 में आई बाढ़ में पुंछ की बेतार नदी पर बना झूला पुल बह गया था और इन सभी गांव का सपंर्क शहर से कट गया था. लोगों को शहर तक पहुचंने के लिए 7-8 किलोमीटर का सफर तय कर मुख्य मार्ग तक पहुंचना पड़ता था. नदी में बाढ़ आ जाने पर स्कूल बंद हो जाते थे. बच्चो की पढ़ाई प्रभावित होती थी. पाकिस्तान की तरफ से जब गोलाबारी होती थी तो इन गांवों के लोगों को बहुत दिक्कत होती थी. अपनी जान बचाकर भागने के लिए वाहन की सुविधा नहीं थी. कई बार पाकिस्तान की गोलाबारी में कई लोग घायल हो जाते हैं तो लोग पैदल उनको खाट पर डाल दरिया पार करते या फिर झूला पुल का सहारा लेकर मुख्य मार्ग तक आते हैं.
जानें बेतार नदी पर बने पुल के फायदे
1. गांव की भीतर गाड़ी सीधी पहुंच गई है.
2. पाक गोलाबारी अगर हुई तो वाहन की सुविधा ले सकते हैं.
3. एंबुलेंस अब सीधे इन गावों मे पहुंच जाएगी.
4. एलओसी से सटी भारतीय सेना की पोस्टो तक सामाग्री अब जल्द पहुंचेगी.
5. सेना की मूवमेंट अब आसान होगी.
6 ये सभी गांव अब शहर से जुड गए हैं, बच्चों की पढ़ाई अब प्रभावित नहीं होगी.
इन गावों के लोगों मिलेगा फायदा
इस पुल के बन जाने से दिगवार, मालदेंयाला, नूरकोट, नक्करकोट, तुगलु, पोठी, दिगवार फार्वड, निक्का अजोट गांव के लोगों राहत मिलेगी.
स्थानीय लोगों ने जताई खुशी
गांव के सरपंच परमिन्द्र सिंह ने न्यूज 18 को बताया कि आज उपराज्यपाल ने हमारी सदियों पुरानी मांग को पूरा कर दिया है. इससे हमारे गांव अब शहर से जुड गए हैं और गाड़ी अब सीधी इन गांव मे आ गई है. क्योकि बाढ़ आने के बाद हमारा पुराना झूला पुल जिससे सिर्फ पैदल ही पार जा सकते थे, बह वह गया था. गावंवासी नजीर हुसैन ने बतााया कि पाकिस्तान जब गोलाबारी करता था तो हम लोगों को बहुत मुश्किल होती थी. सही समय पर इलाज न मिल पाने से लोगों की जान चली जाती थी. पुल नहीं होने के कारण बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पाई. स्थानीय लोगों का कहना है कि पैदल दरिया पार करना पड़ता था, लेकिन आज हमारा सपना सच हो गया है.
बेतार नदी पर यह पुल 18 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुआ है और आज उप राज्यपाल ने इसे जनता को सौंप दिया है. सुरक्षा की नजर से ये पुल भारतीय सुरक्षा बलों के लिए अहम है. खासकर जब पाकिस्तान की तरफ से गोलाबारी होती है तो लोगो तक रेस्कूय टीमें अब आसानी से पहुंच जाएगी और उनको मेडिकल एवंअन्य सुविधाए आसानी से मिल जाएगी.
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Tags: Jammu kashmir, Jammu kashmir news, PoonchFIRST PUBLISHED : September 13, 2022, 20:13 IST