5वें फेज की वोटिंग इस स्टेट में क्यों बुलाने पड़े और 30000 जवान
5वें फेज की वोटिंग इस स्टेट में क्यों बुलाने पड़े और 30000 जवान
Loksabha Election News:बंगाल में पांचवें चरण में मतदान के लिए वोटिंग क्षेत्रों की संख्या चौथे चरण की तुलना में थोड़ी कम है. इसके बावजूद यहां सीएपीएफ की अतिरिक्त तैनाती की जा रही है. चौथे चरण में जहां आठ निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान हुआ, वहीं पांचवें चरण में यह संख्या सात है. ये सात निर्वाचन क्षेत्र हुगली जिले में सेरामपुर, हुगली और आरामबाग, उत्तर 24 परगना जिले में बैरकपुर और बनगांव और हावड़ा जिले में हावड़ा और उलुबेरिया हैं.
नई दिल्ली. चुनाव आयोग की माने तो अभी तक का चुनाव हिंसा मुक्त रहा है. लोकसभा चुनाव में हिंसा को रोकने के लिए चुनाव आयोग सुरक्षाबलों की तैनाती करता है. सोमवार को चौथे चरण के लिए वोटिंग होनी है इसमें पश्चिम बंगाल के कई इलाके शामिल हैं. इसको देखते हुए चुनाव आयोग ने पांचवें चरण के लिए केन्द्रीय सुरक्षा बलों (सीएपीएफ) के जवानों की लगभग 32 फीसदी तैनाती बढ़ाने का फैसला लिया है. इस फैसले से बंगाल में ही एक लाख से ज्यादा जवानों को पांचवें चरण के लिए तैनात किया जाएगा. आखिर यह फैसला क्यों लिया गया है और इस फैसले का बंगालादेश का क्या कनेक्शन है? इसके लिए पढ़ें पूरी रिपोर्ट…
पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ऑफिस के अनुसार, अभी तक पश्चिम बंगाल में सीएपीएफ की 578 कंपनियां तैनात की गईं और पांचवें चरण में 31.83 प्रतिशत की वृद्धि के साथ यह संख्या 762 हो जाएगी. एक कंपनी में 135 जवान होते हैं. पहले 4 फेज के चुनाव में पश्चिम बंगाल में सीएपीएफ की 578 कंपनियां बंगाल में तैनात थी. इसके अनुसार, करीब 78 हजार 30 जवान बंगाल में शांतिपूर्ण मतदान करवा रहे थे. पर पांचवें फेज के लिए 32 फीसदी बढ़ोतरी करने के बाद अब बंगाल में 762 कंपनियां तैनात की जाएंगी. इसके अनुसार, करीब 30 हजार और जवानों को बंगाल भेजा जाएगा.
बांग्लादेश से क्या है कनेक्शन?
बंगाल में पांचवें चरण में मतदान के लिए वोटिंग क्षेत्रों की संख्या चौथे चरण की तुलना में थोड़ी कम है. इसके बावजूद यहां सीएपीएफ की अतिरिक्त तैनाती की जा रही है. चौथे चरण में जहां आठ निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान हुआ, वहीं पांचवें चरण में यह संख्या सात है. ये सात निर्वाचन क्षेत्र हुगली जिले में सेरामपुर, हुगली और आरामबाग, उत्तर 24 परगना जिले में बैरकपुर और बनगांव और हावड़ा जिले में हावड़ा और उलुबेरिया हैं. इन सात निर्वाचन क्षेत्रों में से बैरकपुर और बनगांव अलग-अलग कारणों से चुनाव आयोग की विशेष निगरानी में होंगे. जबकि बनगांव भारत-बांग्लादेश सीमावर्ती वोटिंग एरिया है. वहीं, बैरकपुर में चुनाव संबंधी हिंसा और तनाव का इतिहास रहा है.
सीईओ कार्यालय के एक सूत्र ने कहा कि यह चरणबद्ध तरीके से तैनात की जाने वाली सीएपीएफ की कंपनियों की संख्या बढ़ाने की आयोग की योजना के अनुरूप है. पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने सोमवार को मतदान के अंत में कहा कि अगले चरण के चुनाव में ईसीआई द्वारा सुरक्षा घेरा कड़ा कर दिया जाएगा. अधिकारी ने कहा कि अगर चुनाव आयोग ने इसी तरह की सुरक्षा व्यवस्था बरकरार रखी तो अगले चरण का चुनाव तृणमूल कांग्रेस के लिए और ज्यादा परेशानी से भरा होगा.
बैरकपुर सीट का हिंसा का इतिहास
– 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद बैरकपुर के बेहद चर्चित विधानसभा क्षेत्र भाटपारा में कई महीनों तक हिंसा हुई. कुछ हफ्तों तक चली हिंसा में आठ लोगों की मौत हुई थी और 50 लोग घायल हुए थे.
– लोकसभा चुनाव ही नहीं 2018 में पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान भी राजनीतिक हिंसा देखने को मिली थी. हॉटस्पॉट में से एक अमदंगा था, जो मुख्य रूप से ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र है जो बैरकपुर शहर के पूर्व में स्थित है.
– 4 अक्टूबर 2020 को पार्षद और अर्जुन सिंह के करीबी मनीष शुक्ला जब बैरकपुर शहर में एक एसयूवी से एक चाय की दुकान के पास उतरे तो वह फोन पर बात कर रहे थे. तभी टीटागढ़ पुलिस स्टेशन के ठीक सामने मोटरसाइकिल पर सवार दो लोगों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी. उनकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में 22 गोलियों के घाव बताए गए थे.
Tags: Bangal Election, Loksabha Election 2024, Loksabha ElectionsFIRST PUBLISHED : May 14, 2024, 17:17 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed