नोरा फतेही के जीजा ने महाठग सुकेश से मिली BMW क्यों नहीं लौटाई एक्ट्रेस से पूछताछ में मिला जवाब
नोरा फतेही के जीजा ने महाठग सुकेश से मिली BMW क्यों नहीं लौटाई एक्ट्रेस से पूछताछ में मिला जवाब
बॉलीवुड अभिनेत्री नोरा फतेही से कथित ठग सुकेश चंद्रशेखर से जुड़े रंगदारी के मामले में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा के अधिकारियों ने गुरुवार को लगभग पांच घंटे तक पूछताछ की. यह दूसरा मौका था जब दिल्ली पुलिस ने फतेही को पूछताछ के लिए तलब किया था. फतेही के अलावा पिंकी ईरानी से भी पूछताछ की गई जिन्होंने चंद्रशेखर से एक्ट्रेस का कथित तौर पर परिचय कराया था. इस मामले में अभिनेत्री जैकलीन फर्नांडिस और ईरानी से बुधवार को पूछताछ की गई थी. अधिकारियों ने बताया कि फतेही और उनके रिश्तेदार से 30 सवाल पूछे गए थे. दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी (क्राइम) रविंद्र सिंह यादव ने कहा कि अगले हफ्ते जैकलीन के अलावा 2-3 और अभिनेत्रियों को पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा. अधिकारी ने कहा कि नोरा और जैकलीन के मामले अलग-अलग हैं.
हाइलाइट्सNCB के पूर्व अधिकारी पर आरोप, CBI जांच शुरू कहा- सरकारी नौकरी के साथ 3 अन्य नौकरियां कींं फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पाई नौकरी
नई दिल्ली. केन्द्रीय जांच एजेंसी सीबीआई (CBI) ने भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में कार्रवाई करते हुए नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के पूर्व अधिकारी रवि कुमार राणा के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज करके उनके खिलाफ मामले की तफ्तीश शुरू कर दी है. दरअसल ये मामला बेहद रोचक है, क्योंकि रवि कुमार राणा के खिलाफ नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के खुफिया विंग में कार्यरत अधिकारी धीरज कुमार की एक शिकायत और उनकी एक रिपोर्ट के आधार पर CBI मुख्यालय में एक केस दर्ज किया गया. उन पर सरकारी नौकरी के साथ 3 निजी कंपनियों में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करने का आरोप है.
जानकारी के अनुसार किसी मसले पर रवि कुमार राणा को 17 मई 2016 से लेकर 13 मई 2019 तक सस्पेंड किया गया था. उस दौरान केन्द्र सरकार के द्वारा वो सबसिस्टेंस भत्ता भी ले रहे थे. इसके साथ ही वे तीन प्राइवेट कंपनियों में भी फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी कर रहे थे. इस दौरान अवैध तौर पर पैसे अर्जित करने, नकली सरकारी दस्तावेज, नकली सैलरी स्लिप, एनसीबी का लेटर पैड का गलत इस्तेमाल करने और फर्जी सरकारी एनओसी बनवा कर प्राइवेट नौकरी हासिल करने का आरोप है.
देहरादून में एनसीबी ब्रांच में सुपरिटेंडेट पद पर कार्यरत थे राणा
बताया गया कि एक तरफ रवि कुमार राणा सरकारी फंड भी ले रहे थे और दूसरी तरफ प्राइवेट नौकरी का भी मजा ले रहे थे. रवि कुमार राणा, देहरादून में एनसीबी ब्रांच में सुपरिटेंडेट पद पर कार्यरत थे. 13 जुलाई 2019 को रवि कुमार राणा के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करते हुए उन्हे कंपलसरी रिटायरमेंट देकर जबरन हटा दिया गया था, लेकिन उसी दौरान साल 2020 में एक ऐसा मामला सामने आया जिसके बाद रवि कुमार की मुश्किलें और ज्यादा बढ़ गई, क्योंकि उनकी परेशानी की वजह उनकी पत्नी खुद थी.
पत्नी की शिकायत पर खुला राणा का खेल, बढ़ी परेशानी
सीबीआई के सूत्रों के मुताबिक रवि कुमार राणा का अपनी पत्नी से साल 2020 में कलह हो गया था, और कई बार विवाद स्थानीय थाने तक पहुंचा. राणा की पत्नी ने नोएडा स्थित थाना में घरेलू हिंसा का मामला दर्ज करवाते हुए कई संगीन आरोप भी लगाए. मामला इतने पर ही रूका नहीं, बल्कि साल 2021 में रवि कुमार की पत्नी ने केन्द्रीय गृहमंत्रालय में एक विशेष खत भेजकर कई संगीन आरोप की जानकारी साझा करते हुए बताई कि उनके पति साल 2016- 19 के दौरान सस्पेंड थे, उस वक्त तीन मल्टीनेशनल कंपनी में भी कार्य कर रहे थे. उस वक्त लाखों रूपये की अवैध तौर पर कमाई की लेकिन घर चलाने के लिए जब उनसे पैसे मांगे गए तो इंकार कर दिया.
अलग-अलग कंपनियों में नौकरी, कमाएं लाखों रुपए
सीबीआई के द्वारा दर्ज एफआईआर के मुताबिक रवि कुमार राणा, लीला एंबियंस कंपनी गुरूग्राम में सिक्योरिटी मैनेजर पद पर कार्यरत थे, जहां उनकी सैलरी करीब आठ लाख रूपये सलाना थी. एचपी इंडिया कंपनी में सिक्योरिटी इनवेस्टीगेटर पद पर कार्यरत थे. इस कंपनी में रवि 15 नवंबर 2017 से लेकर 25 अक्टूबर 2019 तक कार्यरत थे. जहां करीब एक लाख 24 हजार रूपये उनकी सैलरी थी. उबर कंपनी में लॉ इनफोर्समेंट प्रमुख के पद पर नार्थ और ईस्ट इंडिया जोन के प्रमुख के तौर पर करीब तीन महीने तक काम किया. इस नौकरी को पाने के लिए एनसीबी के लेटर पैड पर फर्जी तरीके से दस्तावेजों को तैयार किया और गलत तरीके से उसका प्रयोग करने के आरोप हैं.
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Tags: CBI, NCBFIRST PUBLISHED : September 16, 2022, 22:31 IST