इस शहर के बिजनेसमैन सब्सिडी खत्म होने से परेशान सरकार के सामने रखी ये मांग

मुरादाबाद हैंडीक्राफ्ट्स एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के महासचिव अवधेश अग्रवाल का कहना है कि इक्विलाइजेशन स्कीम के तहत एमएसएमई निर्यातकों को 6 प्रतिशत तक की छूट एक वर्ष तक बढ़ाने की मांग की गई है.

इस शहर के बिजनेसमैन सब्सिडी खत्म होने से परेशान सरकार के सामने रखी ये मांग
पीयूष शर्मा/मुरादाबाद: कोविड-19 के बाद निर्यात क्षेत्र में आई मंदी से उबरने के लिए देशभर के निर्यातक पूरी कोशिश कर रहे हैं. इसी बीच, सरकार द्वारा दी जा रही इक्विलाइजेशन स्कीम 31 अगस्त को समाप्त होने जा रही है, जिससे मुरादाबाद समेत सभी निर्यातकों में मायूसी छाई हुई है. निर्यातकों का कहना है कि अगर यह स्कीम खत्म होती है, तो वे अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धा करने में असफल हो सकते हैं, जिससे उनके व्यापार में गिरावट आ सकती है. निर्यातकों ने वित्त मंत्री को पत्र भेजकर इक्विलाइजेशन स्कीम के तहत मिलने वाली 3 प्रतिशत छूट को बढ़ाकर 6 प्रतिशत करने और इस स्कीम को जारी रखने की मांग की है. दरअसल, निर्यातकों को व्यापार करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा एमएसएमई के तहत ऋण दिया जाता है, जिसमें सरकार की ओर से 3 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती रही है. यह सब्सिडी निर्यात में आई मंदी से उबरने के लिए निर्यातकों के लिए एक महत्वपूर्ण सहायता साबित होती है. लेकिन अब सरकार इस ब्याज पर मिलने वाली सब्सिडी को भी खत्म करने जा रही है, जिससे निर्यातक एक बार फिर से चिंता में डूब गए हैं. छूट बढ़ाने की मांग मुरादाबाद हैंडीक्राफ्ट्स एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के महासचिव अवधेश अग्रवाल का कहना है कि इक्विलाइजेशन स्कीम के तहत एमएसएमई निर्यातकों को 6 प्रतिशत तक की छूट एक वर्ष तक बढ़ाने की मांग की गई है. पहले यह छूट केवल 3 प्रतिशत थी, लेकिन कारोबार की मंदी के चलते निर्यातकों ने इसे बढ़ाने का अनुरोध किया है. ब्याज सामानीकरण योजना की आवश्यकता निर्यातकों का कहना है कि ब्याज सामानीकरण योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा दी जाने वाली 3 प्रतिशत सब्सिडी की अवधि 31 अगस्त को समाप्त हो जाएगी. इस मामले में एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हैंडीक्राफ्ट्स (EPCH) के अध्यक्ष दिलीप वेद ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वाणिज्य उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को पत्र भेजकर बताया है कि हैंडीक्राफ्ट के निर्यातक आर्टिजन से माल तैयार करते हैं और इस कारोबार से लाखों मजदूर जुड़े होते हैं. वर्तमान में कारोबार काफी मंदा चल रहा है, और ब्याज में छूट मिलने पर ही निर्यातक बाजार में प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं. इसलिए एमएसएमई निर्यातकों को ब्याज में 6 प्रतिशत तक की छूट एक साल तक मिलनी चाहिए. Tags: Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : August 29, 2024, 11:51 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed