Muharram 2022: आगरा में 2 साल बाद बना सबसे बड़ा ताजिया दुआ मांगने वाले की हर मुराद होती है पूरी

Muharram 2022: देशभर के साथ आगरा में भी मुहर्रम का त्योहार मनाया जा रहा है. इस दौरान आगरा में सबसे बड़ा ताजिया फूलों से बनाया गया है, जो कि आकर्षण का केंद्र है.

Muharram 2022: आगरा में 2 साल बाद बना सबसे बड़ा ताजिया दुआ मांगने वाले की हर मुराद होती है पूरी
रिपोर्ट: हरीकांत शर्मा आगरा. आज पूरे देश के मुहर्रम का त्योहार मनाया जा रहा है. मुस्लिम समाज में मुहर्रम को गम के त्योहार के रूप में मनाया जाता है. यही वजह है कि इस त्योहार पर लोग मातम करते हैं. लोग अपने-अपने घरों पर ताजिए रखते हैं और मुहर्रम के दिन इन ताजियों को सुपुर्द-ए-खाक करने के लिए ले जाते हैं. आगरा में सबसे बड़ा ताजिया फूलों से बनाया गया है, जिसको शहर की नई बस्ती इलाके के इमामबाड़े में रखा जाता है. इस ताजिए के रखने के बाद ही शहर के अन्य ताजियों को रखा जाता है. वहीं जब ताजियों को सुपुर्द-ए-खाक करने की बारी आती है, तो सबसे पहले इसी फूलों के ताजिया का नंबर आता है. उसके बाद शहर के अन्य ताजियों को दफनाया जाता है. फूलो के ताजिए पर दुआ मांगने के लिए हजारों की संख्या में मुस्लिम समाज के पुरुष और महिलाएं पहुंचती हैं. वहीं, इस बार ताजियों पर भीड़ ज्यादा उमड़ी है. दरअसल पिछले 2 सालों से कोरोना की वजह से ताजिए नहीं रखे जा रहे थे. 323 सालों से रखते आ रहे हैं ताजिए ताजिया कमेटी के उपाध्यक्ष शरीफ खान कहते हैं कि यह ताजिया आगरा का सबसे बड़ा ताजिया है. इसकी खासियत यह है कि जो भी लोग इस ताजिए के सामने आकर दुआ मांगते हैं उनकी हर मुराद पूरी होती है. 323 सालों से लगातार यह ताजिया यहां पर रखा जा रहा है. न्यू आगरा की कर्बला में इस ताजिए को सुपुर्द-ए-खाक किया जायेगा . इमामबाड़ा में रखा जाता है सोने का ताजिया हालांकि इस फूलों के ताजिए के साथ ही आगरा में एक और नया इमामबाड़ा बनाया गया है. यहां पर भी ताजिए रखे जा रहे हैं. साथ ही पुराने जमाने के सोने और चांदी के बने हुए ताजियों की प्रदर्शनी भी लगाई गई है. सोने चांदी के ताजियों को दफनाया नहीं जाता है. कमेटी इन ताजियों को अपने सुपुर्द कर लेती है और फिर अगले साल दोबारा से इन्हीं ताजियों को सजाया जाता है. कैसे बनाया जाता है ताजिया ? स्थानीय निवासी शमशाद उद्दीन कहते हैं कि ईद उल जुहा के बाद से ही ताजियों को बनाने के काम शुरू कर दिया जाता है. ताजिये पर लकड़ी, कपड़ा, चांदी का बुर्ज लगाया जाता है. स्थानीय निवासियों का कहना है कि फूलों का ताजिया आगरा का ही नहीं पूरे हिंदुस्तान का नामी गिरामी ताजिया है. ऐसे ही ताजिया पाकिस्तान में भी रखा जाता है. दरअसल इमामबाड़े के कुछ लोग 1947 के बाद पाकिस्तान में रहने चले गए थे. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Agra news, Muharram, Muharram ProcessionFIRST PUBLISHED : August 09, 2022, 17:44 IST