फ्री में मरीजों का इलाज सरकार से पद्म अवार्ड जानें कौन हैं डॉ कमलाकर
फ्री में मरीजों का इलाज सरकार से पद्म अवार्ड जानें कौन हैं डॉ कमलाकर
Varanasi News: 2016 में बीएचयू से रिटायरमेंट के बाद डॉ त्रिपाठी हर दिन सुबह से शाम तक मरीजों की फ्री सेवा करते हैं. वाराणसी के रवींद्रपुरी स्थित अपने आवास पर वह हर दिन 100 से 150 मरीजों को फ्री में परामर्श देते हैं. यूपी के कई शहरों के अलावा बिहार और झारखंड से भी उनके यहां मरीज आते हैं.
अभिषेक जायसवाल /वाराणसी: डॉक्टर भगवान का दूसरा रूप होता है और इसकी बानगी वाराणसी में देखने को मिलती है. बीएचयू में सेवा दें चुके वाराणसी के मशहूर डॉक्टर कमलाकर त्रिपाठी इसके साक्षात उदाहरण हैं. देश के नामचीन डॉक्टरों में उनका नाम है. बीएचयू से रिटायरमेंट के बाद डॉ त्रिपाठी अपने घर पर ही हर दिन सैकड़ों मरीजों को मुफ्त में इलाज दें रहे है. मानव सेवा ही उनके जीवन का एकमात्र लक्ष्य है. इस वजह से मोदी सरकार उन्हें पद्म अवार्ड से नवाज चुकी है.
2016 में बीएचयू से रिटायरमेंट के बाद डॉ त्रिपाठी हर दिन सुबह से शाम तक मरीजों की फ्री सेवा करते हैं. वाराणसी के रवींद्रपुरी स्थित अपने आवास पर वह हर दिन 100 से 150 मरीजों को फ्री में परामर्श देते हैं. यूपी के कई शहरों के अलावा बिहार और झारखंड से भी उनके यहां मरीज आते हैं.
इनसे मिला सेवा का मंत्र
डॉ त्रिपाठी को नर नारायण सेवा का यह मंत्र उनके गुरु पद्मश्री डॉ के एन उड़प्पा, डॉ सोमानी और प्रोफेसर बाजपेई से मिला है. डॉ कमलाकर त्रिपाठी ने बताया कि ये सभी संत पुरुष थे और वे पूरे दिन अस्पताल आकर मरीजों की सेवा करते थे. घर पास था, तो भी वें घर नहीं जाते थे. यह सीख उन्हें इन्हीं लोगों से मिली है. आज वह उनके दिखाए मार्ग पर चल रहे हैं.
पदम् श्री सम्मान के साथ मिल चुका अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार
उनके इसी सेवा के लिए साल 2022 में चिकित्सा के क्षेत्र में बेहतरीन काम करने के लिए उन्हें सरकार ने पदम् श्री सम्मान से सम्मानित किया. इसके अलावा उन्हें 15 राष्ट्रीय और दो अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुके हैं.
इन पदों पर दी है सेवा
बात उनके निजी जीवन की करें, तो बनारस में रहकर ही उन्होंने डॉक्टरी की पढ़ाई की और एमबीबीएस के बाद मेडिसिन से उन्होंने एमडी,डी.एम. नेफ्रो फिर एम एन ए एम एस नेफ्रो की शिक्षा ली. साथ- साथ मरीजों की सेवा करते रहे. वे बीएचयू में आयुर्विज्ञान संस्थान के मेडिसिन विभाग के हेड भी थे. इसके अलावा वें नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रमुख भी रह चुके हैं. इतना ही नहीं, साल 2008 से 2009 के बीच वह भारतीय उच्च रक्तचाप सोसायटी के अध्यक्ष भी थे और 2009 से 2011 तक वह यूपी डायबिटीज एसोसिएशन के अध्यक्ष रहें.
Tags: Local18, Medical18, UP news, Varanasi newsFIRST PUBLISHED : July 3, 2024, 12:31 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed