आख‍िर जुबान काटना किसी समस्‍या का हल कैसे ईनाम अच्छे काम के लिए होता है

महाराष्ट्र के बुलढाणा से शिवसेना विधायक संजय गायकवाड ने राहुल गांधी की जुबान काटने पर 11 लाख ईनाम देने की बात कही है. इस तरह का बयान देश की राजनीति में न सिर्फ अस्वीकार्य है, बल्कि आपराधिक भी लगता है.

आख‍िर जुबान काटना किसी समस्‍या का हल कैसे ईनाम अच्छे काम के लिए होता है
राजनीति में एक दूसरे के विरोध में बयान दिए जाते हैं. राजनीतिक विचारधारा की लड़ाइयां चलती रहती हैं, लेकिन अगर कोई नेता किसी नेता की जुबान काटने की बात कहे तो इसे अपराध से कम नहीं माना जाना चाहिए. शिवसेना शिंदे गुट के नेता संजय गायकवाड ने तो इससे आगे जा कर ये कह दिया कि जो कोई राहुल की जुबान काट कर लाएगा उसे 11 लाख रुपये का ईनाम वे अपनी ओर से देंगे. अब तक इस तरह की बातें कुछ खास कट्टरपंथी ही करते रहे हैं. वैसे भी ईनाम किसी अच्छे काम के लिए दिया जाता है. हिंसा या विध्वंस की तो सजा होती है. शिवसेना भी कोई उदारवादी पार्टी नहीं रही है. उसने भी एकपक्षीय बयान दिए हैं. लेकिन देश के किसी राजनेता के लिए इस तरह की बात नहीं की. शिवसेना नेता स्वर्गीय बाला साहेब ठाकरे के दौर में जरूर बहुत से उग्र बयान आते रहे लेकिन किसी नेता की जुबान काट कर लाने वाले को ईनाम देने जैसी बात नहीं की गई थी. राहुल गांधी भारतीय संसद में विपक्ष के नेता हैं और पांच बार से चुने हुए सांसद हैं. वैचारिक स्तर पर उनकी और शिवसेना जैसे दक्षिणपंथी दल में मतभेद होना स्वाभाविक है. उनके बहुत से भाषण और बयानों पर बीजेपी या सत्ताधारी दल के नेता कड़ी प्रतिक्रिया देते रहे हैं. लेकिन हिंसा को बढावा देने वाला बयान किसी चुने हुए विधायक की ओर से आना किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं हो सकता. संजय गायकवाड वही विधायक है जो इस साल फरवरी में बुलढाणा में में एक कार्यक्रम के दौरान गले में एक माला पहन कर शामिल हुए थे जिसमें शेर का दात लॉकेट जैसे लटका था. बाद में दावा किया गया उन्होंने ही बरसों पहले शेर को मार कर उसका दांत निकलवाया था. फिलहाल संजय का आरोप है कि राहुल गांधी विदेश में आरक्षण खत्म करने की बातें कह रहे हैं. उन्होंने इस बात पर कड़ा ऐतराज किया कि राहुल गांधी ने फर्जी नैरेटिव खड़ा किया कि बीजेपी संविधान में संशोधन कर आरक्षण खत्म करने वाली है. यहां तक तो विधायक संजय गायकवाड का बयान राजनीतिक लग रहा है. इसके आगे बढ़ते हुए जब वे कहते हैं कि आरक्षण खत्म करने की बात करने वाले की जुबान काट लेनी चाहिए और जो काट कर लाएगा उसे वे खुद 11 लाख का ईनाम भी देंगे. समाज में बढ़ रहे जातीय और सांप्रदायिक विरोधों के बीच इस तरह की बात करने से पहले किसी भी चुने हुए नेता को सौ बार सोचना चाहिए. कोई साधारण आदमी भी इस तरह का बयान देता है तो उसके विरुद्ध आपराधिक मामला कायम होना चाहिए. साथ ही विधायक पर पार्टी को भी एक्शन लेना चाहिए. ये भी पढ़ें : क्‍या AAP को फंसाने की थी चाल? त‍िहाड़ में बैठे केजरीवाल ने भांप ल‍िया, हरियाणा में कांग्रेस से गठबंधन न होने की वजह जानिए शिव सेना का उद्धव गुट इस समय कांग्रेस के साथ है. इस गुट की नेता सुषमा अंधारे ने तीखी प्रतिक्रिया भी दी है. उन्होंने कहा है कि अगर शिवसेना शिंदे अपने विधायक के इस बयान की अनदेखी किया गया तो इसके बहुत गंभीर परिणाम होंगे. हालांकि राष्ट्रीय स्तर पर फिलहाल किसी उल्लेखनीय नेता की प्रतिक्रिया नहीं आई है. लेकिन इस तरह हिंसा को बढ़ावा देने वाला बयान भारतीय राजनीति के लिए कत्तई अच्छा नहीं माना जा सकता. Tags: Congress leader Rahul Gandhi, Shiv Sena newsFIRST PUBLISHED : September 16, 2024, 17:07 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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