कौन बना पिंक सिटी का DM कलेक्‍टर की गाड़ी देख पिता चाहते थे बेटा भी बने IAS

IAS Success Story: राजस्‍थान में कल तबादला एक्‍सप्रेस चली. कुल 108 आईएएस अफसरों (IAS Officers) का ट्रांसफर कर दिया गया, जिसमें 13 जिलों के कलेक्‍टर भी बदले गए. इसमें से एक जिला ऐसा भी है, जो देश में गुलाबी नगरी (Pink City) के नाम से जाना जाता है. इस जिले के कलेक्‍टर का भी तबादला किया गया. आइए जानते हैं यहां के नए डीएम के आईएएस बनने की कहानी...

कौन बना पिंक सिटी का DM कलेक्‍टर की गाड़ी देख पिता चाहते थे बेटा भी बने IAS
IAS Success Story: राजस्‍थान के जयपुर को गुलाबीनगरी यानि पिंक सिटी (Pink city) कहा जाता है. यह प्रदेश की राजधानी भी है. जयपुर के कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित के स्थान पर सीनियर आईएएस डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी (Jitendra Kumar Soni Ias) को नया कलेक्टर बनाया गया है. जितेन्‍द्र कुमार सोनी अक्‍सर चर्चा में रहने वाले आईएएस हैं. इससे पहले वह तब चर्चा में आए थे, जब वह जालोर जिला कलेक्‍टर के पद पर थे. यहां उन्‍होंने जाबरो जालोर फेसबुक पेज बनवाया और उस पर आने वाली शिकायतों का निकारण करते थे. उनके इस कदम की चहुंओर सराहना हुई, इससे आमलोगों को भी काफी फायदा मिला. जितेन्‍द्र कुमार सोनी, जयपुर से पहले अलवर, नागौर और जालोर जिले के डीएम भी रह चुके हैं. जितेन्‍द्र कुमार सोनी के आईएएस बनने की कहानी भी काफी दिलचस्‍प है. कहां के रहने वाले हैं जितेन्‍द्र कुमार आईएएस जितेन्‍द्र कुमार राजस्‍थान के हनुमानगढ़ (Hanumangadh) जिले के धनसार गांव के हैं. उनका जन्‍म 29 नवंबर 1981 को एक किसान परिवार में हुआ. जब वह छोटे थे तब गांव में जब किसी कलेक्‍टर की गाड़ी वहां से गुजरती थी, तो उस गाड़ी के पीछे भागते थे. यह देखकर जितेन्‍द्र कुमार के पिता भी चाहते थे कि एक दिन उनका बेटा भी कलेक्‍टर बने. इसके लिए वह जितेन्‍द्र कुमार को प्रोत्‍साहित करते थे. उन्‍होंने यूपीएससी की परीक्षा पास की और आखिरकार वर्ष 2009 में आईएएस बन गए. जितेन्‍द्र कुमार सोनी को सबसे पहले वर्ष 2011 में प्रोबेशनरी आईएएस के रूप में पाली जिले में पोस्टिंग मिली. इसके बाद वह माउंट आबू, झालावाड़ आदि जिलों में भी कार्यरत रहे. क्यों चर्चा में हैं यूपी के ये DM और महिला अधिकारी? रेलवे की नौकरी छोड़ बनी SDM बचाई थी लोगों की जान आईएएस जितेन्‍द्र सोनी जब राजस्‍थान के जालोर जिले के कलेक्‍टर थे. तब वहां वर्ष 2016 में काफी बाढ़ आई थी. यहां वह बाढ़ग्रस्‍त इलाके का जायजा ले रहे थे. इस दौरान उन्‍होंने कई लोगों की जान भी बचाई थी. इसके लिए उन्‍हें उत्‍तम जीवन रक्षा अवार्ड भी मिला था. उन्‍होंने जालोर में ही चरण पादुका अभियान भी चलाया था, जो काफी चर्चा में रहा. इस अभियान के तहत उन्‍होंने नंगे पाव स्‍कूल जाने वाले बच्‍चों को जूते चप्‍पल बांटे. उनके इस अभियान में अन्‍य संस्‍थाओं ने भी सहयोग दिया. इसी तरह जब वह 2018 में झालावाड़ जिले के कलेक्टर थे. तब उन्‍होंने रक्‍तकोष फाउंडेशन बनाया, जिसमें उन्‍होंने ओ नेगेटिव लोगों का ग्रुप बनाया और ऐसे लोगों को एक प्‍लेटफॉर्म पर लेकर आए. Success Story: न रहने को घर था, न पढ़ने को अच्‍छा स्‍कूल, अफसर बनने का था सपना, बन गए IPS, हो गए सस्‍पेंड Tags: IAS Officer, IAS Toppers, Jaipur news, Rajasthan news, Success Story, UPSC, Upsc exam, UPSC ExamsFIRST PUBLISHED : September 7, 2024, 11:17 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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