भीषण गर्मी में भी आपको नहीं आता पसीना शरीर हो रहा गर्म तो आप हो सकते हैं हीट
भीषण गर्मी में भी आपको नहीं आता पसीना शरीर हो रहा गर्म तो आप हो सकते हैं हीट
भयावह गर्मी में अगर खूब मेहनत करने या पैदल चलने पर भी आपको पसीना नहीं आ रहा है तो आपको हीट स्ट्रोक हो सकता है. हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो शरीर में कूलिंग सिस्टम के काम करना बंद करने पर हीट स्ट्रोक की समस्या हो जाती है.
Heat Stroke symptoms and warning sign: मई के महीने में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है. इस समय ऐसी गर्मी पड़ रही है कि एक बार पसीना बहना शुरू हो जाए तो बंद ही न हो. हालांकि कभी-कभी ऐसा भी होता है कि इतनी भीषण गर्मी में भी पसीना नहीं आता. फिर चाहे धूप में चल लें, बिना पंखे-कूलर के बैठे रहें या गर्मी में कोई भी काम करें. अगर अचानक आपके या आपके बच्चे के साथ भी ऐसा हो रहा है तो आपको तुरंत सतर्क होने की जरूरत है. क्योंकि इतनी गर्मी में पसीना न आना आपको इस मौसम की सबसे गंभीर बीमारी का शिकार बना सकता है.
यह बीमारी है हीट स्ट्रोक. डॉक्टरों की मानें तो हीट स्ट्रोक का सबसे प्रमुख लक्षण है पसीना आना बंद हो जाना. ऐसा तब होता है जब शरीर का कूलिंग सिस्टम काम करना बंद कर देता है, अचानक बॉडी लाल और गर्म होने लगती है. ऐसी स्थिति में मरीज हीट स्ट्रोक का शिकार हो सकता है.
दिल्ली के मूलचंद अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. एसएम रहेजा कहते हैं कि जब भी किसी को हीट स्ट्रोक होने वाला होता है तो उसके कुछ लक्षण प्रकट होते हैं. इनमें सबसे खतरनाक लक्षण है पसीना आना बंद हो जाना. इस स्थिति को हाइपोहाइड्रोसिस या एनहाइड्रोसिस भी कहते हैं जिसमें शरीर का कूलेंट सिस्टम काम करना बंद कर देता है, पसीना आना पूरी तरह बंद हो जाता है और हीट स्ट्रोक हो जाता है.
वे कहते हैं कि अगर आप गर्मी के मौसम में एक्सरसाइज कर रहे हैं, पैदल चल रहे हैं या कोई मेहनत का काम कर रहे हैं और आपको महसूस हो रहा है कि इतना सब करने पर भी आपको पसीना नहीं आ रहा है तो आप हीट स्ट्रोक के खतरे में हैं. दरअसल हीट स्ट्रोक की तीसरी स्टेज तक शरीर का टेंपरेचर रेगुलेटरी मैकेनिज्म काम करता रहता है. जब हम काम करते हैं और पसीना आता है तो रेगुलेटरी मैकेनिज्म हमारे स्किन के ब्लड वेसेल्स को खोल देता है, और जब वह पसीना हवा से सूखता है तो शरीर ठंडा होता है, इस तरह शरीर का कूलिंग सिस्टम काम करता है. इसे इवेपोरेशन कूलिंग कहते हैं. जब यह सिस्टम डिस्टर्ब होता है तो उसका असर शरीर के सभी अंगों पर पड़ता है. हीट स्ट्रोक की ये हैं चार स्टेज
. सबसे पहले व्यक्ति को माइल्ड हीट इलनेस होती है, इसमें चक्कर आते हैं, घबराहट होती है.
. दूसरी स्टेज है हीट क्रैंप्स यानि मांसपेशियों में जकड़न होना या क्रैंप्स आना.
. तीसरी स्टेज में शरीर में डिहाइड्रेशन होता है. शरीर गर्म होता है, चक्कर आते हैं और बेहोशी होती है. पसीना आना बंद हो जाता है.
. चौथी स्टेज है हीट स्ट्रोक. हीट स्ट्रोक के ये हैं बड़े नुकसान
. मरीज की जान भी जा सकती है.
. किडनी, लिवर, हार्ट, ब्रेन आदि फेल हो सकते हैं या काम करना बंद कर सकते हैं.
. मरीज को बेहोशी या गफलत हो सकती है.
. दौरे पड़ सकते हैं.
. बीपी घट बढ़ सकता है और जान भी जा सकती है. हीट स्ट्रोक के मरीज के साथ क्या करें
. कोई व्यक्ति गर्मी में बहकी-बहकी बातें कर रहा है, बेहोश हो रहा है या दौरे पड़ रहे हैं, या उसका शरीर बहुत गर्म हो रहा है, तो उसके साथ ये 4 चीजें करें.
. सबसे पहले उसे ठंडी जगह पर ले जाएं.
. अगर वह होश में है तो उसको पानी पिलाएं, अगर बेहोश है तो पानी पिलाएं नहीं लेकिन उसके ऊपर ठंडा पानी डालें.
. उसके शरीर के तापमान को नॉर्मल करने के लिए हवा करें.
. उसके कपड़े ढीले कर दें.
. उसके बाद उसे मेडिकल हेल्प के लिए नजदीकी अस्पताल लेकर जाएं.
ये भी पढ़ें
कोविशील्ड वैक्सीन लगवा चुके भारतीय लोगों को कितना खतरा? जानकर होगी हैरानी, दिल्ली के टॉप कार्डियोलॉजिस्ट-वायरोलॉजिस्ट ने दिया हर सवाल का जवाब
FIRST PUBLISHED : May 9, 2024, 14:45 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed