सर मैं तो गवाह हूं… ED की शिकायत लेकर SC पहुंचा शख्‍स जज बोले- हम संतुष्ट नही

इस शख्‍स ने ईडी द्वारा दर्ज मामले को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इससे पहले निचली अदालत ने उसे राहत प्रदान नहीं की थी. युवक का कहना था कि वो तो इस पूरे अपराध का गवाह है. उसपर इस तरह एक्‍शन ईडी नहीं ले सकती है.

सर मैं तो गवाह हूं… ED की शिकायत लेकर SC पहुंचा शख्‍स जज बोले- हम संतुष्ट नही
नई दिल्‍ली. मनी ट्रेल के तहत देश भर में अपराधियों पर शिकंजा कस रही ईडी को लेकर इस वक्‍त काफी हो हल्‍ला हो रहा है. यह कहा जाता है कि ईडी एक बार अगर किसी को अरेस्‍ट कर ले तो फिर सालों तक आरोपी को बेल तक नसीब नहीं हो पाती. ऐसी बीच शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में एक ऐसा मामला सामने आया जिसमें शख्‍स ने जज साहब से बोला कि सर मैं तो गवाह हूं. सीबीआई ने भ्रष्‍टाचार के मामले में मुझे गवाह के तौर पर पेश किया है. फिर ईडी मेरे खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्‍ट के तहत एक्‍शन कैसे ले सकती है. सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की वकेशन ब्रेंच ने इस याचिका पर सुनवाई के दौरान इस शख्‍स को साफ कर दिया कि केवल इसलिए कि किसी व्यक्ति का नाम किसी अपराध में नहीं लिया गया है तो इसका मतलब यह नहीं है कि उस पर PMLA के तहत मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है. याचिका में सुधीर गुप्ता नामक शख्‍स ने उनके खिलाफ ईडी के मामले की सूचना रिपोर्ट (ECIR) और उसके बाद के एक्‍शन को रद्द करने का अनुरोध किया गया. बेंच ने गुप्ता की ओर से अदालत में पेश हुए वकील विजय अग्रवाल से कहा कि ईडी की ईसीआईआर को न तो रद्द किया जा सकता है और न ही उस पर रोक लगाई जा सकती है. यह भी पढ़ें:- एक या दो नहीं… देश के 9 राज्‍य दे रहे मुस्लिम आरक्षण, कहां कितना रिजर्वेशन? हैरान कर देंगे आंकड़े हम संतुष्‍ट नहीं… याचिकाकर्ता ने बेंच को बताया कि उसे सीबीआई द्वारा दर्ज एक संबंधित मामले में गवाह के रूप में पेश किया गया था, लेकिन ईडी ने उन्हें धनशोधन मामले में आरोपी बना दिया है. बेंच ने कहा, ‘‘सिर्फ इसलिए कि आपका नाम कथित अपराध में नहीं है, इसका मतलब यह नहीं है कि आप पर पीएमएलए के तहत मुकदमा नहीं चलाया जा सकता.’’ उसने कहा, ‘‘मेरा मामला यह है कि, मैं इस केस में गवाह हूं.’’ पीठ ने कहा, ‘‘हम संतुष्ट नहीं हैं हमने मामले के गुण-दोष की भी जांच की है. न तो ईसीआईआर को रद्द किया जा सकता है और न ही इस पर रोक लगाई जा सकती है.’’ याचिका वापस ली… याचिकाकर्ता के वकील ने बेंच को बताया कि मामला जून में एक विशेष अदालत के समक्ष आरोपों पर बहस के लिए सूचीबद्ध है. उन्होंने बेंच से बाद में सुप्रीम कोर्ट में जाने की छूट के साथ याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी. बेंच ने कहा, ‘‘मामले के गुण-दोष पर कोई राय व्यक्त किए बिना वापस लेने की अनुमति दी जाती है.’’ ईसीआईआर को रद्द करने के अनुरोध के अलावा, याचिकाकर्ता ने ईडी द्वारा दायर अभियोजन शिकायत को भी रद्द करने का आग्रह किया था. Tags: Central Bureau of Investigation, Enforcement directorate, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : May 24, 2024, 22:58 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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