भारत को कोसने वाले अरबपति ने अडानी पर उठाए सवाल तो BJP ने खोला राहुल से लिंक

George Soros vs Gautam Adani : कांग्रेस नेता आजकल गौतम अडानी और पीएम मोदी के पीछे पड़े हुए हैं. उनके विरोध की वजह अमेरिकी संगठन OCCRP की हालिया रिपोर्ट है, जो अडानी के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाती है. लेकिन, इससे पहले कि वे इस मुद्दे से कुछ हासिल कर पाते भाजपा ने OCCRP को फंड देने वाले जॉर्ज सोरोस और राहुल गांधी के बीच कनेक्‍शन निकालकर पानी फेर दिया.

भारत को कोसने वाले अरबपति ने अडानी पर उठाए सवाल तो BJP ने खोला राहुल से लिंक
नई दिल्‍ली. भारतीय अरबपति और अडानी समूह के मालिक गौतम अडानी के खिलाफ पिछले कुछ समय से कांग्रेस हमलावर है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी हाथ धोकर गौतम अडानी के पीछे पड़े हैं और जगह-जगह मीडिया में बयानबाजी कर रहे है. राहुल गांधी के इस विरोध के दो बड़े आधार हैं, एक तो अडानी समूह के खिलाफ आई हिंडनबर्ग की रिपोर्ट और दूसरी हाल में आई अमेरिका के ही एक और नॉन प्रॉफिट ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) की रिपोर्ट. वैसे तो दोनों में ही लगभग एकसमान आरोप लगाए गए हैं, लेकिन इस बार एक और चीज गौतम अडानी के विरोध में जुड़ गई है और वह हंगरी मूल के अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस का गौतम अडानी और भारत पर लगातार हमला. जॉर्ज सोरोस ने कई बार भारत सरकार और गौतम अडानी को लेकर सीधे आरोप लगाए हैं. इन्‍हीं आरोपों को आधार बनाकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी गौतम अडानी को आड़े हाथों लेते रहे हैं. इतना ही नहीं राहुल ने अडानी के बहाने लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी आरोप लगाए. कांग्रेस व अन्‍य विपक्षी दलों के इस विरोध प्रदर्शन से कोई काम की बात निकलती, उससे पहले ही भाजपा ने जॉर्ज सोरोस और राहुल गांधी के बीच कनेक्‍शन निकालकर इस विरोध और आरोप पर ही सवाल खडे़ कर दिए हैं. आखिर भारत को पानी पी-पीकर कोसने वाले जॉर्ज सोरोस और राहुल गांधी के बीच क्‍या कनेक्‍शन है और जॉर्ज सोरोस क्‍यों भारत के पीछे पड़े रहते हैं. Why is OCCRP connected with Rahul Gandhi? A French investigative journalist has revealed that the US govt controls the media organization OCCRP, dictating that any story it ran was influenced & lacked genuine backing But what is its connection with Congress? pic.twitter.com/VrVtZ8IzBQ — BJP (@BJP4India) December 5, 2024

कौन हैं जॉर्ज सोरोस
इस कहानी के सबसे अहम किरदार जॉर्ज सोरोस की कुंडली देखें तो उनका इतिहास काफी दागदार रहा है. OCCRP कहने को तो पब्लिक फंडेड फर्म है, लेकिन इसमें जॉर्ज सोरोस की कंपनी ने भी काफी पैसा लगाया है. इस लिहाज से देखा जाए तो यह एक तरह से जॉर्ज सोरोस फंडेड फर्म बन जाती है. OCCRP को पत्रकारों के एक समूह ने साल 2006 में शुरू किया था और इसका मुख्‍य काम दुनियाभर में आर्थिक अपराधों का खुलासा करना है. अब यह बात तो क्‍लीयर हो गई कि OCCRP एक तरह से जॉर्ज सोरोस के इशारे पर काम करता है.

भारत के खिलाफ मुखर रहे हैं सोरोस
ऐसा नहीं है कि सोरोस ने पहली बार भारत सरकार या अडानी पर निशाना साधा है. उन्‍हें जब भी मौका मिलता है तो वे पीएम मोदी और भारत को आड़े हाथों लेने की कोशिश करते हैं. जॉर्ज ने तो यहां तक कहा था कि पीएम मोदी का लगातार सत्‍ता में बने रहना तानाशाही को दर्शाता है. यह बयान बताता है कि किस कदर वे चाहते हैं कि भारत में पीएम मोदी की सरकार बदल जाए. उन्‍होंने तो अमेरिका के डोनाल्‍ड ट्रंप, रूस के व्‍लादीमीर पुतिन और चीन के शी जिनपिंग को भी नहीं छोड़ा और इन सभी नेताओं को तानाशाह करार दे दिया, जबकि अमेरिका और भारत तो सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों में आते हैं.

सोरोस का पीएम मोदी से खास बैर
जॉर्ज सोरोस भारत के खिलाफ तो नहीं लेकिन पीएम मोदी के खिलाफ हमेशा जहर उगलते रहते हैं. जब मोदी सरकार ने कश्‍मीर से 370 खत्‍म किया तो उन्‍होंने कहा था कि भारत हिंदू राष्‍ट्र बनने की तरफ बढ़ रहा है. पिछले लोकसभा चुनाव से पहले जब हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आई तो सोरोस ने कहा कि अब अडानी पर आरोप लगने के बाद भारत में लोकतांत्रिक परिवर्तन होगा यानी सरकार बदल जाएगी. भाजपा की दोबारा सत्‍ता में वापसी से एक बार फिर जॉर्ज बौखला गए और इस बार तो हद ही कर दी. बोले कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है, लेकिन नरेंद्र मोदी लोकतांत्रिक नहीं हैं और उनकी सत्‍ता में वापसी सिर्फ मुसलमानों का विरोध करने से हो रही है.

जिस थाली में खाया, उसी में किया छेद
जॉर्ज सोरोस का इतिहास देखें तो पता चलता है कि उन्‍होंने जिस थाली में खाया, उसी में छेद करने से भी नहीं हिचकिचाए. दरअसल, 1930 में हंगरी में पैदा होने वाले सोरोस ने दूसरे विश्‍व युद्ध के बाद बुडापेस्‍ट छोड़ दिया और लंदन आ गए. पढ़ाई पूरी कर वे 1956 में अमेरिका चले गए और वहां अपना बिजनेस शुरू किया. इस तरह देखा जाए तो उन्‍होंने हंगरी छोड़ अमेरिका में शरण ली, लेकिन पूर्व अमेरिकी राष्‍ट्रपति जॉर्ज डब्‍ल्‍यू बुश के खिलाफ हमेशा जहर उगलते रहे. एक इंटरव्‍यू में तो उन्‍होंने यहां तक कह दिया था कि बुश को सत्‍ता से हटाना उनका सबसे बड़ा मकसद है और इसके लिए वे अपनी पूरी संपत्ति लुटाने को तैयार हैं. सोरोस पर अन्‍य देशों के राजनीतिक माहौल को भी खराब करने के आरोप लगे रहे हैं.

अडानी के बहाने पीएम मोदी पर साधा निशाना
जॉर्ज सोरोस ने OCCRP की रिपोर्ट आने के बाद गौतम अडानी को आड़े हाथों ले लिया. इस अमेरिकी अरबपति ने कहा कि गौतम अडानी की धन जुटाने की रणनीति फेल हो गई और इस घटना ने भारतीय नियामक एजेंसियों की सच्‍चाई भी खोलकर रख दी. सोरोस ने पीएम मोदी को भी नहीं छोड़ा और कहा कि अडानी के मुद्दे पर नरेंद्र मोदी भले ही चुप्‍पी साधे हुए हैं, लेकिन उन्‍हें संसद और विदेशी निवेशकों को तो जवाब देना ही पड़ेगा.

भाजपा ने खोज लिया राहुल और सोरोस का लिंक
कांग्रेस नेता राहुल गांधी अभी OCCRP की रिपोर्ट और अडानी के मुद्दे को ठीक से भुना भी नहीं पाए थे कि भाजपा ने जॉर्ज सोरोस के साथ उनका कनेक्‍शन खोजकर विरोध विरोध और आरोपों पर ही पानी फेर दिया. भाजपा ने सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म ट्विटर (एक्‍स) पर एक वीडियो पोस्‍ट किया है. भाजपा ने आरोप लगाया है कि राहुल गांधी और सोरोस एक ही सिक्‍के के दो पहलू हैं. इस पोस्‍ट में राहुल गांधी को जॉर्ज सोरोस के फाउंडेशन के अध्‍यक्ष सलिल शेट्टी के साथ चहलकदमी करते देखा जा सकता है. सोरोस के इस फाउंडेशन ने ही OCCRP में पैसे लगाए हैं, जिससे OCCRP में सोरोस का सीधा दखल माना जा रहा है. भाजपा ने राहुल पर यह भी आरोप लगाया कि वे OCCRP के एक बांग्‍लादेशी पत्रकार फजल अनसरे से भी मिले, जो भारत के खिलाफ लगातार एजेंडा चलाते रहते हैं.

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