महाराष्ट्रः मुंबई में आरे कॉलोनी मेट्रो कार शेड प्रोजेक्ट को लेकर कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन कही ये बात
महाराष्ट्रः मुंबई में आरे कॉलोनी मेट्रो कार शेड प्रोजेक्ट को लेकर कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन कही ये बात
आरे मेट्रो कार शेड के विरोध के दौरान कांग्रेस नेता असलम शेख ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि कार शेड को लेकर विरोध न केवल लोगों के घरों की बल्कि शहर की भी रक्षा के लिए है. सरकार को मंशा पर गौर करना चाहिए.
मुंबई. महाराष्ट्र के मुंबई शहर में स्थित आरे कॉलोनी में मेट्रो पार्किंग के निर्माण को लेकर एक बार फिर राजनीतिक बहस छिड़ गई है. इसी कड़ी में आरे मेट्रो कार शेड के विरोध के दौरान कांग्रेस नेता असलम शेख ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि कार शेड को लेकर विरोध न केवल लोगों के घरों की बल्कि शहर की भी रक्षा के लिए है. सरकार को मंशा पर गौर करना चाहिए. 3 दिनों की बारिश में, हमने शहर को जलमग्न होते देखा है. वन क्षेत्र को वैसा ही रहने देना चाहिए. सभी हितधारकों को शामिल करके मामले की जांच की जानी चाहिए. बता दें कि महाराष्ट्र में सरकार बदलने के बाद एकनाथ शिंदे की सरकार ने पूर्व सरकार के फैसले को पलट दिया.
इसके तहत आरे कॉलोनी में मेट्रो कार शेड बनाने पर लगी रोक को हटा दिया गया. जब देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के सीएम थे तो यह प्रोजेक्ट उनका ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस की मुंबई इकाई ने सोमवार को कहा कि वह हरित क्षेत्र आरे में मेट्रो रेल कारशेड के निर्माण के बिल्कुल विरूद्ध है. महानगर पार्टी अध्यक्ष भाई जगताप ने केंद्र सरकार एवं महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस से इस योजना को लेकर ‘बाल हठ’ को छोड़ देने की अपील की थी. बता दें कि नई सरकार के इस फैसले से पर्यावरण प्रेमियों और कार्यकर्ताओं में गुस्सा है.
करीब 1,800 एकड़ में फैले इस आरे फॉरेस्ट को अक्सर ‘मुंबई का फेफड़ा’ कहा जाता है. महाराष्ट्र में जब फडणवीस सरकार थी, तब इस इलाके में मेट्रो कारशेड बनाने के लिए 2500 पेड़ काट जाने थे. विवाद बढ़ा तो मामला कोर्ट में पहुंचा. हालांकि मुंबई हाईकोर्ट ने पेड़ काटे जाने को लेकर आदेश जारी कर दिए थे. लेकिन इसके बाद जब उद्धव ठाकरे सरकार सत्ता में आई तो उसने इस प्रोजेक्ट को रोक दिया. इसे लेकर उसकी काफी तारीफ भी हुई.
क्यों इसको काटा जाना खतरनाक हो सकता है
विरोध के दौरान ये भी बताया गया कि पेड़ों का काटा जाना सिर्फ वातावरण के लिए ही खतरनाक नहीं होगा. बल्कि इसकी वजह से मुंबई के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास बाढ़ जैसा खतरा पैदा होगा. पर्यावरणविदों ने बताया कि इन पेड़ों की वजह से बारिश का पानी रुकता है. अगर पेड़ नहीं होंगे तो बारिश का अतिरिक्त पानी मीठी नदी में जाएगा. इससे इलाके में बाढ़ का खतरा पैदा होगा.
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Tags: Congress, MaharashtraFIRST PUBLISHED : July 07, 2022, 14:01 IST