ब्रिक्‍स देशों की होगी अपनी करेंगी जयशंकर ने द‍िया जवाबट्रंप को मिलेगा सुकून

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने साफ क‍िया क‍ि ब्रिक्‍स देशों का अपनी करेंसी लाने का कोई इरादा नहीं है. जयशंकर का यह बयान डोनाल्‍ड ट्रंप की धमकी के बाद आया है.

ब्रिक्‍स देशों की होगी अपनी करेंगी जयशंकर ने द‍िया जवाबट्रंप को मिलेगा सुकून
दोहा (कतर): विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा क‍ि ब्रिक्‍स देशों की अमेर‍िकी डॉलर के मुकाबले नई मुद्रा शुरू करने की फ‍िलहाल कोई येाजना नहीं है. दोहा फोरम में ह‍िस्‍सा लेने कतर पहुंचे जयशंकर की यह टिप्‍पणी अमेर‍िका के नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपत‍ि डोनाल्‍ड ट्रंप को सुकून देने वाली है. क्‍योंक‍ि उन्‍होंने धमकी दी था क‍ि अगर ब्रिक्‍स देश अपनी करेंगी अपनाते हैं तो तो वे उनके प्रोडक्‍ट पर 100 फीसदी टैर‍िफ लगा देंगे. बिक्‍स में भारत, रूस और चीन शामिल हैं. अमेर‍िका चीन और रूस को लेकर चिढ़ा रहता है. कुछ द‍िनों पहले रूस के कजान शहर में ब्रिक्‍स देशों की बैठक हुई थी. तब यह सवाल आया था. दावा क‍िया गया था क‍ि ब्रिक्‍स देश अपनी करेंसी अपनाने पर बात कर रहे हैं ताकि ब्रिक्‍स देश डॉलर को छोड़कर अपनी करेंसी में व्‍यापार कर सकें. इसे लेकर ट्रंप ने खासी नाराजगी जताई थी और उन्‍होंने इसे अमेर‍िका विरोध तक बता दिया था. उन्‍होंने अपने सोशल मीडिया प्‍लेटफार्म ट्रुथ पर ल‍िखा था, हमें इन देशों से यह आश्वासन चाहिए कि वे न तो नई ब्रिक्स मुद्रा बनाएंगे, न ही शक्तिशाली अमेरिकी डॉलर के स्थान पर किसी अन्य मुद्रा का समर्थन करेंगे, अन्यथा उन्हें 100 प्रतिशत टैरिफ का सामना करना पड़ेगा, और उन्हें अद्भुत अमेरिकी अर्थव्यवस्था में अपनी बिक्री को अलविदा कहना पड़ेगा. इसके बाद जयशंकर के बयान के काफी मायने हैं. डॉलर को कमजोर करने में द‍िलचस्‍पी नहीं जयशंकर ने कहा, ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान हमारे काफी अच्‍छे संबंध रहे हैं. हां कुछ मुद्दे थे. इनमें से ज्‍यादातर व्‍यापार से जुड़े मुद्दे थे. जो लोग इस तरह की बातें कर रहे हैं, उन्‍हें याद द‍िलाना चाहता हूं क‍ि ट्रंप के कार्यकाल में ही क्‍वाड शुरू क‍िया गया था. पीएम नरेंद्र मोदी और ट्रंप के व्‍यक्‍त‍िगत संबंध काफी अच्‍छे हैं. जहां तक ​​ब्रिक्स की टिप्पणियों का सवाल है, हमने कहा है कि भारत कभी भी डी-डॉलराइजेशन के पक्ष में नहीं रहा है. फिलहाल ब्रिक्स मुद्रा रखने का कोई प्रस्ताव नहीं है. ब्रिक्स वित्तीय लेनदेन पर चर्चा करता है. अमेरिका हमारा सबसे बड़ा व्यापार साझेदार है. हमें डॉलर को कमजोर करने में कोई दिलचस्पी नहीं है. यूक्रेन संकट पर क्‍या बोले विदेश मंत्री ने यूक्रेन संकट का जिक्र करते हुए कहा था क‍ि बातचीत से ही इसका समाधान निकल सकता है. राजनयिकों को खुद से कहना होगा कि यह एक गड़बड़ दुनिया है. इसे ठीक करना होगा. इसे ठीक करने की वजह भी है. उन्‍होंने कहा, 60 और 70 के दशक का वह युग पीछे छूट गया. अब सभी को साथ आने की जरूरत है. उन्‍होंने कहा, भारत की कहीं भी जरूरत होगी तो हम आगे बढ़कर मदद करने के ल‍िए तैयार हैं. मैंने खुद कीव जाकर यूक्रेन के राष्‍ट्रपत‍ि और मास्‍को जाकर रूस के राष्‍ट्रपत‍ि से इस बारे में बात की है. Tags: BRICS Summit, S JaishankarFIRST PUBLISHED : December 7, 2024, 21:48 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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