Single Use Plastic Ban: हर हफ्ते एक क्रेडिट कार्ड के बराबर प्‍लास्टिक खा रहे हैं हम स्‍टडी में खुलासा

Single Use Plastic Ban in India: स्‍टडी बताती है कि प्‍लास्टिक न केवल हमारे सागरों और जल के बड़े स्‍त्रोतों को प्रदूषित कर रही है बल्कि यह हम लोगों के अंदर भी पहुंच रही है. आज जो स्थिति है, उसमें हम प्‍लास्टिक कंज्‍यूम करने से नहीं बच सकते हैं. प्‍लास्टिक प्रदूषण किसी एक देश की समस्‍या नहीं है बल्कि वैश्विक समस्‍या बन चुका है.

Single Use Plastic Ban: हर हफ्ते एक क्रेडिट कार्ड के बराबर प्‍लास्टिक खा रहे हैं हम स्‍टडी में खुलासा
नई दिल्‍ली. भारत ही नहीं पूरे विश्‍व में आज प्‍लास्टिक प्रदूषण बड़ा सिरदर्द बन गया है. पहले से ही वायु और जल प्रदूषण से जूझ रहे देशों में प्‍लास्टिक न केवल पर्यावरण बल्कि लोगों के व्‍यक्तिगत स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बड़ी समस्‍या बन गई है. पिछले दिनों कई लोगों के शरीर में माइक्रोप्‍लास्टिक या प्‍लास्टिक के छोटे-छोटे कण भी मिले हैं. यही वजह है कि देश में केंद्र और राज्‍य सरकारों की ओर से 1 जुलाई 2022 से सिंगल यूज प्‍लास्टिक से बनी 19 चीजों को बैन किया गया है. इतना ही नहीं प्‍लास्टिक के इस्‍तेमाल को खत्‍म करने के लिए लोगों को प्रोत्‍साहित भी किया जा रहा है. हालांकि आम जीवन में रोजाना सैकड़ों प्‍लास्टिक की चीजें इस्‍तेमाल करने वाले लोगों का अभी भी ये सवाल है कि प्‍लास्टिक हमारे शरीर के अंदर पहुंच कैसे रही है और यह यह कितनी बड़ी मात्रा में शरीरों में मौजूद है? वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड फॉर नेचर और ऑस्‍ट्रेलिया की न्‍यूकैशल यूनिवर्सिटी की ओर से माइक्रोप्‍लास्टिक को लेकर प्रकाशित एक स्‍टडी ने काफी सनसनीखेज खुलासे किए हैं. की ये स्‍टडी बताती है कि प्‍लास्टिक न केवल हमारे सागरों और जल के बड़े स्‍त्रोतों को प्रदूषित कर रही है बल्कि यह हम लोगों के अंदर भी पहुंच रही है. आज जो स्थिति है, उसमें हम प्‍लास्टिक कंज्‍यूम करने से नहीं बच सकते हैं. प्‍लास्टिक प्रदूषण किसी एक देश की समस्‍या नहीं है बल्कि वैश्विक समस्‍या बन चुका है. स्‍टडी बताती है कि एक व्‍यक्ति औसतन 250 ग्राम से ज्‍यादा माइक्रोप्लास्टिक हर साल कंज्‍यूम कर रहा है. महीने में यह 21 ग्राम के करीब है. जबकि सप्ताह में लगभग 2000 प्‍लास्टिक के छोटे टुकड़े या करीब 5 ग्राम प्लास्टिक एक व्‍यक्ति खा रहा है. काफी चौंकाने वाली बात है क‍ि यह मात्रा सप्‍ताह में एक क्रेडिट कार्ड खाने के बराबर है. शरीर में मिल रही दो तरह की प्‍लास्टिक भारत में सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट में प्रोग्राम मैनेजर सिद्धार्थ सिंह कहते हैं कि प्लास्टिक के इस्‍तेमाल पर रोक लगाना सबसे जरूरी है ताकि यह हमारे शरीरों के साथ-साथ पूरे ईकोसिस्‍टम को खराब न कर दे. इस समय प्‍लास्टिक पॉल्‍यूशन को जड़ से खत्‍म करने की जरूरत है. शरीरों में मिल रही माइक्रोप्‍लास्टिक काफी नुकसान पहुंचा रही है. सिद्धार्थ बताते हैं कि साल 2022 में एनवायरनमेंट इंटरनेशनल में प्रकाशित एक स्‍टडी के अनुसार हमारे शरीर यानि खून में आमतौर पर दो तरह की माइक्रो प्‍लास्टिक मिल रही है. जिसमें पॉली एथिलीन टेरेफथेलेट और पॉलीथेलीन शामिल हैं. इनमें पेट यानि पॉली एथिलीन टेरेफथेलेट का इस्‍तेमाल मिनरल वॉटर बोटल्‍स बनाने में किया जाता है. जबकि पॉलीथेलीन का इस्‍तेमाल दूध के पैकेट और कैरी बैग बनाने में किया जाता है, जो धीरे-धीरे हमारे शरीर में भी पहुंच रही है. सिंगल यूज प्‍लास्टिक पर सरकार का फैसला है सही डॉ. सिद्धार्थ कहते हैं कि अभी केंद्र और राज्‍य सरकार की ओर से सिंगल यूज प्‍लास्टिक से बने 19 उत्‍पादों को बंद करने का फैसला किया गया है वह सराहनीय है. अभी तक भारत में प्‍लास्टिक को लेकर कोई बात नहीं होती थी लेकिन अब होने लगेगी. प्‍लास्टिक प्रदूषण, प्‍लास्टिक कलेक्‍शन से लेकर रीसाइकलिंग पर बात हो रही है. आने वाले दिनों में कुछ और भी चीजों पर प्रतिबंध लग सकता है. ये चीजें की गई हैं बैन बता दें कि 1 जुलाई से देश में बैन किए गए 19 आयटमों में प्लास्टिक कैरी बैग, पॉलीथीन (75 माइक्रोन से कम मोटाई वाले), प्लास्टिक स्टिक वाले ईयर बड्स, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक स्टिक, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी की प्लास्टिक डंडी, आइसक्रीम की प्लास्टिक डंडी, थर्मोकॉल के सजावटी सामान, प्लास्टिक की प्लेट, कप, ग्लास, कांटे, चम्मच, स्ट्रॉ, ट्रे, मिठाई के डिब्बे पैक करने वाली पन्नी, इनविटेशन कार्ड पर लगाई जाने वाली पन्नी, सिगरेट पैकिंग में इस्तेमाल होने वाली पन्नी, 100 माइक्रोन से पतले पीवीसी व प्लास्टिक के बैनर आदि शामिल किए गए हैं जबकि प्‍लास्टिक की बोतलों को छोड़ दिया गया है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Air pollution, Plastic waste, Single use PlasticFIRST PUBLISHED : July 06, 2022, 14:03 IST