PhD के लिए खर्च किए 1 करोड़ रुपये ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने निकाल दिया बाहर

Abroad Study: तमिल नाडु की रहने वाली लक्ष्मी बालकृष्णन (Lakshmi Balakrishnan) ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रही थीं. उनका दावा है कि दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटीज की लिस्ट में शामिल ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने उनकी मर्जी के बिना उन्हें पीएचडी प्रोग्राम से निकालकर मास्टर्स डिग्री प्रोग्राम में शिफ्ट कर दिया है. उनकी अपील को भी रिजेक्ट कर दिया गया है.

PhD के लिए खर्च किए 1 करोड़ रुपये ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने निकाल दिया बाहर
नई दिल्ली (Abroad Study). विदेश से हायर एजुकेशन का सपना देखना जितना आसान है, उसे साकार कर पाना उतना ही मुश्किल होता है. तमिलनाडु की बेटी लक्ष्मी बालकृष्णन (Lakshmi Balakrishnan) के साथ जो हुआ, उससे तो यही साबित होता है. लक्ष्मी बालकृष्णन ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से इंग्लिश में पीएचडी कर रही थीं. इसके लिए वह करीब 1 करोड़ रुपये भी खर्च कर चुकी थीं. लेकिन ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने पीएचडी के चौथे साल में उन्हें अचानक इस प्रोग्राम से निकाल दिया. बीबीसी में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, लक्ष्मी बालकृष्णन को पीएचडी कोर्स से निकालकर मास्टर्स डिग्री प्रोग्राम में ट्रांसफर कर दिया गया (University of Oxford). लक्ष्मी बालकृष्णन 2 बार मास्टर्स डिग्री कोर्स कर चुकी हैं. उनके पीएचडी असाइनमेंट का असेसमेंट करने वालों ने उन्हें बताया कि शेक्सपियर पर उनकी रिसर्च पीएचडी लेवल के लायक नहीं है. यही कारण देते हुए उन्हें पीएचडी प्रोग्राम के चौथे साल में फेल कर दिया गया. उनकी मर्जी के बिना उन्हें मास्टर्स डिग्री प्रोग्राम में ट्रांसफर कर दिया गया. पीएचडी के लिए खर्च किए करोड़ों लक्ष्मी बालकृष्णन के अनुसार, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के पीएचडी प्रोग्राम में एनरोल होने से पहले वह भारत में रहकर 2 बार मास्टर्स की पढ़ाई कर चुकी हैं (Oxford University PhD Programs). उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के पीएचडी प्रोग्राम के लिए 100,000 यूरो यानी भारतीय करेंसी में 1 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. उनका कहना है कि इतनी फीस उन्होंने पीएचडी हासिल करने के लिए की है और न कि एक और मास्टर्स डिग्री के लिए. यह भी पढ़ें- कौन हैं इंदौर के नए पुलिस कमिश्नर? एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के तौर पर हैं मशहूर 2 प्रोफेसर को पसंद आया काम लक्ष्मी बालकृष्णन (Lakshmi Balakrishnan) ने यह भी बताया कि शेक्सपियर में स्पेशलाइज्ड दो प्रोफेसर्स को उनकी रिसर्च पसंद आई थी. उन्होंने लक्ष्मी बालकृष्णन के काम को पीएचडी के लायक भी माना था. लेकिन OIA ने इस बात को नकार दिया (Office of the Independent Adjudicator). ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने इस बाबत एक स्टेटमेंट भी जारी किया है. लक्ष्मी बालकृष्णन ने यूनिवर्सिटी के इस निर्णय को कोर्ट में चुनौती दी थी लेकिन वह केस हार गईं. यह भी पढ़ें- विदेश में पढ़ाई के साथ कर सकते हैं नौकरी, फिक्स हैं काम के घंटे, जानें कैसे Tags: Abroad Education, Oxford university, Tamil naduFIRST PUBLISHED : October 26, 2024, 10:25 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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