Examinee is better than examinerऔर हम राजेंद्र बाबू की धरोहर भी न संजो पाए!
Examinee is better than examinerऔर हम राजेंद्र बाबू की धरोहर भी न संजो पाए!
Dr. Rajendra Prasad Jayanti: बिहार का छपरा जिला स्कूल ऐतिहासिक इसलिए है क्योंकि यहां देश के पहला राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने 1901 में 10वीं की परीक्षा पास की थी. लेकिन, जिस राजेन्द्र बाबू जैसी प्रतिभा की पूरी दुनिया उदाहरण देती है और हम महापुरुष के बिहार से होने का हम दंभ भरते हैं, इनकी धरोहरों को भी हम संजोकर नहीं रख पाए हैं.
हाइलाइट्स डॉ. राजेंद्र बाबू के लिए परीक्षक ने लिखा था-एग्जामिनी इज बेटर दैन एग्जामिनर. डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने 1901 में 10वीं की परीक्षा छपरा जिला स्कूल से पास की थी. जिला स्कूल में स्मृति के तौर पर राजेंद्र बाबू के कोई खास निशान तक मौजूद नहीं.
छपरा. देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा छपरा के जिला स्कूल से पूरी की थी. राजेंद्र बाबू के बारे में कहा जाता है कि उनकी परीक्षा की कॉपियां जानते वक्त एग्जामिनर ने लिख दिया था कि ‘एग्जामिनी इस बेटर देन एग्जामिनर’. आज भी यहां के छात्र और शिक्षक खुद को गौरवान्वित महसूस करते हैं. आखिर यह पूरा वाकया क्या था जिस कारण राजेंद्र बाबू के लिए परीक्षक ने ऐसी उक्ति लिखी कि इतिहास बन गई. आइये इसे हम आगे जानते हैं.
दरअसल, राजेंद्र बाबू छपरा से पढ़ाई पूरी करने के बाद जब आगे की पढ़ाई करने कोलकाता गए थे. वहां कलकत्ता विश्वविद्यालय के प्रेसिडेंसी कॉलेज में ज्वाइन किये. वर्ष 1906 में उनकी पढ़ाई के दौरान एक परीक्षक ने राजेन्द्र बाबू को परीक्षक से बेहतर बताया था और कॉपी मूल्यांकन के दौरान एग्जामिनी इज बेटर देन एग्जामिनर (Examinee is better than examiner) लिख दिया था. एग्जामनर ने ‘एग्जामनी इज बेटर दैन एग्जामनर’ ने जिस कॉपी पर रिमार्क लिखा था वह कॉपी और नामांकन पंजी भी संरक्षित कर रखी गई थी, लेकिन अभी के समय में रिकार्ड में एक टुकड़ा भी नहीं है. यहां तक कि शिक्षा अधिकारी और स्कूल प्रशासन को इसके बारे में विस्तृत जानकारी नहीं है.
राजेंद्र बाबू की धरोहर भी नहीं रख पाए!
हालांकि, पूर्व में स्कूल प्रशासन ने इस बाबत उनके समय के कॉपी और अन्य अभिलेख को मंगाने के लिए कलकत्ता लाइब्रेरी प्रशासन को कई बार पत्राचार किया है. उस पत्राचार के भी कोई रिकॉर्ड संधारित यानी Stored नहीं है. बता दें कि हर वर्ष जिला स्कूल में 3 दिसंबर को राजेंद्र जयंती के अवसर पर यहां भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जाता है. जिला स्कूल में राजेंद्र बाबू के सम्मान के नाम पर केवल उनकी एक प्रतिमा भर लगी है. उनके नाम की एक वाटिका है, इसके विकास का कार्य अब शुरू कर दिया गया है.
छपरा जिला स्कूल से जुड़ी यादों की बात
विद्यालय की शिक्षिका प्रीति कुमारी बताती हैं Examinee is better than examiner के तौर पर विश्व में यह अपने आप में एक अलग तरह का सम्मान था, जो किसी छात्र को शिक्षक से मिला था. यही कारण है कि छात्र और शिक्षक इस विद्यालय से जुड़ने की बात को खुद का सम्मान बताते हैं. संगीत शिक्षक सुधाकर कश्यप ने बताया कि ऐसी जानकारी है कि पूर्व में स्कूल प्रशासन ने इस बाबत उनके समय की कॉपियों और अन्य अभिलेखों को मंगाने के लिए कोलकाता लाइब्रेरी प्रशासन को कई बार पत्राचार किया है, लेकिन वर्तमान समय में उस पत्राचार के भी कोई रिकार्ड संधारित नहीं है.
राजेंद्र बाबू की पढ़ाई-लिखाई के बारे में
गौरतलब है कि कि राजेंद्र बाबू के प्रारंभिक पारंपरिक शिक्षण के बाद 12 वर्ष की उम्र में आगे की पढ़ाई के लिए छपरा के जिला स्कूल भेजा गया था. इसी दौरान राजेंद्र प्रसाद का विवाह राजवंशी देवी से हुआ था. विवाह के बाद वे अपने बड़े भाई महेंद्र प्रसाद के साथ पढ़ाई के लिए पटना में उन्होंने टी.के. घोष अकादमी में दाखिला लिया था. इस संस्थान में उन्होंने दो साल अध्ययन किया था.
राजेंद्र बाबू से जुड़ी कुछ और खास बात
कलकत्ता विश्वविद्यालय से एएलएम और डॉक्टरेट करने के बाद जब महात्मा गांधी के छपरा आए तो राजेंद्र बाबू चंपारण सत्याग्रह के सारण का प्रतिनिधित्व करनेवालों में शामिल हो गए. स्वदेशी आन्दोलन के तहत दिघवारा प्रखंड के मलखाचक गांव में गांधी कुटीर की स्थापना से से लेकर सविनय अवज्ञा आंदोलन, भारत छोड़ो आन्दोलन में सक्रिय रहे थे. राजेन्द्र बाबू जिन्ना के द्विराष्ट्र सिद्धांत से सहमत नहीं होते हुए भी अंत में सहमत हुए और 15 अगस्त 1947 को भारत दो भागों में विभाजित हुआ. स्वतंत्रता अधिनियमों के तहत 1935 के भारत सरकार अधिनियम के तहत गठित अंतरिम सरकार में कृषि और खाद्य मंत्री रहते हुए भारतीय संविधान सभा के अध्यक्ष बने और प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉक्टर भीमराव अंबेडकर बने. इसके बाद देश के डॉ राजेंद्र प्रसाद भारत के प्रथम राष्ट्रपति बने.
Tags: Bihar News, Chhapra News, Saran NewsFIRST PUBLISHED : December 3, 2024, 05:30 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed