लेडीज़ रिटायरमेंट प्लानिंग भी करनी है ब्याज भी अच्छा चाहिए तीन विकल्प ये
लेडीज़ रिटायरमेंट प्लानिंग भी करनी है ब्याज भी अच्छा चाहिए तीन विकल्प ये
Safe Investment Options for women: पारंपरिक रूप से भारतीय महिलाएं बचत में तो अव्वल होती हैं लेकिन निवेश को लेकर पुरुषों के मुकाबले उतनी सक्रिय नहीं होतीं. कई बार जानकारी और सूचनाओं की कमी और कई बार जोखिम का डर, महिलाओं को निवेश से पीछे धकेलता है. ऐसे में कुछ विकल्प...
PPF, FD, NPS for women investor with no risk: नौकरीपेशा हों या घर परिवार संभालने वाली महिला, यदि आप चाहती हैं कि बचत के पैसे को कहीं निवेश करें लेकिन झिझकती हैं तो आपके लिए निवेश के ऐसे विकल्प मौजूद हैं जिन्हें आप टटोल सकती हैं. अपनी जरूरतों, लक्ष्यों और जोखिम सहने की क्षमता के आकलन के साथ ही आपको निवेश करना चाहिए. इसके लिए निवेश सलाहकार की राय लेना बेहद जरूरी है ताकि वह आपकी टारगेट्स के मुताबिक आपको बाजार में मौजूद निवेश के विकल्पों के बारे में सही सही जानकारी दे सके. आइए मोटामोटी ऐसे विकल्पों पर गौर करें जो कम जोखिम के साथ विभिन्न मोर्चों फायदेमंद साबित हो सकते हैं-
1- पीपीएफ (पब्लिक प्रॉविडेंट फंड): सार्वजनिक भविष्य निधि यानी PPF ऐसा सरकार समर्थित निवेश प्लान है जिसकी ब्याज दर सुरक्षित कहे जाने वाले अन्य कई विकल्पों के मुकाबले बेहतरीन होती है. पीपीएफ सुरक्षित विकल्प के साधनों में इसलिए बेहतरीन है क्योंकि इस पर ब्याज का कैलकुलेशन कंपाउंड बेस पर होता है यानी सालाना चक्रवृद्धि ब्याज मिलता है. तो यदि आपका टारगेट है बढ़िया ब्याज कमाना और वह भी बिना किसी जोखिम को उठाए तो पोस्ट ऑफिस या बैंक में जाकर पीपीएफ खाता खुलवा लें. निश्चित अवधि में निवेश की गई राशि पर रिटर्न की गारंटी होती है और यह इनकम टैक्स अधियिनम के तहत ईईई कैटिगरी में आता है यानी इसमें निवेश करके कामकाजी महिला इनकम टैक्स में बचत भी कर सकती हैं. महिलाओं और पर्सनल फाइनेंस से जुड़ी ऐसी ही अधिक जानकारी के लिए आप यहां क्लिक कर सकती हैं.
2- एनपीएस (नेशनल पेंशन स्कीम)- नेशनल पेंशन स्कीम यानी NPS आपका रिटायरमेंट प्लान हैं. महिला आवेदकों के लिए इसमें निवेश के लिए आयु 18 से 70 वर्ष के बीच होनी चाहिए. एनपीएस के लिए कहा जाता है कि यह दुनिया की सबसे कम लागत वाली पेंशन योजना है. यह वॉलंटियरी रिटायरमेंट सेविंग सरकारी योजना है. एनपीएस में निवेश किया गया 60 फीसदी हिस्सा रिटायरमेंट के समय आप निकाल सकती हैं. जबकि बचे हुए 40 फीसदी पैसे का उपयोग एन्यूटी खरीदने के लिए किया जाता है. मगर ध्यान दें कि एनपीएस कोई फिक्स्ड रिटर्न देने वाला निवेश नहीं है और बाजार के जोखिमों के अधीन होता है. इसके तहत टियर 1 के विकल्प में लंबी लॉक-इन अवधि होती है (आंशिक निकासी के लिए भी 15 वर्ष) क्योंकि इसे पेंशन योजना के रूप में डिजाइन किया गया है. जबकि टियर 2 में निवेश बचत खाते की तरह है जहां आप जब चाहे पैसे निकाल सकती हैं. टियर 2 निवेश कर कटौती की पेशकश नहीं करता है जबकि टियर 1 में निवेश प्रति वर्ष 50,000 की अतिरिक्त कटौती प्रदान करता है.
3- एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट)- सावधि जमा यानी FD पारंपरिक रूप से भारतीय परिवारों की पहली पसंद रहा है. बचत का पैसा इसमें रखने का चलन नया नहीं है. इसकी वजह यह है कि यह आपके पैसे पर गारंटीड रिटर्न देता है और अब तो एफडी दरें बढ़ रही हैं. ऐसे में इसमें पैसा रखना भी नफे का सौदा है. पिछले कुछ महीनों में, एसबीआई, एक्सिस, बैंक ऑफ बड़ौदा और यूनियन बैंक जैसे कुछ बैंकों ने एफडी ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है. उदाहरण के लिए HDFC Bank एक साल से लेकर 15 महीनों से कम की एफडी पर 7.40 फीसदी का ब्याज दे रहा है जबकि State Bank of India (SBI) एक साल की एफडी पर 6.8 फीसदी की दर से ब्याज दे रहा है. ऐसे में अपनी जरूरत के हिसाब से आपको विभिन्न वित्तीय संस्थानों के रेट में कंपेयर करने के बाद ही एफडी का ऑप्शन ऑप्ट करना चाहिए.
डिसक्लेमर: निवेश से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले किसी निवेश सलाहकार से अपनी जरूरतों और लक्ष्यों पर बातचीत करें. न्यूज18 हिन्दी डिजिटल पर यह लेख केवल प्राथमिक जानकारी के लिए लिखा गया है. वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए जिम्मेदार नहीं है.
Tags: Bank FD, Business news, Investment tips, PPF account, Women's FinanceFIRST PUBLISHED : May 28, 2024, 12:08 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed