द्रौपदी मुर्मूः एक तीर से कई सियासी-सामाजिक निशाने साधने का BJP का मास्टरस्ट्रोक

President Election 2022: राष्ट्रपति चुनाव में एक महिला, आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाकर बीजेपी ने देश की महिलाओं, आदिवासियों और एससी-एसटी समुदायों के लिए बड़ा संदेश दिया है. यही नहीं, आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों के लिहाज से भी ये अहम कदम है.

द्रौपदी मुर्मूः एक तीर से कई सियासी-सामाजिक निशाने साधने का BJP का मास्टरस्ट्रोक
(प्रज्ञा कौशिक) नई दिल्ली. आगामी राष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी की तरफ से द्रौपदी मुर्मू को एनडीए का उम्मीदवार बनाया गया है. एक महिला, आदिवासी नेता को देश के सर्वोच्च पद का दावेदार बनाए जाने को बीजेपी का मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है. मुर्मू को आगे लाकर पार्टी ने एक तीर से कई निशाने साधने की कोशिश की है. ये न सिर्फ देश की महिलाओं, आदिवासियों और एससी-एसटी समुदायों के लिए बड़ा संदेश है, बल्कि आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों के मद्देनजर सावधानी से बढ़ाया गया कदम भी है. इसके कई सियासी और सामाजिक मायने देखे जा रहे हैं. बीजेपी ने 5 साल पहले यूपी के दलित समुदाय से आने वाले रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति बनवाकर बड़ा मैसेज दिया था. अब उसी तरह का चौंकाने वाला फैसला द्रौपदी मुर्मू को लेकर किया गया है. मुर्मू ओडिशा से हैं और झारखंड की राज्यपाल रही हैं. बीजेपी इन दोनों ही राज्यों में अपने विस्तार की कोशिश में है. ओडिशा से पहली बार किसी को राष्ट्रपति पद का दावेदार बनाया जाना वहां की उड़िया आबादी को लुभाने का बड़ा प्रयास है. इससे भविष्य में पार्टी को वहां पैर जमाने में मदद मिलेगी. इसके अलावा, राष्ट्रपति चुनाव में बीजू जनता दल का समर्थन हासिल करना भी आसान हो गया है, जो एनडीए उम्मीदवार की जीत के लिए जरूरी है. भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मीडिया को संबोधित करते हुए बताया था कि राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए हमने सहयोगियों के साथ 20 से अधिक नामों पर चर्चा की थी, तब जाकर द्रौपदी मुर्मू का नाम फाइनल किया. इसकी घोषणा मंगलवार को की गई क्योंकि विपक्ष ने अपने उम्मीदवार का ऐलान कर दिया था. सियासी पंडितों का मानना है कि मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाकर बीजेपी ने दिखा दिया है कि वह विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा से सांकेतिक और राजनीतिक दोनों ही तरीकों से बेहतर हैं. सिन्हा को हमेशा से मोदी विरोधी माना जाता रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विभिन्न राजनीतिक कार्यक्रमों में, चाहे वो सार्वजनिक हों या बंद दरवाजे के अंदर, महिलाओं के बीच बढ़ते जनाधार को पहचानने की बात करते रहे हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना ​​​​है कि महिला वोटर भाजपा के लिए एक वफादार वोट बैंक के रूप में उभरी हैं. इसकी एक वजह उज्ज्वला, स्वच्छ भारत और कोरोना महामारी के दौरान गरीबों को मुफ्त राशन जैसी तमाम कल्याणकारी योजनाएं भी हैं. देखा जाए तो हाल के महीनों में पार्टी ने आदिवासियों की तरफ फोकस बढ़ाया है. जून में जेपी नड्डा रांची की यात्रा पर गए थे, जहां उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा की प्रशंसा की थी और आदिवासियों को आश्वासन दिया था कि भाजपा राज्य में उनकी बेहतरी के लिए काम करेगी. बीजेपी अध्यक्ष नड्डा ने इस साल मई में भाजपा मुख्यालय में आदिवासी दलों की एक बड़ी बैठक की मेजबानी भी की थी, जिसमें इलाके की कई पार्टियों को बुलाया गया था. पीएम मोदी और अमित शाह जैसे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में आदिवासियों को लुभाने के प्रयास किए हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को लगता है कि राष्ट्रपति पद के लिए मुर्मू का नाम आगे बढ़ाने से बीजेपी को गुजरात और हिमाचल प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों में भी फायदा होगा क्योंकि दोनों राज्यों में समुदाय की आबादी निर्णायक है. झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा और पूर्वोत्तर सहित कई अन्य राज्यों में भी इनका चुनावी असर रहता है. 2024 के लोकसभा चुनावों के लिहाज से देखें तो भी द्रौपदी मुर्मू का चुना जाना भाजपा का रणनीतिक कदम नजर आता है. लोकसभा की एसटी के लिए आरक्षित 47 सीटों पर पार्टी को इसका फायदा मिल सकता है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: BJP, Draupadi murmu, President of India, Rashtrapati ChunavFIRST PUBLISHED : June 22, 2022, 07:30 IST