सरकारी नौकरी देने में इतना बड़ा खेल सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे से पूछे सवाल

रेलवे में भर्ती का एक नया मामला सामने आया है. फर्जी कागजातों के आधार पर कुछ लोगों को नियुक्‍त‍ि दे दी गई, जिसे देखकर सुप्रीम कोर्ट भी हैरान रह गया.

सरकारी नौकरी देने में इतना बड़ा खेल सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे से पूछे सवाल
नई दिल्ली. फर्जी कागजातों के जर‍िये IAS की नौकरी पाने वाली पूजा खेडकर का मामला चल ही रहा था, इसी बीच सुप्रीम कोर्ट में एक नया मामला सामने आ गया. बिना कागजात जांचे रेलवे ने कई लोगों को नौकरी दे दी. ये भी नहीं देखा क‍ि उसके पास जो दस्‍तावेज हैं, जो सर्टिफ‍िकेट हैं, वो सही हैं भी या नहीं. इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे से सख्‍त सवाल पूछे हैं. जस्‍ट‍िस जे के माहेश्वरी और जस्‍ट‍िस संजय करोल की पीठ ने इस पर आश्चर्य जताते हुए पूछा कि सर्टिफ‍िकेट की सही जांच और सत्‍यापन के बिना क‍िसी को सरकारी नौकरी पर कैसे नियुक्त किया जा सकता है. ऐसे मामलों की जांच होनी चाहिए. इस शख्‍स को अनुकंपा के आधार पर नौकरी मिली थी. शीर्ष अदालत ने कहा कि उसे बर्खास्त कर दिया गया क्योंकि उसकी नियुक्ति जाली और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दी गई थी. पीठ ने अपने फैसले में कहा, ‘इस मामले के तथ्यों को देखते हुए, हम रेलवे को लेकर काफी आश्चर्यचक‍ित हैं. ज‍िस जांच के तहत उन्‍होंने बाद में इनके दस्‍तावेजों को जाली, मनगढ़ंत और फर्जी पाया, अगर ये जांच पहले कर लेते तो शायद यह नियुक्‍त‍ि ही नहीं होती. दस्तावेजों की उचित जांच और सत्यापन के बिना किसी को सरकारी नौकरी पर कैसे नियुक्त किया जा सकता है? रेलवे को देश के सबसे बड़े नियोक्ताओं में से एक माना जाता है और इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाई जानी चाहिए. अदालत कलकत्ता हाईकोर्ट के अगस्त 2012 के फैसले को चुनौती देने वाली केंद्र की अपील पर सुनवाई कर रही थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रेलवे ने इन कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करके पूछा था कि अनुकंपा के आधार पर उनकी नियुक्ति क्यों न समाप्त की जाए, क्योंकि उन्होंने अपने पिता की नौकरी के संबंध में जाली और मनगढ़ंत दस्तावेजों का उपयोग करके नियुक्ति ली थी. जवाब मिलने के बाद कार्रवाई की गई. क्‍योंक‍ि उनकी नियुक्तियां जाली, मनगढ़ंत और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर की गई थीं. पीठ ने कहा, अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति उन व्यक्तियों को दी जाती है जिनके परिवार मुख्य कमाने वाले के अक्षम होने या निधन के कारण बहुत परेशान या बेसहारा हो जाते हैं. इसलिए जब ऐसे आधार पर नियुक्ति चाहने वाले व्यक्ति अपनी पात्रता को गलत तरीके से साबित करने का प्रयास करते हैं, जैसा कि इस मामले में किया गया है, तो ऐसे पदों को बनाए रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. Tags: Government jobs, Govt Jobs, Indian Railway news, Indian Railway recruitmentFIRST PUBLISHED : August 1, 2024, 23:15 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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