लौकी खीरा जैसी लता वर्गीय सब्जियों का कम हो रहा उत्पादन तो अपनाएं ये तरीका

Agriculture News: लोकल 18 से बातचीत में नरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि परागण की क्रिया को प्रभावी बनाने के लिए सब्जियों (लौकी, तुरई, कद्दू, करेला, सेम) के आसपास रंगीन फूल वाले पौधे जैसे गेंदा, सूरजमुखी, जीनिया और डहेलिया की रोपाई कर दें. इन पौधों के गहरे रंग के फूल परागण के कीटों को आसानी से आकर्षित करते हैं. इससे परागण की प्रक्रिया सुचारू रूप से हो जाती है.

लौकी खीरा जैसी लता वर्गीय सब्जियों का कम हो रहा उत्पादन तो अपनाएं ये तरीका
सौरभ वर्मा/रायबरेली: बारिश का मौसम लता वर्गीय सब्जियों जैसे लौकी, कद्दू, तुरई, करेला, सेम और खीरा की खेती के लिए अत्यंत अनुकूल माना जाता है. इस मौसम में इन सब्जियों के पौधों की रोपाई करने पर उनका विकास तेजी से होता है और पैदावार भी अच्छी होती है. इस दौरान किसानों के मन में पौधों पर सब्जियों के सही से न उगने या फिर खराब होने की चिंता बनी रहती है. लेकिन, अब चिंता करने की जरूरत नहीं है. क्योंकि इस समस्या से निजात पाने के लिए कुछ आसान उपाय मौजूद हैं. इन्हें अपनाकर किसान अपनी फसल को स्वस्थ बनाए रख सकते हैं और अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं. क्यों खराब हो जाती है पौधों की बेल? रायबरेली जिले के वरिष्ठ उद्यान निरीक्षक नरेंद्र प्रताप सिंह ने लोकल 18 को बताया कि बारिश के मौसम में उगाई जाने वाली लता वर्गीय सब्जियों में नर और मादा फूल अलग-अलग होते हैं. इन पौधों पर परागण की क्रिया को पूरा करने में कीट महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जो नर फूल से मादा फूल तक पराग पहुंचाते हैं. कीट आमतौर पर रंगीन फूलों की ओर अधिक आकर्षित होते हैं. लेकिन, लौकी के सफेद फूल होने के कारण कीट इन पर कम आकर्षित होते हैं. यही कारण है कि परागण की प्रक्रिया सही से नहीं हो पाती और पौधों की बेल खराब हो जाती है. या उनका विकास रुक जाता है. खेती बचाने का तरीका लोकल 18 से बातचीत में नरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि परागण की क्रिया को प्रभावी बनाने के लिए सब्जियों (लौकी, तुरई, कद्दू, करेला, सेम) के आसपास रंगीन फूल वाले पौधे जैसे गेंदा, सूरजमुखी, जीनिया और डहेलिया की रोपाई कर दें. इन पौधों के गहरे रंग के फूल परागण के कीटों को आसानी से आकर्षित करते हैं. इससे परागण की प्रक्रिया सुचारू रूप से हो जाती है. तुरई और लौकी के साथ लगाए ये पौधे परागण को प्रभावी बनाने का एक और अच्छा और आसान तरीका है कि लौकी और तुरई के पौधों के साथ कद्दू और खीरे के पौधों की भी रोपाई करें. इन पौधों के फूल गहरे रंग के होते हैं, जिससे परागण की प्रक्रिया आसानी से हो सके. Tags: Agriculture, Kisan, Local18, Raebareli latest newsFIRST PUBLISHED : September 3, 2024, 16:20 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed