विधि आयोग को ‘वैधानिक संस्था’ बनाने की याचिका सुनेगा SC 2018 से खाली है आयोग का अध्यक्ष पद

याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय ने जनहित याचिका में कहा है कि 21वें विधि आयोग का कार्यकाल 31 अगस्त 2018 को खत्म हो चुका है. इसके बाद केंद्र ने न तो उसके अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल बढ़ाया और न ही 22वें विधि आयोग की अधिसूचना जारी की. विधि आयोग में 1 सितंबर 2018 से कोई अध्यक्ष नहीं है, जिससे वह जनता से जुड़े मुद्दों का परीक्षण करने में असमर्थ है.

विधि आयोग को ‘वैधानिक संस्था’ बनाने की याचिका सुनेगा SC 2018 से खाली है आयोग का अध्यक्ष पद
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय विधि आयोग को ‘वैधानिक संस्था’ घोषित करने का केंद्र को निर्देश देने और इसके अध्यक्ष व सदस्यों को नियुक्त करने का आग्रह करने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया है. यह याचिका 2020 में दायर की गई थी. इसमें कहा गया है कि विधि आयोग में 1 सितंबर 2018 से कोई भी अध्यक्ष नहीं है, जिस वजह से वह जनता से जुड़े मुद्दों का परीक्षण करने में असमर्थ है. याचिका में गृह मंत्रालय और विधि एवं न्याय मंत्रालय को पक्षकार बनाया है. चीफ जस्टिस एनवी रमण, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने वकील एवं याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय की ओर से आयोग में खाली पदों को लेकर दी गई दलीलों का संज्ञान लिया. उपाध्याय ने कहा कि 21वें विधि आयोग का कार्यकाल 31 अगस्त 2018 को खत्म हो चुका है. इसके बाद केंद्र सरकार ने न तो उसके अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल बढ़ाया और न ही 22वें विधि आयोग की अधिसूचना जारी की. इस मामले में पहले भी नोटिस जारी किए गए थे. इस पर पीठ ने कहा, “हम मामले को सूचीबद्ध करेंगे.” जनहित याचिका पर दायर अपने जवाब में विधि व न्याय मंत्रालय ने दिसंबर 2021 में कहा था कि विधि आयोग को वैधानिक संस्था बनाने का कोई प्रस्ताव नहीं है. मंत्रालय ने कहा था, “22वां विधि आयोग 21 फरवरी 2020 को गठित किया गया है. इसके अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्त संबंधित अधिकारियों के समक्ष विचाराधीन है.” मंत्रालय ने यह भी कहा था कि उपाध्याय की ओर से दायर याचिका गंभीरता से विचार करने और सुनवाई के योग्य नहीं हैं, क्योंकि इसमें कोई तथ्य नहीं है. याचिकाकर्ता उपाध्याय ने राजनीतिक नेताओं और अपराधियों के बीच कथित सांठगांठ पर वोहरा आयोग की रिपोर्ट पर कार्रवाई का आग्रह करने वाले उनके निवेदन पर भी विचार करने की गुजारिश की है. जनहित याचिका में विधि आयोग से उस याचिका पर कार्रवाई की मांग की गई है जिसमें काले धन, बेनामी संपत्ति, आय से अधिक संपत्ति की 100 फीसदी जब्ती और ‘लुटेरों’ को उम्रकैद देने की गुजारिश की गई है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Law Commission, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : July 27, 2022, 14:35 IST