बिना मशीन के बनी ये साड़ी लगा 7 महीने का समय और 15 स्टिच क्या है इसकी कीमत

Lambani Saree:बांकुड़ा में कावेरी बनर्जी और उनकी टीम ने बिना मशीन के 15 प्रकार के स्टिच से बनी Lambani Saree तैयार की है. जिसमें महिलाओं ने मिलकर खुद को सशक्त किया है, लेकिन सिलाई करने वाली महिलाओं की संख्या घट रही है, जिसके कारण सप्लाई में समस्या आ रही है.

बिना मशीन के बनी ये साड़ी लगा 7 महीने का समय और 15 स्टिच क्या है इसकी कीमत
बांकुड़ा: गुजरात के बांकुड़ा की महिलाओं ने एक नई और इनोवेटिव साड़ी बनाई है. इसे बनाने में करीब पांच महीने का समय लगा. यह साड़ी बिना किसी मशीन के हाथ से सिलाई की गई है. साथ ही, Bankura की मास्टर ट्रेनर कावेरी बनर्जी ने तसर पर 15 अलग-अलग सिलाई के स्टिच का यूनिक फ्यूजन बनाया है. बता दें कि कावेरी बनर्जी ने महिलाओं के साथ मिलकर आत्मनिर्भरता के रास्ते पर चलकर नई साड़ियां बनाई हैं. इस साड़ी को बनाने में करीब 7 महीने का समय लगा, जिसमें तसर पर 15 प्रकार के स्टिच लगाए गए हैं. इसमें Kantha stitch, Gujarati stitch, Kashmiri stitch आदि जैसे 15 अलग-अलग स्टिच हैं. इसकी कीमत 15 हजार रुपये तय की गई है. इसका नाम Lambani Saree रखा गया है. पहाड़ी इलाकों में कैसे पहुंचती है डाक? डाककर्मी ने बताया कैसे हर चिट्ठी पहुंच जाती है सही जगह! यह साड़ी बेलियाटोर में बन रही है. कावेरी बनर्जी ने स्वयं सहायता समूह (Self Help groups) की कई युवतियों के सहयोग से इसे तैयार किया है. कावेरी बनर्जी इन उत्पादों को विभिन्न सरकारी मेलों में बेचती हैं. हालांकि, मांग होने के बावजूद इसे सप्लाई करना संभव नहीं हो पा रहा है. साड़ी सिलने वाली महिलाओं की संख्या दिन-ब-दिन घटती जा रही है. हालांकि, उन्होंने यह काम लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से शुरू किया था. कावेरी बनर्जी और Beliatore की कई युवतियां लंबे समय से हाथ से साड़ियां बना रही हैं, जैसे Reverse Kantha, Lam Bani, Kashmiri और Gujarati mix आदि. बता दें कि साड़ियां तब बनाई जाती हैं और बेची जाती हैं, जब ऑर्डर मिलते हैं. एक साड़ी बनाने में आधा साल गुजर जाता है. काम करने वाली महिलाओं की संख्या धीरे-धीरे कम होती जा रही है. कावेरी बनर्जी को मशीनों के बिना हाथ से बुनाई करने के लिए काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. सिलाई में खुद को प्रशिक्षित करने के बाद, उन्होंने जिले के सूचना और सांस्कृतिक कार्यालय के तहत कई युवाओं और महिलाओं को सिलाई कौशल सिखाया है. वर्तमान समय के अनुरूप, वह अन्य राज्यों के स्टिच को अपनाकर अनोखे फ्यूजन बना रही हैं. Tags: Local18, Special ProjectFIRST PUBLISHED : November 29, 2024, 12:37 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed