STF Story: किस आईएएस का था एसटीएफ बनाने का आइडिया किसके लिए बनी थी एसटीएफ
STF Story: किस आईएएस का था एसटीएफ बनाने का आइडिया किसके लिए बनी थी एसटीएफ
IAS Story, STF Story: यूपीएससी परीक्षा पास करने के बाद आईएएस (IAS) और आईपीएस (IPS) की नौकरी पाने का ख्वाब लाखों युवा देखते हैं, लेकिन जब नौकरी में आते हैं तो उन्हें पता चलता है कि यहां हर रोज किस तरह की परीक्षाओं से गुजरना होता है. ये कहानी भी कुछ ऐसी है एक आईएएस ने न्यूयॉर्क की तर्ज पर उत्तर प्रदेश से माफियाराज के खात्मे का आइडिया दिया, जो आज तक एसटीएफ (STF) के रूप में काम कर रही है.
STF Story: यूपी एसटीएफ काफी चर्चा में रहती है. यूपी पुलिस की खास विंग स्पेशल टास्क फोर्स एसटीएफ (STF) को लेकर कई बार राजनीति भी गर्मा जाती है. अभी तक यूपी के जितने भी माफिया या अपराधी मारे गए, उनमें से अधिकतम एसटीएफ के एनकाउंटर में ही मारे गए हैं. ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर एसटीएफ बनाने का आइडिया किसका था? और किसके चक्कर में एसटीएफ बनाई गई?
तो आपको बता दें कि यूपी में एसटीएफ बनाने का आइडिया एक आईएएस अफसर (IAS Officer) का था. यह आईएएस अफसर किसी जमाने में उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव (गृह) हुआ करते थे. इनका नाम है आईएएस राजीव रतन शाह. राजीव रतन शाह 1967 बैच के आईएएस अधिकारी थे. वह बाद कई अलग अलग पदों पर रहे और 2005 में रिटायर हुए. एसटीएफ के संस्थापक सदस्यों में रहे आईपीएस राजेश पांडे ने इस बात का खुलासा एक इंटरव्यू में किया था, जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे आईएएस राजीव रतन शाह ने माफिया आंतक खत्म करने के लिए एसटीएफ बनाने का आइडिया दिया था.
तब यूपी में अपराधियों ने मचाया था आतंक
पूर्व आईपीएस व एसटीएफ के सदस्य रहे राजेश पांडे ने अपने इंटरव्यू में कहते हैं कि 90 का दशक में उत्तर भारत, खासकर यूपी में अपराध अपने चरम पर था. यह वह दौर था, जब कई गैंगस्टर बने और बाद में राजनीति में आ गए. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में भी कई अपराधी और माफिया विधानसभा में मननीय बनकर अपने कदम रख रहे थे. राजेश पांडे उस दौर को याद करते हुए बताते हैं कि उत्तर प्रदेश में 1998 के आसपास एक के बाद एक कई हत्याएं हुईं, इसमें वीरेन्द्र शाही, विवेक श्रीवास्तव जैसे कई नाम शामिल हैं. उसी समय बिहार के कैबिनेट मंत्री बृजबिहारी की भी AK-47 से गोली मारकर हत्या कर दी गई. राजेश पांडेय कहते हैं कि इन सारी हत्याओं के पीछे पीछे श्रीप्रकाश शुक्ला का नाम आ रहा था.
कैसे आया एसटीएफ का आइडिया
राजेश पांडेय कहते हैं कि उस समय यूपी के प्रमुख सचिव (गृह) हुआ करते थे आईएएस राजीव रतन शाह. राजीव रतन शाह साहब अपनी बेटी से मिलने अमेरिका गए हुए थे, कि इसी बीच लखनउ में एक बड़ी किडनैपिंग हो गई. राजेश पांडेय बताते हैं कि तब सोलमन एंड सोलमन एक दवा कंपनी हुआ करती थी, जो पूरे उत्तर प्रदेश में दवाई की सप्लाई करती थी उसके मालिक थे केके रस्तोगी. केके रस्तोगी अपने बेटे के साथ मॉर्निंग वॉक पर जा रहे थे कि इसी बीच श्रीप्रकाश शुक्ला ने उन्हें ओवरटेक कर गोली मार दी और लड़के को किडनैप कर ले गया. इसके बाद कानपुर में उनके ज्वैलर रिश्तेदार को फोन करके फिरौती की मांग करने लगा. जब यह सूचना राजीव रतन शाह साहब को अमेरिका में मिली, तो वह न्यूयॉर्क में NYPD के हेडक्वार्टर गए. दरअसल, वहां भी माफियाओं का आतंक था. जिसके लिए एक स्पेशल यूनिट बनाई गई थी और अपराधियों का खत्मा किया गया था. यहीं से वह एसटीएफ का आइडिया ले आए.
हरे रंग की कलम से लिखकर लाए ब्लूप्रिंट
राजेश पांडेय बताते हैं कि राजीव रतन शाह साहब ने वहां 6 पन्नों का एक नोट तैयार किया, जो हरे रंग की कलम से लिखा गया था. जब वह लखनऊ लौटे तब तक कुख्यात अपराधी श्रीप्रकाश शुक्ला के सीएम की सुपारी लेने की बात सामने आ गई. श्रीप्रकाश शुक्ला ने तत्तकालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को भी मारने की सुपारी ले ली. जिसके बाद उन्होंने सीएम को न्यूयॉर्क के स्पेशल यूनिट का हवाला देकर एसटीएफ के गठन का सुझाव दिया. जिसके बाद इसे तुरंत गठित करने का आदेश हुआ और ऐसे 4 मई 1998 को यूपी में स्पेशल टॉस्क फोर्स का गठन हो गया. इसके पहले डीजी बनाए गए आईपीएस अजय राज शर्मा. 17 अधिकारियों को मिलाकर यूपी एसटीएफ का गठन किया गया. और आखिरकार एसटीएफ ने श्रीप्रकाश शुक्ला को मार गिराया.
Tags: IAS exam, IAS Officer, IAS Toppers, UP STF, UP STF encounterFIRST PUBLISHED : September 25, 2024, 14:43 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed