महाकुंभ 2025 में लगेगा टेक्नोलॉजी का छौंका ऐप से लेकर AI तक का होगा इस्तेमाल
महाकुंभ 2025 में लगेगा टेक्नोलॉजी का छौंका ऐप से लेकर AI तक का होगा इस्तेमाल
Mahakumbh 2025: महाकुंभ में आने वाले लोगों को एआई चैटबॉट की मदद से बहुत सी सुविधाएं मिलेंगी. इसके जरिये महाकुंभ की तमाम जानकारी तो हासिल होगी ही, साथ ही 11 भाषाओं में संवाद भी किया जा सकता है.
Mahakumbh 2025: दस दिन बाद, आगामी 13 जनवरी, 2025 को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ शुरू हो जाएगा. महाकुंभ का यह महा उत्सव 26 फरवरी को संपन्न होगा. हम जानते हैं कि दुनिया भर में होने वाला यह सबसे बड़ा आयोजन है, जो हजारों वर्षों से चला आ रहा है. इस दौरान देश भर से तो श्रद्धालु संगम नगरी में जुटते ही हैं, बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीय और विदेशी नागरिक भी भारत आते हैं. इसे देखते हुए महाकुंभ की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महाकुंभ के आयोजन में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं. यही कारण है कि इस बार का महाकुंभ उत्सव अब तक के सबसे भव्य और दिव्य स्वरूप में होगा. प्रधानमंत्री मोदी का कहना है कि महाकुंभ एकता का महायज्ञ है. प्रयाग में पग-पग पर पवित्र स्थान हैं, पग-पग पर पुण्य क्षेत्र हैं. यह गंगा, यमुना, सरस्वती, कावेरी, नर्मदा जैसी पवित्र नदियों का देश है. इन नदियों के प्रवाह की जो पवित्रता है, इन अनेकानेक तीर्थों का जो महत्व है, जो महात्म्य है, उनका संगम, उनका समुच्चय, उनका योग, उनका संयोग, उनका प्रवाह, उनता प्रताप… यह प्रयाग है. प्रयागराज केवल भौगोलिक भूखंड नहीं है, यह आध्यात्मिक अनुभव क्षेत्र है.
सर्वसमावेशी संस्कृति और अटूट एकता की जीवंत अभिव्यक्ति
वहीं यूपी के सीएम योगी कहते हैं कि महाकुंभ भारत की समेकित आस्था, सर्वसमावेशी संस्कृति और अटूट एकता की जीवंत अभिव्यक्ति है. इसमें कोई संदेह नहीं है कि महाकुंभ 2025 के पावन अवसर पर मिल रही इन सौगातों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में जारी प्रदेश की विकास और समृद्धि का यात्रा को और गति प्राप्त होगी. स्वच्छ, सुरक्षित, सुव्यवस्थित और डिजिटल महाकुंभ 2025 के भव्य-दिव्य आयोजन के लिए राज्य सरकार संकल्पित है.
इस बार महाकुंभ में सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए जा रहे हैं. हजारों जवान और अधिकारियों के साथ ही दो हजार 750 से ज्यादा एआई सीसीटीवी कैमरों की मदद से चप्पे-चप्पे पर 24 घंटे निगरानी रखी जाएगी. साथ ही चप्पे-चप्पे पर कड़ी निगरानी रखने के लिए हवा में पहली बार टीथर्ड ड्रोन तैनात किया गया है. हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा जुटाने की क्षमता वाले इस हाई सिक्योरिटी ड्रोन की पैनी नजर से कोई संदिग्ध बच नहीं पाएगा. ड्रोन के डेटा की समीक्षा के लिए एक खास टीम तैनात की गई है.
पुलिस कर्मी मोबाइल ऐप की मदद से करेंगे काम
डिजिटल महाकुंभ 2025 में पहली बार मेला ड्यूटी में तैनात पुलिस कर्मी मोबाइल ऐप की मदद से काम करेंगे. ऐप में रास्तों, महत्वप्रूर्ण जगहों और अफसरों के नंबर कई अहम फीचर शामिल होंगे. ऐप का विकास खास तौर पर भीड़ के नियंत्रण को ध्यान में रख कर किया गया है. ऐप की मदद से मेला क्षेत्र में किसी भी इमरजेंसी की स्थिति से निपटने के लिए क्विक रेस्पॉन्स मैनेजमेंट की प्रक्रिया पूरी की जा सकेगी. मेले में 37 हजार पुलिस कर्मी और 50 हजार से ज्यादा दूसरे सुरक्षा कर्मी तैनात रहेंगे. साथ ही एनडीआरएफ की 12 टीमों और एसडीआरएफ के 150 जवानों की तैनाती भी रहेगी.
एक और ऐप महा मेले में अनेकता के बीच एकता की भावना कायम करने में मदद करेगा. भाषिणी नाम के इस ऐप के माध्यम से विभिन्न भाषाओं को समझने में मदद मिलेगी. यह ऐप अलग-अलग भाषाएं बोलने वाले लोगों को एक-दूसरे की बातें समझने में मदद मिलेगी. इस ऐप में कंट्रोल रूम, हेल्प डेस्क और आपातकालीन निकास जैसी अहम जगहों के साथ मेला क्षेत्र का पूरा नक्शा होगा.
एआई चैटबॉट की भी ली जाएगी मदद
महाकुंभ में आने वाले लोगों को एआई चैटबॉट की मदद से बहुत सी सुविधाएं मिलेंगी. इसके जरिये महाकुंभ की तमाम जानकारी तो हासिल होगी ही, साथ ही 11 भाषाओं में संवाद भी किया जा सकता है. इसके लिए आगंतुकों को अपना मोबाइल नंबर पंजीकृत करना होगा. यह काम एचटीटीपीएएस स्लैश सीएचएटीबीओटी डॉट केयूएमबीएच डॉट यूपी डॉट जीओवी डॉट आईएन लिंक पर जा कर किया जा सकता है. इसके होम पेज पर महाकुंभ का संक्षिप्त ब्यौरा, आकर्षण, यात्रा और आवास, टूर पैकेज स्क्रीन पर दिखेंगे. बहुत सी और भी महत्वपूर्ण जानकारियां चैटबॉट के जरिये हासिल की जा सकेंगी.
कचरे का इस तरीके से होगा प्रबंधन
लाखों लोगों की मौजूदगी की वजह से होने वाले कचरे के प्रबंधन के लिए 160 वाहनों का इस्तेमाल किया जाएगा. पूरे कुंभ क्षेत्र में 25 हजार डस्टबिन लगाए जाएंगे. कुल डेढ़ लाख शौचालय बनाए जाएंगे और 15 हजार सफाई कर्मी तैनात किए जाएंगे. लोगों का गुम हुआ सामान लौटाने के लिए 10 डिजिटल खोया-पाया केंद्र बनाए जा रहे हैं. बिजली के तारों की वजह से कोई दुर्घटना नहीं हो, इसके लिए 100 किलोमीटर लंबी बिजली की लाइन अंडरग्राउंड बिछाई गई है.
महाकुंभ आयोजन स्थल पर स्वच्छता रहे और लोगों की सेहत खराब नहीं हो, इसके लिए स्वच्छ महाकुंभ और स्वस्थ महाकुंभ का नारा दिया गया है. मेला स्थल को मक्खी और मच्छरों से मुक्त रखने के लिए खास इंतजाम किए जा रहे हैं. इसके लिए वेक्टर कंट्रोल यूनिट तैनात की जा रही है. कीटनाशकों के छिड़काव के लिए मेला स्थल पर 35 सेनीटेशन सर्किल बनाए गए हैं. यूनिट में कुल 45 कर्मचारियों की टीम तीन शिफ्टों में काम करेगी.
पूरे महाकुंभ स्थल यानी दुनिया के सबसे बड़े अस्थाई नगर को सात जिलों में बांटा गया है. ये जिले हैं शंकराचार्य नगर, महामंडलेश्वर नगर, आचार्यबाड़ा नगर, दंडीबाड़ा नगर, कल्पवासी नगर, खाक चौक नगर और रामानंद नगर. कुल चार हजार हेक्टेयर जमीन पर देश-दुनिया से आने वाले श्रद्धालु जुटेंगे. पूरे क्षेत्र को 10र जोन, 25 सेक्टरों, 56 थानों और 155 चौकियों में बांटा गया है. कुल मिला कर महाकुंभ 2025 को पहला डिजिटल महाकुंभ भी कहा जा रहा है.
Tags: Kumbh Mela, Maha Kumbh MelaFIRST PUBLISHED : January 3, 2025, 15:03 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed