EVM से नफरत लेकिन यहां तो बैलेट पेपर से चुनाव पर ही उठने लगे सवाल
EVM से नफरत लेकिन यहां तो बैलेट पेपर से चुनाव पर ही उठने लगे सवाल
भारत में ईवीएम को लेकर खूब बहस हो रही है. विपक्षी दल तो इसे हटाकर बैलेट पेपर पर चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं. लेकिन कई देश ऐसे हैं, जहां बैलेट पेपर पर ही सवाल उठाए जा रहे हैं.
महाराष्ट्र-हरियाणा के चुनाव नतीजे कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों के लिए शॉक्ड करने वाले रहे. वे समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर ऐसा हुआ क्यों? राहुल गांधी से लेकर शरद पवार और उद्धव ठाकरे तक इसके लिए ईवीएम पर सवाल उठा रहे हैं. चुनाव आयोग पर ठीकरा फोड़ रहे हैं. बैलेट बॉक्स से चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं. कांग्रेस ने तो इसके लिए देशव्यापी आंदोलन करने की चेतावनी तक दे डाली है. लेकिन आप जानकर हैरान होंगे कि सिर्फ भारत ही नहीं, 2024 में जहां-जहां चुनाव हुए, हारने वाली पार्टियों ने इलेक्शन कमीशन पर सवाल उठाए. जिस बैलेट बॉक्स से भारत में चुनाव कराने की मांग उठ रही है, कई जगह तो उसी बैलेट बॉक्स से चुनाव कराए गए, लेकिन उसमें भी धोखा ढूंढ लिया गया. बैलेट बॉक्स हटाने की मांग हो रही है.
2024 में कम से कम 70 देशों में चुनाव हुए. लेकिन ज्यादातर जगह देखा गया कि नतीजों के बाद हारने वाली पार्टियों ने हंगामा किया. चुनाव की प्रक्रिया पर सवाल उठाए. रोमानिया से लेकर भारत तक, आइए जानते हैं कि किस तरह चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठे. कैसे वहां चुनाव होता है. इससे आपको पता चलेगा कि क्या बैलेट बॉक्स से चुनाव कराना सुरक्षित है या नहीं.
रोमानिया
रोमानिया में इस हफ्ते की शुरुआत में राष्ट्रपति के लिए पहले राउंड के चुनाव हुए. चुनाव बैलेट पेपर से कराए गए. पहले चरण की काउंटिंग के बाद सवाल उठे तो अदालत के आदेश पर फिर से मतणगना हुई. लेकिन नतीजे चौंकाने वाले आए. वहां दक्षिणपंथी नेता कैलिन जॉर्जेस्कु ने शानदार जीत दर्ज की. उनकी जीत देखकर दशकों से सत्ता पर काबिज दल शॉक्ड रह गए. उन्हें समझ ही नहीं आया कि आखिर ऐसा नतीजा कैसे आ गया. यहां तक कि यूरोपीय यूनियन और नाटो देश भी टेंशन में हैं. खास बात, कैलिन जॉर्जेस्कु निर्दलीय चुनाव लड़े. उनकी कोई पार्टी नहीं. उन्होंने प्रचार भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टिकटॉक पर किया. इसके बावजूद वे पहले राउंड में काफी आगे चल रहे हैं. दूसरे राउंड की वोटिंग 8 दिसंबर को होगी. अब वहां बैलेट पेपर हटाने की मांग उठ रही है. विपक्षी नेता दावा कर रहे है कि इससे चुनाव में फर्जीवाड़ा किया गया है.
जॉर्जिया
जॉर्जिया में चुनाव हुए तो वहां भी बैलेट पेपर को लेकर सवाल उठे. यूरोपीय यूनियन के नेताओं ने कहा, जॉर्जिया में चुनाव निष्पक्ष तरीके से नहीं हुए. उन्होंने फिर से चुनाव कराने की मांग की. इन चुनाव में जॉर्जिया की सरकार चला रहे दल को भारी बहुमत मिला था. तब कहा गया कि बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी हुई है और उनके पास इसके सबूत भी हैं. यूरोपीय यूनियन के सदस्यों ने जॉर्जिया के चुनावों को इस तर्क के आधार पर अवैध घोशित करने की मांग की कि नतीजे लोगों की इच्छा के अनुसार नहीं हैं.
भारत
ठीक इसी तरह जून में भारत ने लोकसभा चुनाव हुए. बीजेपी ने जबरदस्त वापसी की. लेकिन कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दल शॉक्ड रह गए. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ईवीएम से चुनाव कराने पर सवाल उठाया. राहुल गांधी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, उद्धव ठाकरे समेत कई लोगों ने बैलेट से चुनाव कराने की मांग की. सबने कहा, हमें ईवीएम नहीं चाहिए, हमें बैलेट पेपर चाहिए. विपक्ष लंबे समय से ईवीएम को खत्म करने की मांग कर रहा है, क्योंकि उसका मानना है कि बैलेट पेपर ज्यादा सुरक्षित और पारदर्शी हैं. मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा, लेकिन कोर्ट ने ईवीएम पर पाबंदी लगाने की मांग खारिज कर दी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, जब आप चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम से छेड़छाड़ नहीं होती, लेकिन जब आप चुनाव हारते हैं तो ईवीएम से छेड़छाड़ होती है. यह ठीक नहीं है.
Tags: BJP Congress, Election commission, Lok Sabha Election, Maharashtra Elections, Rahul gandhiFIRST PUBLISHED : November 30, 2024, 23:55 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed