कहीं नहीं देखी होगी ऐसी रामलीला! चल पड़ते है प्रभु श्रीराम

Varanasi Ramnagar Ramleela: रामनगर की रामलीला के लिए विशेष स्थलों का चयन किया गया है. इनमें अयोध्यापुरी, पंचवटी, रामबाग, जनकपुरी, चित्रकूट, अवध, भारद्वाज आश्रम, रामेश्वर, लंका, पम्पासर, सुबेल गिरी, और निषाद आश्रम प्रमुख हैं. इन स्थानों पर अलग-अलग दिनों में अलग-अलग लीलाओं का मंचन होता है.

कहीं नहीं देखी होगी ऐसी रामलीला! चल पड़ते है प्रभु श्रीराम
वाराणसी: रामनगर की विश्वप्रसिद्ध रामलीला अपने अनूठे ठाठ और परंपरा के लिए जानी जाती है. इस रामलीला में हर प्रसंग के बाद भगवान राम, लक्ष्मण और माता सीता को कांधों पर उठाकर अगली जगह तक ले जाया जाता है, जहां अगली लीला का मंचन होता है. खास बात यह है कि भगवान राम और लक्ष्मण के साथ भक्त और काशी नरेश भी हाथी पर सवार होकर साथ चलते हैं. यह रामलीला रामनगर के पांच किलोमीटर के दायरे में घूम-घूम कर की जाती है. हर दिन, लीला के 3 से 4 प्रसंग अलग-अलग स्थानों पर होते हैं. मंचन से पहले “चुप रहो… सावधान” की आवाज से माहौल शांत हो जाता है और इसके बाद रामायणी के जोरदार स्वर में लीला का प्रसंग सुनाया जाता है, जो दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देता है. रामलीला के स्थलों की विशेषता रामनगर की रामलीला के लिए विशेष स्थलों का चयन किया गया है. इनमें अयोध्यापुरी, पंचवटी, रामबाग, जनकपुरी, चित्रकूट, अवध, भारद्वाज आश्रम, रामेश्वर, लंका, पम्पासर, सुबेल गिरी, और निषाद आश्रम प्रमुख हैं. इन स्थानों पर अलग-अलग दिनों में अलग-अलग लीलाओं का मंचन होता है. अनोखी लीला का अद्भुत अनुभव लीला देखने आए उदय नारायण चौबे का कहना है कि रामनगर की रामलीला एक अद्भुत अनुभव है, और हर दिन भगवान श्री राम के दर्शन करने के लिए वे इस लीला में शामिल होते हैं. वहीं, ऋषिकेश त्रिपाठी ने कहा कि उन्होंने इससे पहले ऐसी ऐतिहासिक और अनोखी रामलीला कभी नहीं देखी. 16 अक्टूबर तक चलेगी लीला अनंत चतुर्दशी, यानी 17 सितंबर से इस बार रामलीला की शुरुआत हुई है, जो 16 अक्टूबर तक चलेगी. काशी नरेश प्रतिदिन हाथी पर सवार होकर इस लीला का आनंद लेने आते हैं, और भक्तों का हुजूम भगवान श्री राम की इस अलौकिक लीला को देखने के लिए उमड़ता है. Tags: Local18, Lord RamFIRST PUBLISHED : September 25, 2024, 17:09 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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