गाभिन गाय-भैंस अंतिम 3 दिन में ऐसे करें देखभाल बढ़ जाएगा दूध उत्पादन!

मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज कुमार अग्रवाल ने बताया कि गाभिन भैंस 310 दिन में बच्चा देती है जबकि गाय 270 दिनों में बच्चा देती है. ऐसे में गाभिन पशु को अतिरिक्त खुराक देने की जरूरत रहती है ताकि वह एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दे, और अच्छा दूध उत्पादन मिले.

गाभिन गाय-भैंस अंतिम 3 दिन में ऐसे करें देखभाल बढ़ जाएगा दूध उत्पादन!
शाहजहांपुर : भारत में ज्यादातर किसान खेती के साथ-साथ पशुपालन भी करते हैं. पशुपालन से किसानों को कम समय में अतिरिक्त आमदनी मिल जाती है. ऐसे में जरूरी है कि पशुपालक अपने पशुओं का ध्यान रखें, ताकि अच्छा दूध उत्पादन मिल सके. पशुपालन के एक्सपर्ट का कहना है कि गाभिन पशुओं की खास देखभाल करने की जरूरत होती है. क्योंकि गर्भावस्था में पशु की अच्छी देखभाल होगी तो ब्याने के बाद अच्छा दूध उत्पादन मिलेगा. मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज कुमार अग्रवाल ने बताया कि गाभिन भैंस 310 दिन में बच्चा देती है जबकि गाय 270 दिनों में बच्चा देती है. ऐसे में गाभिन पशु को अतिरिक्त खुराक देने की जरूरत रहती है ताकि वह एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दे, और अच्छा दूध उत्पादन मिले. 3 से 6 महीने तक करें ये काम डॉ. मनोज कुमार अग्रवाल ने बताया कि शुरुआती 3 महीने तक और रूटीन में दिए जाने वाला चारा देते रहे लेकिन मिनरल मिक्चर की मात्रा को बढ़ा दें, ताकि 3 से 6 महीने तक प्रोटीन वाला आहार देना शुरू कर दें, उसके साथ मिनरल मिक्चर भी देते रहें. 7 वें महीने के बाद विशेष तौर पर ध्यान देने की जरूरत है, अगर पशु दूध दे रहा है तो और भी सावधानी बरतनी चाहिए. गाभिन पशु से दूध लेना कर दें बंद डॉ. मनोज कुमार अग्रवाल ने कहा कि 7 वें में महीने के बाद पशुओं से दूध लेना बंद कर दें क्योंकि अगर आप पशु से दूध लेते रहेंगे तो वह अगले बयात में आपको अच्छा दूध उत्पादन नहीं दे पाएगा. अंतिम दिनों में रखे खास ख्याल डॉ. मनोज कुमार अग्रवाल ने कहा कि जब पशु के गर्भावस्था के दिन पूरे होने वाले हो तो पशु के आवास को साफ सुथरा और हवादार बनाए रखें. इसके अलावा यहां गाभिन पशु को बांधा जाता हो उसका पिछला हिस्सा ऊंचा और अगला हिस्सा नीचा कर दें ताकि पेट में पल रहे बच्चे का वजन पीछे की ओर ना आए. इसके अलावा पशु को ज्यादा चलाना फिराना भी नहीं चाहिए. इसके साथ ही पशु को 20 से 25 किलो हरा चारा और 4 से 5 किलो सूखा चारा देना चाहिए. कैल्शियम और मिनरल मिक्चर लगातार पशुओं को देते रहे. मिल्क फीवर से बचाएगी ये दवा डॉ. मनोज कुमार अग्रवाल ने बताया कि पशुओं में मिल्क फीवर की बीमारी भी आ जाती है. ऐसे में जब पशु के बयाने में करीब 30 दिन रह जाएं, तब उसको मोटाबोलाइट का एक एक पाउच रोजाना देते रहें, यह पाउच हर मेडिकल स्टोर पर मिल जाएगा. एक पाउच के कीमत करीब 20 रूपए रहती है. Tags: Agriculture, Animal husbandry, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : September 9, 2024, 11:53 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed