कश्मीर चुनाव पाक का कबूलनामा अब राजनाथ का बयान क्या संदेश दे रहा भारत
कश्मीर चुनाव पाक का कबूलनामा अब राजनाथ का बयान क्या संदेश दे रहा भारत
कारगिल युद्ध पर पाक आर्मी चीफ के कबूलनामे के एक दिन बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कश्मीर की धरती से पाकिस्तान को सीधा संदेश दिया. पीओके, जम्मू कश्मीर चुनाव का जिक्र करते हुए साफ कर दिया कि अगर भारत के साथ दोस्ती की इच्छा है तो पाकिस्तान को आतंक का रास्ता छोड़ना ही होगा.
पाकिस्तान के साथ रिश्तों में क्या कोई सुगबुगाहट है? एक दिन पहले करगिल युद्ध को लेकर पाकिस्तान के आर्मी चीफ असीम मुनीर ने वो बात कुबूल कर ली, जो अब तक सारे पाकिस्तानी जनरल पूरी दुनिया से छिपाते रहे. असीम मुनीर ने साफ-साफ कहा कि कारगिल जंग में पाकिस्तानी सेना का हाथ था. उनके सैनिकों ने शहादत दी है. इसके अगले ही दिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का जम्मू-कश्मीर की धरती से ये ऐलान कि अगर पाकिस्तान आतंक छोड़ दे तो उसके साथ बातचीत हो सकती है…., बहुत कुछ कहता है. पाकिस्तान समझ चुका है कि कश्मीर में अब उसका कुछ नहीं बचा. रही सही कसर, जम्मू-कश्मीर में हो रहे चुनावों में लोगों की जोरदार भागीदारी ने पूरी कर दी. उसकी सारी उम्मीदों पर पानी फिरता दिख रहा है, ऐसे में वह हकीकत स्वीकार करता नजर आ रहा है. आइए जानते हैं कि आखिर राजनाथ सिंह ने कहा क्या, और उसके मायने क्या हैं?
रामबन में राजनाथ सिंह ने कहा, बीजेपी ने डंके की चोट पर अनुच्छेद 370 हटाकर जम्मू-कश्मीर में शांति और समृद्धि का रास्ता बनाया है. कोई माई का लाल अनुच्छेद 370 वापस नहीं ला सकता. पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) के लोगों को संदेश देते हुए राजनाथ ने कहा- पाकिस्तान उन्हें विदेशी मानता है, लेकिन वे हमारे लोग हैं. उन्हें हमारे साथ आ जाना चाहिए. हम कश्मीर में ऐसा माहौल बना देंगे कि एक दिन POK के लोग भी भारत के साथ खुद-ब-खुद आ जाएंगे. पीओके के लोगों को संदेश पाकिस्तान के ताबूत में आखिरी कील की तरह है. क्योंकि आए दिन पीओके में पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं. वहां का प्रशासन पाकिस्तान से संभालने नहीं संभल रहा है.
कश्मीर चुनाव से पूरी दुनिया को सीधा मैसेज
राजनाथ सिंह ने कश्मीर चुनाव का जिक्र कर पाकिस्तान के साथ पूरी दुनिया को सीधा संदेश दिया. कहा- इस चुनाव पर सिर्फ भारतीयों नहीं, पूरी दुनिया की नजर है. हाल ही में मैं अमेरिका में था. वहां के प्रतिनिधियों ने भी मुझसे जम्मू-कश्मीर चुनाव के बारे में जानना चाहा. यानी उनकी भी नजर है. चुनाव में जम्मू-कश्मीर के लोग अब किस तरह जश्न मनाते हैं, उसका एक नमूना लोकसभा चुनाव में देखने को मिला. जब यहां अनुच्छेद 370 लगी हुई थी, तो सिर्फ 6% से 12% तक वोटिंग होती थी. इसके हटने के बाद लोकसभा चुनाव में 58% तक वोटिंग हुई. लद्दाख में तो 72% तक लोगों ने वोट किया. पहली बार यहां के लोगों ने बेखौफ होकर वोट डाला. राजनाथ का यह संदेश इसलिए मायने रखता है क्योंकि पाकिस्तान बार-बार अनुच्छेद 370 का जिक्र कर दुनिया के सामने गाता रहता है कि 370 हटने से कश्मीर के लोग नाराज हैं. अब राजनाथ ने वोटिंग के जरिये उसका जवाब दिया है.
हुर्रियत को भी दिया जवाब
रक्षा मंत्री ने कहा-कश्मीर में शांति के लिए हमने हर संभव कोशिश की. हमारे सांसद हुर्रियत के दरवाजे पर गए, लेकिन उन्होंने दरवाजा नहीं खोला. हमने निर्दोष बच्चों पर से मुकदमे वापस लिए. कश्मीर में हालात सुधारने के लिए दिल खोलकर कदम उठाए, लेकिन इन लोगों ने सहयोग नहीं किया. क्योंकि कश्मीरी नेता हमेशा आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति रखते थे. बता दें कि कुछ वक्त पहले तक एक वर्ग हुर्रियत को अपना लीडर मानता था, लेकिन अब लोग समझ चुके हैं. अब न तो उनके बुलाए बंद को समर्थन मिलता है और न ही लोग उनकी रैलियों में जाते हैं. इस मौके पर राजनाथ ने उमर अब्दुल्ला पर भी निशाना साधा. कहा-आज उमर अब्दुल्ला कहते हैं कि अफजल गुरु को फांसी नहीं होनी चाहिए थी. क्या उसे फूल मालाएं पहनाई जानी चाहिए थीं?
कश्मीर में हुए बदलाव गिनाकर दिखाया आईना राजनाथ ने कहा-पहले यहां आतंक का माहौल था. ताजिया का जुलूस भी नहीं निकल पाता था. आज यह शानदार पर्यटन स्थल है. आज कश्मीर में बच्चों के हाथों में पिस्तौल नहीं, लैपटॉप है. कश्मीर के लोग पर्यटकों का जमकर स्वागत कर रहे हैं. पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों और वाल्मीकि समाज को वोट डालने का अधिकार नहीं था, अब उन्हें भी अधिकार मिला है. पहाड़ी समुदाय को एसटी का दर्जा और गुजर बकरवाल और पहाड़ियों को राजनीतिक आरक्षण दिया गया. रेलवे स्टेशन बन रहे हैं. सड़कें बनाई जा रही हैं. इंफ्रास्ट्रक्चर पर तेजी से काम हो रहा है.
Tags: Jammu kashmir election 2024, Rajnath SinghFIRST PUBLISHED : September 8, 2024, 20:11 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed