मीलॉर्ड अब यहां से कहां जाएं जब कपिल सिब्बल सुप्रीम कोर्ट में हुए असहाय
मीलॉर्ड अब यहां से कहां जाएं जब कपिल सिब्बल सुप्रीम कोर्ट में हुए असहाय
Supreme Court Updates: सुप्रीम कोर्ट में अक्सर ही हाई-प्रोफाइल और संवैधानिक महत्व वाले मामले सुनवाई के लिए लिस्ट होते रहते हैं. ऐसे ही एक मामले में सीनियर एडवोकेट कपिल शीर्ष अदालत में अपने मुवक्किल के लिए दलील देने के लिए उपस्थित हुए थे. उन्हें मामले की सुनवाई कर रही पीठ की सख्ती का सामना करना पड़ा.
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट में संवैधानिक रूप से महत्वपूर्ण और हाई-प्रोफाइल मामले सुनवाई के आते रहते हैं. शीर्ष अदालत के विभिन्न बेंच रोजना ऐसे दर्जनों मामलों की सुनवाई करती है. कोर्ट किसी मामले का निपटारा करती है तो किसी मुकदमे में सुनवाई की अगली तारीख दी जाती है. ऐसे ही एक महत्वपूर्ण मामले में सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल सुप्रीम कोर्ट की स्पेशल बेंच के समक्ष पेश हुए थे. सुनवाई के दौरान केस ने कुछ ऐसा मोड़ लिया कि सिब्बल को सुनवाई कर रही पीठ के सख्त तेवर का सामना करना पड़ गया. सुप्रीम कोर्ट की बेंच इस कदर नाराज थी कि कपिल सिब्बल को अपने मुवक्किल की तरफ से केस वापस लेने की अनुमति मांगनी पड़ गई.
दरअसल, कपिल सिब्बल झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में बहस करने के लिए उपस्थित हुए थे. हेमंत सोरेन जमीन खरीद से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने इस मामले में पूछताछ के बाद हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया था. हेमंत सोरेन ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दी गई राहत का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम जमानत की याचिका दायर की थी. सोरेन ने लोकसभा चुनाव के बचे हुए दो चरणों के लिए चुनाव प्रचार करने के लिए रियायत बरतने की अपील की थी. हालांकि, मामले ने कुछ ऐसा मोड़ लिया कि सुप्रीम कोर्ट काफी सख्त हो गया. मामले की सुनवाई करने वाली पीठ ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि आप अपने केस को लेकर कहीं और जाइए.
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क्यों सख्त हुआ सुप्रीम कोर्ट
हेमंत सोरेन की अंतरिम याचिका पर सुनवाई करने वाली पीठ में शामिल जस्टिस दीपांकर दत्ता के पास कुछ दस्तावेज थे, जिसमें हेमंत सोरेन के केस से जुड़ीं कुछ महत्वपूर्ण तिथियां दर्ज थीं. जस्टिस दत्ता ने लिस्ट का हवाला देते हुए सोरेन के वकील कपिल सिब्बल से कहा कि आपने तथ्यों को छुपाया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्पेशल कोर्ट ने सोरेन के मनी लॉन्ड्रिंग केस पर 4 अप्रैल को संज्ञान ले चुका है. जस्टिस दत्ता ने कहा कि आपने यह तथ्य हमसे छुपाई. इस दौरान कपिल सिब्बल पूरी तरह से रक्षात्मक मुद्रा में ही रहे. हालांकि, उन्होंने इतना जरूर कहा कि अर्जी में सूचना का उल्लेख किया गया था.
‘आप केस लेकर कहीं और जाएं’
जस्टिस दीपांकर दत्ता ने कहा कि हेमंत सोरेन ने अंतरिम याचिका के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, लेकिन उन्होंने इस बात का उल्लेख नहीं किया कि उनकी ओर से मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (PMLA) की धारा 45 के तहत स्पेशल कोर्ट में जमानत की याचिका पहले ही दायर की जा चुकी है. फिलहाल उनकी जमानत याचिका विशेष अदालत में लंबित है. इसके बाद मामले की सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने हेमंत सोरेन को सलाह दी कि वह अपना केस कहीं और ले जाएं. इस पर कपिल सिब्बल ने पीठ से पूछा कि अब वह कहां जा सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सिब्बल की दलील को बीच में काटते हुए कहा कि केस को खारिज किया जा रहा है, क्योंकि याची क्लीन हैंड (साफ सुथरा तरीका) के साथ कोर्ट नहीं आया. इसके बाद सिब्बल ने कोर्ट से याचिका वापस लेने का अनुरोध किया, जिसे शीर्ष अदालत की पीठ ने स्वीकार कर लिया.
Tags: Directorate of Enforcement, Hemant soren, Kapil sibal, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : May 24, 2024, 07:51 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed