21 जून को ही क्यों मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय योग दिवस जानें इस बार की थीम का महत्व

International Yoga Day 2022: सदियों पहले भारत में योग की शुरुआत हो चुकी थी, जो कि एक शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक अभ्यास है. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का मुख्य उद्देश्य लोगों में योगाभ्यास के प्रति जागरुकता लाने की है. क्योंकि, आजकल शारीरिक गतिविधि में कमी के कारण लोगों को सुगर, ब्लडप्रेशर इत्यादि की समास्याएं होती हैं. नियमित कुछ देर योग का अभ्यास करके हम खुद को पूर्ण रूस से पूर्ण स्वस्थ रख सकते हैं.

21 जून को ही क्यों मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय योग दिवस जानें इस बार की थीम का महत्व
नई दिल्ली: भारत की पहल पर आज पूरी दुनिया योग की ताकत को समझ गई है. संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया है. योग सदियों से भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा रहा है, जिसे आरोग्य का एक बहुत प्रभावी साधन माना गया है. हेल्दी लाइफ के लिए योग करना बेहद जरूरी है. योग शरीर में ऊर्जा का संचार करता है और उसे स्वास्थ्य रखता है. प्राणायाम, आसन, योग मुद्राएं करने से शरीर में ऑक्सीजन का संचार बेहतर तरीके से होता है. आपने कभी सोचा है कि 21 जून को ही अंतरराष्ट्रीय योग दिवस क्यों मनाया जाता है, साल के किसी और दिन क्यों नहीं? दरअसल, 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की वजह यह है कि, 21 जून उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है. साल के इस दिन सूर्य की किरणें सबसे ज्यादा देर तक धरती पर रहती हैं, जिसको प्रतीकात्मक रूप से मनुष्य के स्वास्थ्य और जीवन से जोड़ा जाता है. सदियों से माना जाता है कि योग करने से लम्बी उम्र होती है. भारत के ऋषि-मुनियों ने इसे अपनी योग तपस्या से साबित भी किया है. सदियों पहले भारत में योग की शुरुआत हो चुकी थी, जो कि एक शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक अभ्यास है. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का मुख्य उद्देश्य लोगों में योगाभ्यास के प्रति जागरुकता लाने की है. क्योंकि, आजकल शारीरिक गतिविधि में कमी के कारण लोगों को सुगर, ब्लडप्रेशर इत्यादि की समास्याएं होती हैं. नियमित कुछ देर योग का अभ्यास करके हम खुद को पूर्ण रूस से पूर्ण स्वस्थ रख सकते हैं. इस बार ‘मानवता के लिए योग’ थीम क्यों? संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2022 की थीम ‘मानवता के लिए योग’ रखी गई है, जिसे कोविड-19 के प्रभाव को देखते हुए चुना गया है. कोरोना महामारी ने न सिर्फ हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि चिंता, अवसाद जैसी मनोवैज्ञानिक और मानसिक समस्याएं भी दी हैं. योग का मूल सार सिर्फ शरीर को स्वस्थ रखना या फिर दिमाग व शरीर के बीच संतुलन बनाना नहीं है, बल्कि दुनिया में मानवीय रिश्तों के बीच संतुलन बनाना भी है. इसलिए ‘मानवता के लिए योग’ इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम है. कैसे हुई अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत? भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र संघ की बैठक में साल में एक दिन योग के नाम करने का प्रस्ताव रखा था. उनके इस प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने स्वीकार कर लिया और 90 दिनों के अंदर ही हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का ऐलान कर दिया गया. पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस साल 2015 में, 21 जून को मनाया गया था, जिसका नेतृत्व भारत ने किया था. 35 हजार से अधिक लोगों ने दिल्ली के राजपथ पर योगासन किया, जिसमें 84 देशों के प्रतिनिधि शामिल थे. यह इवेंट गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Benefits of yoga, International Yoga DayFIRST PUBLISHED : June 21, 2022, 06:11 IST