Ground Report: पीके की पॉलिटिक्स पर क्या सोचते हैं लालू के गोपालगंज के लोग

Bihar Politics: क्या प्रशांत किशोर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की तरह बिहार पॉलिटिक्स में परिवर्तन ला पाएंगे? क्या प्रशांत किशोर क्या बिहार की राजनीति बदल देंगे? क्या प्रशांत किशोर बिहार की जातीय राजनीति के बीच अपनी जगह बना पाएंगे? क्या नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव जैसे नेताओं के बीच प्रशांत के लिए कोई संभावना है? इन्हीं सवालों का जवाब जानने के लिए न्यूज 18 ने गोपालगंज के लोगों से बात की तो लोगों ने जो जवाब दिये वह आप भी जानिये.

Ground Report: पीके की पॉलिटिक्स पर क्या सोचते हैं लालू के गोपालगंज के लोग
हाइलाइट्स प्रशांत किशोर की राजनीति पर लालू प्रसाद के गृह जिला गोपालगंज के लोग क्या सोचते हैं? प्रशांत किशोर की अरविंद केजरीवाल से तुलना क्यों हो रही, क्या पीके बदल देंगे राजनीति? गोपालगंज. चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने अपनी राजनीतिक पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया है. 28 जुलाई को प्रशांत किशोर ने घोषणा कर दी कि 2 अक्तूबर, 2024 को उनकी पार्टी अस्तित्व में आ जाएगी. प्रशांत किशोर ने कहा है कि 2025 में उनकी पार्टी विधानसभा चुनाव भी लड़ेगी. उन्होंने कहा है कि ”एक करोड़ सदस्य 2 अक्टूबर को गांधी जयंती को मौके पर जन सुराज की नींव रखेंगे. पहले दिन 1.50 लाख लोगों को पदाधिकारी नामित करने के साथ शुरुआत होगी.” बिहार की राजनीति में गोपालगंज जिला के लोगों की भूमिका अहम रहती है, क्योंकि गोपालगंज ने बिहार को तीन-तीन  मुख्यमंत्री दिया है. राजद सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद गोपालगंज के फुलवरिया के रहनेवाले हैं. उनकी पत्नी और बिहार के प्रथम महिला मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और अल्पसंख्यक समुदाय से आनेवाले सरेया नरेंद्र गांव के अब्दुल गफूर भी पहले मुख्यमंत्री बने थे. ऐसे में प्रशांत किशोर की राजनीति को लेकर जहां के लोग क्या सोचते हैं, हमने अलग-अलग क्षेत्र के लोगों से बातचीत कर तैयार की यह रिपोर्ट. प्रशांत किशोर वर्ष 2022 के 2 अक्टूबर से लगातार बिहार के गांव-गांव जाकर लोगों से संवाद स्थापित कर रहे हैं. गोपालगंज खाद्यान्न व्यवसायी संघ के अध्यक्ष नन्हूजी प्रसाद कहते हैं ‘बिहार के नवयुवकों को प्रशांत किशोर से उम्मीदें है.  हमारे घर का बेटा आशीष कुमार भी प्रशांत किशोर से प्रभावित है. बिहार की विकास के लिए प्रशांत किशोर का जो सोच है, वह बाकी नेताओं से बेहतर और अलग है. 2025 में भले उनकी पार्टी को सफलता न मिले, लेकिन 2030 में प्रशांत किशोर की पार्टी बिहार के सत्ता का केंद्र बनेगी. बिहार को एक बेहतर विकल्प चाहिए, जो प्रशांत किशोर नजर आ रहे हैं. प्रशांत किशोर बिहार की विकास के लिए तार्कित बातें रखते हैं और सोचते हैं. गोपालगंज के प्रोफेसर राहुल कुमार राजनीति पर खास नजर रखते हैं. राहुल कहते हैं कि प्रशांत किशोर की बिहार के लोग राजनीति में अरविंद केजरीवाल से तुलना करते हैं. उनका मानना है कि जन सुराज तीसरे विकल्प के रूप में सामने आ रही है. बिहार के विकास के लिए आइडियल लीडर जरूरी है. जिनकी सोच मजबूत होगी, उन्हें लोग पसंद करेंगे. यह अलग बात है कि नीतीश कुमार समेत अन्य बड़े नेताओं का उन्होंने चुनावी कैंपेनिंग किया है. बिहार के लिए प्रशांत किशोर नए राजनीतिक चेहरा बनकर उभर रहे हैं, उन्हें लोगों का साथ मिलेगा. आगामी 2 अक्टूबर 2024 को प्रशांत किशोर नये राजनीतिक दल की घोषणा कर सकते हैं. जयप्रकाश विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर के छात्र श्रवण कुमार कहते हैं कि प्रशांत किशोर ने शिक्षा, रोजगार, और चिकित्सा के मुद्दे पर लोगों से बात की. उन्होंने कहा कि इनके लिए आपको बाहर नहीं जाना पड़ेगा. ये वो मुद्दे हैं जो लोगों से सीधे तौर पर जुड़ते हैं. प्रशांत ने लोगों से सीधा कनेक्शन बनाने की कोशिश की है. उनकी पार्टी  को चुनाव में कितनी सीटें मिलेंगी इसकी भविष्यवाणी तो नहीं की जा सकती, लेकिन चुनाव में उनका असर देखने को जरूर मिलेगा. शिक्षित युवा प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज से जुड़ रहे हैं. Tags: Bihar News, Bihar politics, Prashant KishorFIRST PUBLISHED : August 1, 2024, 11:12 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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