पाकिस्तान का हुआ तो क्याअरशद के लिए भी चीयर बनता है यूं ही नहीं जीता गोल्ड

Who is Arshad Nadeem: पेरिस ओलंपिक में नीरज चोपड़ा गोल्ड अपने नाम नहीं कर पाए. पाकिस्तान के अरशद नदीम ने अबकी बार बाजी मार ली. हालांकि, दोनों ने रिकॉर्ड अपने नाम किया है. नदीम भले ही पाकिस्तानी हैं, मगर उनकी मेहनत के लिए एक चीयर तो बनता है.

पाकिस्तान का हुआ तो क्याअरशद के लिए भी चीयर बनता है यूं ही नहीं जीता गोल्ड
नई दिल्ली: याद कीजिए टोक्यो ओलंपिक का वो दिन. जब नीरज चोपड़ा ने अपने भाले की चमक से भारत की झोली सोने से भर दी थी. तब हारे हुए पाकिस्तानी एथलीट अरशद नदीम ने नीरज को बधाई दी थी. अरशद नदीम के इस बधाई पर खूब बवाल मचा था. पाकिस्तान में उनकी लानत मलामत हुई थी. उनके इस जेस्चर पर पाकिस्तानी नाराज दिखे थे. मगर आज मौका हमारे लिए है. आज पेरिस ओलंपिक में गोल्ड मेडल वो जीते हैं. हमें इसे खुशी से स्वीकार करना होगा और बड़ा दिल दिखाना चाहिए. हमें अरशद नदीम की मेहनत की वाहवाही करनी चाहिए. भले ही अरशद पाकिसतान के हैं, मगर उनकी मेहनत के लिए एक चीयर तो बनता है. आखिर उन्होंने गोल्ड लाने के लिए क्या-क्या नहीं किया. पेरिस ओलंपिक से भारत और पाकिस्तान दोनों को खुशी मिली है. जेवलिन थ्रो में पाकिस्तान के अरशद नदीम ने गोल्ड मेडल जीता है. हमारे नीरज चोपड़ा भले ही गोल्ड नहीं ला पाए, मगर उन्होंने इस बार सिल्वर से भारत की झोली भर दी. हमारे लिए यह भी खुशी कम नहीं है. क्योंकि नीरज का मुकाबला ऐसे खिलाड़ियों से था, जो पहले कई बार 90 मीटर के दायरे को पार कर चुके थे. खुद अरशद कई बार 90 पार फेंक चुके हैं. ऐसे में हमें नीरज के प्रदर्शन पर निराश होने की जरूरत नहीं है. उन्होंने अपना बेस्ट दिया. हालांकि, फ्यूचर में वो और बेस्ट दे सकते हैं. फिर से भारत की झोली टोक्यो ओलंपिक की तरह गोल्ड से भर सकते हैं. मगर आज का दिन अरशद नदीम का था. नीरज ने भी माना- आज अरशद का था दिन खुद नीरज चोपड़ा ने मुकाबले के बाद कहा कि उन्होंने अपना बेस्ट दिया, मगर आज का दिन अरशद नदीम का था. उन्होंने कहा, ‘मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया लेकिन कुछ चीजों पर ध्यान देने और काम करने की जरूरत है…हमारा राष्ट्रगान आज भले ही नहीं बजाया गया हो, लेकिन भविष्य में यह कहीं और जरूर बजाया जाएगा…’. टोक्यो ओलंपिक के बाद जैसे अरशद नदीम ने बधाई दी थी, ठीक उसी तरह नीरज ने भी उन्हें बधाई देकर बड़ा दिल दिखाया है. खिलाड़ियों के इस जेस्चर को हमें सलाम करने की जरूरत है. भले ही अरशद पाकिस्तान के हैं, मगर हमें यह समझना होगा कि उन्होंने अपनी मेहनत की वजह से गोल्ड का सपना पूरा किया है. गोल्ड लाने की पीछे की मेहनत जैवलिन थ्रो में गोल्ड लाने की पीछे उनकी मेहनत कम नहीं है. एक वक्त था, जब अरशद नदीम के पास भाला खरीदने के लिए भी पैसे नहीं थे. उन्हें तो यह भी नहीं पता था कि पाकिस्तान की सरकार उन्हें ओलंपिक में भेजेगी या नहीं. मगर उनकी मेहनत के आगे किस्मत को भी झूकना पड़ा. आखिरकार पाकिस्तान सरकार ने उन पर भरोसा जताया. उन्हें फंड दिया और आखिरकार वह ओलंपिक में पाकिस्तान के लिए खरा सोना साबित हुए. लेकिन हकीकत यह भी है कि यहां तक नदीम को पहुंचाने में उनके परिवार और गांव वालों का भी बहुत बड़ा योगदान है. गांव वालों ने चंदा इकट्ठा कर उन्हें नया भाला खरीदने में मदद की थी. अरशद की किसने की मदद? अरशद नदीम एशिया के उन दो भालाफेंक खिलाड़ियों में से हैं, जिन्होंने 90 मीटर का आंकड़ा पार किया है. दूसरा ताइपै से है. पाकिस्तान में खेलों में निवेश सिर्फ क्रिकेट में आता है. इसलिए नदीम की ओर किसी का ध्यान ही नहीं था. मगर आज जब उन पर भरोसा जताया गया तो वह खरा सोना साबित हुए. खुद उनके पिता मुहम्मद अशरफ कहते हैं, ‘लोगों को पता ही नहीं है कि अरशद आज इस मुकाम तक कैसे पहुंचा. कैसे गांववालों और रिश्तेदारों ने पैसे जुटाये ताकि वह अभ्यास और मुकाबलों के लिये दूसरे शहरों में जा सके.’ पाकिस्तान का खरा सोना नदीम पाकिस्तान ने सात खिलाड़ी पेरिस ओलंपिक भेजे, जिनमें से छह फाइनल में नहीं पहुंच सके. केवल अरशद नदीम ही इकलौते थे, जिन्होंने पाकिस्तान की झोली मेडल से भरी है. पिछली बार टोक्यो ओलंपिक में ओलंपिक में भारत के नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल जीता था. तब नदीम पांचवें स्थान पर रहे थे. आज नदीम गोल्ड जीते हैं और नीरज सेकंड पर रहे हैं. टोक्यो में नीरज ने जीता गोल्ड, नदीम थे पांचवें पर बता दें कि चैम्पियन नीरज चोपड़ा पेरिस ओलंपिक की जैवलिन थ्रो में सिल्वर मेडल जीतकर लगातार दो ओलंपिक पदक जीतने वाले पहले भारतीय ट्रैक और फील्ड खिलाड़ी बन गए. वहीं, पाकिस्तान को अरशद नदीम ने 1992 के बाद ओलंपिक में हंसने की वजह दी है. इसलिए आज खिलाड़ियों को नहीं देखिए कि कौन-किस देश से है. आज खेल को एंजॉय करने का दिन है. आज नदीम ने वाकई नीरज से बेहतर खेल दिखाया. Tags: 2024 paris olympics, Neeraj Chopra, Neeraj chopra javelin, Paris olympics, Paris olympics 2024FIRST PUBLISHED : August 9, 2024, 08:29 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed