OMG News: झारखंड का सुसाइड ट्री जिसने भी इसका फल चखा वह इस दुनिया में नहीं रहा

Cerbera Odollam: रांची के वन उत्पादकता संस्थान के मुख्य तकनीकी अधिकारी रवि शंकर प्रसाद ने बताया कि अनिमेष सिन्हा इस सुसाइड ट्री को पश्चिम बंगाल के सुंदरवन से लेकर आए थे. राजा-महाराजाओं के जमाने में दंड स्वरूप इसी पेड़ का फल खाने को दिया जाता था. इस फल के बीज में इतना ज्यादा विष है कि इसका सेवन करने के बाद मनुष्य को बचा पाना नामुमकिन है.

OMG News: झारखंड का सुसाइड ट्री जिसने भी इसका फल चखा वह इस दुनिया में नहीं रहा
हाइलाइट्सये पेड़ केरल और आसपास के समुद्रतटीय क्षेत्रों में पाया जाता है. इसके कारण कई मौतें हो चुकी हैं. इसके बीज में एल्कलॉइड पाया जाता है, जो दिल और सांस के लिए काफी जहरीला साबित होता है. रांची. वैसे तो आपने कई तरह के पेड़ देखे होंगे, कई तरह के पेड़ों के फल चखे होंगे. यह भी सुना होगा कि एक पेड़ लगाने के कई फायदे होते हैं. पर क्या आपने कभी किसी ऐसे पेड़ के बारे में सुना है, जिसका नाम सुसाइड ट्री हो? आज आपको न्यूज18 एक ऐसे ही पेड़ के बारे में बताने जा रहा है जो लोगों की जान छीन लेता है. इस पेड़ का फल ऐसा, जिसे खाने के बाद मिनटों में मौत हो जाती है. जी हां, इस पेड़ का नाम ही है सुसाइड ट्री. यह पेड़ रांची के वन उत्पादकता संस्थान के कैंपस में लगा है. इस सुसाइड ट्री को दुनिया सेरबेरा ऑडालम (Cerbera Odollam) के नाम से भी जानती है. ये पेड़ वैसे तो केरल और आसपास के समुद्रतटीय क्षेत्रों में पाया जाता है. आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि इस पौधे की वजह से केरल में अब तक कई मौतें हो चुकी हैं. दरअसल, इसके बीज में एल्कलॉइड पाया जाता है, जो दिल और सांस के लिए काफी जहरीला साबित होता है. रांची के वन उत्पादकता संस्थान में इस पेड़ के ठीक नीचे सुसाइड ट्री का बोर्ड लगा है. इस कैंपस में आना इतना आसान नहीं, क्योंकि बाहर सुरक्षा गार्ड की तैनाती की गई है. वन उत्पादकता संस्थान के मुख्य तकनीकी अधिकारी रवि शंकर प्रसाद ने बताया कि अनिमेष सिन्हा इस सुसाइड ट्री को पश्चिम बंगाल के सुंदरवन से लेकर आए थे. चूंकि इस संस्थान में कई तरह के शोध वन और पेड़ पर ही आधारित हैं, इसलिए ये सुसाइडल ट्री चर्चा में रहा है. कहा जाता है कि राजा-महाराजाओं के जमाने में दंड स्वरूप इसी पेड़ का फल खाने को दिया जाता था. इसके फल में और खासकर फल के बीज में इतना ज्यादा विष है कि इसका सेवन करने के बाद मनुष्य को बचा पाना नामुमकिन है. वैसे तो इस कैंपस में 125 तरह के पेड़ हैं, पर सुसाइड ट्री के नाम का ये इकलौता पेड़ है. देखने में ये सुसाइड ट्री सामान्य पेड़ों से बहुत ज्यादा अलग नहीं है. बात चाहे इसके हरे रंग के पत्तों की करें या सफेद रंग के फूलों की, या इसके गेंद या फिर आम के आकार के फल की करें, कोई भी व्यक्ति एक नजर में इसे सामान्य फलदार पेड़ ही समझेगा. जूनियर रिसर्च फैलो रिकेश कुमार के अनुसार, ये एक तरह का जहरीला फल है. जिसको कोई भी नहीं खा सकता है. आमतौर पर ये झारखंड के जंगल में आपको देखने को नहीं मिलेगा. संस्थान के द्वारा सुसाइडल ट्री के फल से नया पौधा तैयार किया जाता है. इस बात का खास ध्यान दिया जाता है कि जिस मिट्टी में फल से पौधा तैयार किया जाता है, उसी मिट्टी में इसे लगा दिया जाता है. शायद यही वजह है कि जंगल के बारे में जानकारी रखनेवालों ने कहा है कि किसी व्यक्ति को जिंदा रहने के लिए जंगल मे कई तरह के भोजन है, पर व्यक्ति को उसकी परख होनी चाहिए. क्योंकि सुसाइडल ट्री जैसे पेड़ के फल आपको अपनी ओर आने के लिए ललचाने में सफल हुए, तो आपकी जान पल भर में जा सकती है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Jharkhand news, OMG News, SuicideFIRST PUBLISHED : July 06, 2022, 20:27 IST