दलाई लामा संग अमेरिका की करीबी से चीन को क्यों लगी मिर्ची बेचैनी की क्या वजह
दलाई लामा संग अमेरिका की करीबी से चीन को क्यों लगी मिर्ची बेचैनी की क्या वजह
US Lawmakers Meeting Dalai Lama: अमेरिकी सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में निर्वासित तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा से मुलाकात की. इस मुलाकात से चीन तिलमिला उठा है.
नई दिल्ली. अमेरिकी सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में निर्वासित तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा से मुलाकात की. इस मुलाकात से चीन को इतनी मिर्ची लगी कि वह तिलमिला उठा है. दलाई लामा से अमेरिका की करीबी से ड्रैगन इतना नाराज हो गया कि उसने तत्काल अमेरिका को दलाई लामा से दूर रहने की नसीहत दे दी. चीन ने मंगलवार को अमेरिका से कहा कि वह दलाई लामा के गुट की चीन विरोधी और अलगाववादी प्रकृति को पूरी तरह पहचाने और उनके साथ किसी भी तरह के संपर्क से दूर रहे.
US का प्रतिनिधिमंडल भारत में
अमेरिकी की दोनों पार्टियों के सांसदों का सात सदस्यीय दल नोबेल शांति पुरस्कार विजेता दलाई लामा से मिलने के लिए भारत का दौरा कर रहा है. अमेरिका ने लंबे समय से तिब्बती लोगों के अपने धर्म और संस्कृति का पालन करने के अधिकारों का समर्थन किया है. उसने चीन पर भारत की सीमा से लगे सुदूर हिमालयी क्षेत्र तिब्बत में मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया है.
प्रतिनिधिमंडल का मकसद
अमेरिकी प्रतिनिधि सभा द्वारा इस महीने पारित एक द्विदलीय विधेयक का मकसद तिब्बती नेताओं के साथ बातचीत करने के लिए बीजिंग को प्रेरित करना है, जो 2010 से रुकी हुई है. ताकि तिब्बत पर बातचीत के जरिए समझौता हो सके और ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और भाषाई पहचान पर तिब्बत के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए चीन को मजबूर किया जा सके. अमेरिका के इस प्रतिनिधिमंडल में तिब्बत समाधान अधिनियम नामक काननू के दो लेखक शामिल हैं. साथ ही इसमें अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की पूर्व अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी भी शामिल हैं. प्रतिनिधिमंडल ने तिब्बत की निर्वासित सरकार के अधिकारियों से भी मुलाकात की, जो भारत से काम करती है.
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यात्रा पर विवाद क्यों?
इसने चीन को ऐसे समय में नाराज किया है, जब बीजिंग और वाशिंगटन संबंधों को सुधारने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. भारत के चीन के साथ संबंध भी तनावपूर्ण हैं. 2020 में हिमालयी सीमा पर सैन्य संघर्ष में उसके 24 सैनिक मारे गए थे. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के विवाद का समाधान खोजने के लिए जल्द ही रिज़ॉल्व तिब्बत एक्ट पर दस्तखत करने की उम्मीद है. हालाकि वाशिंगटन तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र को चीन का हिस्सा मानता है.
Tags: America News, China, Dalai Lama, India chinaFIRST PUBLISHED : June 20, 2024, 10:39 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed