कोटा में बेहोश हुई एक के बाद एक 21 भैंसें दौड़ती हुई पहुंची डॉक्टर्स की टीम

Kota News : कोटा जिले के रामगंजमंडी इलाके में जहरील ज्वार खाने से एक के बाद एक 21 भैंसे बेहोश हो गई. इससे किसान और पशुपालक बुरी तरह से घबरा गए. लेकिन समय रहते मेडिकल टीम पहुंच जाने से सभी भैंसों को बचा लिया गया.

कोटा में बेहोश हुई एक के बाद एक 21 भैंसें दौड़ती हुई पहुंची डॉक्टर्स की टीम
कोटा. कोटा जिले में ज्वार खाने से 21 भैंसें बीमार हो गई. ज्वार खाने से एक के बाद एक भैंसें बेहोश होने लग गई. यह देखकर ग्रामीणों के हाथ पांव फूल गए. उन्होंने तत्काल पशुपालन विभाग को सूचना दी. इस पर विभाग के डॉक्टर्स की टीम गांव पहुंची. जांच पड़ताल में सामने आया कि भैंसों ने जिस ज्वार को खाया था वह जहरीली हो चुकी थी. इसके कारण भैंसें बीमार पड़ गई. बाद में टीम ने उस घास को नष्ट करवाया. समय रहते चेत जाने ग्रामीण बड़े नुकसान से बच गए. हाट बाजार में एक भैंस की कीमत करीब 1 लाख रुपये से अधिक होती है. जानकारी के अनुसार घटना रामगंजमंडी इलाके के डाकिया गांव में शनिवार को हुई. वहां 21 भैंसों ने जहरीली ज्वार खाली ली थी. इससे सभी भैंसों की तबीयत खराब हो गई. ये सभी भैंसें शाम को खेतों से गांव पहुंची थी. फिर एक के बाद एक बेहोश हो गई. यह देखकर ग्रामीणों में हड़कंप मच गया. देखते ही देखते गांव में भैंसों के बेहोश होने की सूचना फैल गई. इस पर ग्रामीणों ने पशु विभाग को इस बारे में बताया. मेडिकल टीम ने नष्ट करवाई जहरील ज्वार ग्रामीणों की सूचना पर मोबाइल पशु चिकित्सालय एम्बुलेंस मौके पर पहुंची और सभी भैंसों का उपचार किया. मेडिकल टीम ने जब पूरे मामले की पड़ताल की तो सामने आया कि भैंसों ने ज्वार की जो घास खाई थी वह जहरीली हो चुकी थी. उसके बाद चिकित्सा टीम ने किसानों को खेत पर लगी ज्वार को तुरंत नष्ट करने के निर्देश दिए. मवेशी की जान को जोखिम हो जाता है पशु चिकित्सक और मोबाइल एम्बुलेंस प्रभारी डॉ. दीपक मीणा ने बताया कि डाकिया गांव में जहरीली ज्वार होने से 21 भैंसों की तबीयत खराब हुई थी. अब सभी भैंसें ठीक हैं. उन्होंने बताया कि ज्वार की फसल कटाई के बाद भी फसल के डंकल से फिर से ज्वार फूटने लगती है. उसमें साइनाटड पॉइजन होता है. उसे खाने से मवेशी की जान को जोखिम हो जाता है. डाकिया गांव में यही हुआ. बीमार भैंसों की तीन दिन तक मॉनिटरिंग की जाएगी भैंसों ने साइनाटड पॉयजनिंग वाली ज्वार खा ली थी. उससे वे बीमार हो गई थीं. गनीमत रही कि ग्रामीणों और किसानों ने समय रहते सतर्कता बरत ली. अन्यथा बड़ा नुकसान हो सकता था. डॉ. दीपक ने पशुपालकों और किसानों से अपील की है कि वे मवेशियों को खेत पर फिलहाल ज्वार खाने से बचाएं. सभी भैंसों की तीन दिन तक मोबाइल पशु चिकित्सालय वैन उपचार कर मॉनिटरिंग करेगी. Tags: Kota news, Rajasthan newsFIRST PUBLISHED : October 27, 2024, 13:09 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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