Dibrugarh Train Accident: बढ़ा हादसा पर जान-माल का नुकसान कम जानें वजह

Dibrugarh Train Accident: रेल एक्‍सपर्ट बताते हैं कि पिछले माह हुए कंचनजंगा एक्‍सप्रेस ट्रेन हादसे में तीन कोच पटरी से उतरे थे, जिसमें 10 से ज्‍यादा यात्रियों की मौत हो गयी थी, जबकि इसमें दो की मौत हुई है.

Dibrugarh Train Accident: बढ़ा हादसा पर जान-माल का नुकसान कम जानें वजह
नई दिल्‍ली. गोंडा-गोरखपुर रेल खंड के बीच चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्‍सप्रेस ट्रेन हादसे में 21 डिब्‍बे पटरी से उतर गए. जिसमें दो लोगों की मौत हुई और 24 से ज्‍यादा लोग घायल हुए. हादसा बड़ा होने के बाद भी जानमाल का नुकसान कम हुआ. एक्‍सपर्ट बता रहे हैं कि इसके पीछे वजह क्‍या रही है. आप भी जानें- रेल एक्‍सपर्ट बताते हैं कि पिछले माह हुए कंचनजंगा एक्‍सप्रेस ट्रेन हादसे में तीन कोच पटरी से उतरे थे, जिसमें 10 से ज्‍यादा यात्रियों की मौत हो गयी थी और करीब 50 से अधिक यात्री घायल हो गए थे, जबकि चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्‍सप्रेस ट्रेन हादसे में 21 डिब्‍बे पटरी से उतरे हैं, इसके बावजूद जानमाल का नुकसान कम हुआ है. एक्‍सपर्ट बताते हैं कि हादसे में कम नुकसान होने की सबसे बड़ी वजह आसपास मिट्टी और बारिश रही है. जहां पर ट्रेन हादसा हुआ है, वहां पर लगातार बारिश होने की वजह से मिट्टी गीली हो चुकी थी. ऐसे में जब ट्रेन पटरी से उतरी तो कोच ट्रैक के आसपास गिरे, गीली मिट्टी होने की वजह से कोच मिट्टी में धंस गए और रगड़कर आगे नहीं बढ़े. इस तरह गीली मिट्टी ने कुशन का काम किया और कोच में झटके कम लगे. एक्‍सपर्ट बताते हैं कि अगर आसपास मिट्टी न होती और पक्‍का प्‍लेटफार्म होता तो जानमाल का नुकसान काफी अधिक होता. क्‍योंकि ट्रेन की स्‍पीड करीब 80 स्‍पीड किमी. प्रति घंटे की थी. यानी स्‍पीड कम नहीं थी. इतनी स्‍पीड में ट्रेन के पटरी से उतरने से अगर नीचे पक्‍का प्‍लेटफार्म होता तो कोच एक दूसरे को रगड़ते हुए आगे जाते और आपस में टकराते. जिससे कोच में सवार यात्रियों को झटके ज्‍यादा लगते. जानमाल का ज्‍यादा नुकसान होता. Tags: Indian railway, Indian Railway news, Train accidentFIRST PUBLISHED : July 18, 2024, 20:04 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed