अभिषेक सिंघवी प्रशांत भूषणजब SC में EC के खिलाफ उतरी वकीलों की फौज

Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट में अक्‍सर संवैधानिक महत्‍व के मामले आते रहते हैं. चुनाव आयोग से जुड़ा एक केस शीर्ष अदालत में आया, जिसमें सीनियर वकीलों की फौज पैरवी करने के लिए अदालत पहुंची. मनिंदर सिंह चुनाव आयोग की तरफ से पैरवी कर रहे थे.

अभिषेक सिंघवी प्रशांत भूषणजब SC में EC के खिलाफ उतरी वकीलों की फौज
हाइलाइट्स सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग को निर्देश देने को लेकर याचिका 48 घंटे में वोटिंग प्रतिशत के अंतिम आंकड़े जारी करने की मांग शीर्ष अदालत ने ADR की अर्जी को कर दिया खारिज नई दिल्‍ली. सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग के खिलाफ समय समय पर याचिकाएं आती रहती हैं. पिछले दिनों ऐसी ही एक याचिका का शीर्ष अदालत की दो जजों की पीठ ने निस्‍तारण किया. यह याचिका चुनाव आयोग द्वारा 48 घंटे के अंदर अंतिम मतदान प्रतिशत के प्रकाशन से जुड़ी थी. गैरसरकारी संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्‍स (ADR) की ओर से याचिका दायर की गई थी. इस मामले में तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा भी पार्टी थीं. दिलचस्‍प बात यह है कि चुनाव आयोग के खिलाफ दायर इस याचिका की पैरवी करने के लिए देश के नामी वकीलों की टीम सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी. इसमें सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी, प्रशांत भूषण, दुष्‍यंत दवे, नेहा राठी, सेरिल डिसूजा जैसे वकील शामिल थे. वहीं, चुनाव आयोग की ओर से सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह पेश हुए थे. एडीआर की याच‍िका पर जस्टिस दीपांकर दत्‍ता और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने सुनवाई की. मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि देशभर में चुनाव कराने के लिए व्‍यापक स्‍तर पर तैयारियां करनी पड़ती हैं. साथ ही आम चुनावों में बड़े पैमाने पर मानव संसाधन को भी लगाना पड़ता है. कोर्ट ने आगे कहा कि ऐसे समय में जब चुनाव के 6 चरण पूरे हो चुके हैं, वह चुनाव आयोग का ध्‍यान नहीं भटकाना चाहता है. पीठ ने कहा, ‘हर कोई स्‍वतंत्र और निष्‍पक्ष चुनाव चाहता है. सुप्रीम कोर्ट चुनाव प्रक्रिया को बाधित नहीं करना चाहता है. अदालत चुनाव प्रक्रिया को और दुरुस्‍त और बेहतर कर सकता है. हमें जमीनी हकीकत से वाकिफ रहना पड़ेगा.’ ‘यह घोड़े के आगे गाड़ी रखने जैसा’, तुषार मेहता की सुप्रीम कोर्ट में दलील, अरविंद केजरीवाल से खास कनेक्‍शन गंभीर है मामला दरअसल, एनजीओ एडीआर ने फॉर्म 17C के तहत मतदान का अंतिम प्रतिशत 48 घंटे में पब्लिश करने की मांग की थी. कोर्ट ने मामले को निपटाते हुए याचिकाकर्ताओं की तमाम दलीलों को खारिज करते हुए मामले का निपटारा कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसमें अंतरिम राहत नहीं दी जा सकती है. यही रिलीफ साल 2019 से लंबित चले आ रहे मामले में भी मांगा गया है, ऐसे में यदि इस याचिका पर अंतरिम राहत दी गई तो वह रिट पिटीशन पर अंतिम रिलीफ देने की तरह होगा. दूसरी तरफ, चुनाव आयोग की ओर से अदालत में पेश सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह ने कहा कि एडीआर की अर्जी निराधार संदेह पर आधारित है, जिसका मकसद चुनाव आयोग को बदनाम करना है. साथ ही मनिंदर सिंह ने दलील दी कि 26 अप्रैल 2026 के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने 17C पर भी विचार किया था. चुनाव आयोग की तरफ से दिग्‍गज वकील ADR और तृणमूल नेता महुआ मोइत्रा की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी के साथ ही प्रशांत भूषण, दुष्‍यंत दवे, नेहा राठी, सिरिल ड‍िसूजा जैसे दिग्‍गज सीनियर एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए थे. बता दें कि पहले चरण का चुनाव 19 अप्रैल और दूसरे चरण के लिए 26 अप्रैल को वोटिंग हुई थी. चुनाव आयोग ने इन दोनों चरण में हुई वोटिंग का अंतिम प्रतिशत 30 अप्रैल 2024 को जारी किया था. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि प्रोविजनल और अंतिम मतदान प्रतिशत के आंकड़ों में 5 से 6 प्रतिशत का अंतर है. साथ ही उन्‍होंने 48 घंटे के अंदर वोटिंग प्रतिशत के अंतिम आंकड़े जारी करने के लिए निर्देश देने का आग्रह किया था. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने उनकी मांग को ठुकरा दिया. Tags: Abhishek Manu Singhvi, Election Commission of India, National News, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : May 26, 2024, 11:19 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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